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Exemplary initiative of Rotary Club रोटरी क्लब कोरबा और स्वास्थ्य विभाग की पहल,टीबी रोगियों के लिए पोषण सहायता

Exemplary initiative of Rotary Club 
Exemplary initiative of Rotary Club 

कोरबा (ब्लैकआउट न्यूज़) Exemplary initiative of Rotary Club कोरबा जिला में टीबी रोग को नियंत्रित करने के लिए रोटरी क्लब कोरबा और जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। दोनों संगठनों के बीच हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि रोटरी क्लब कोरबा टीबी रोगियों को पोषण सहायता प्रदान करेगा।

पोषण सहायता की व्यवस्था Exemplary initiative of Rotary Club

Exemplary initiative of Rotary Club 
Exemplary initiative of Rotary Club

रोटरी क्लब कोरबा ने टीबी रोगियों के लिए पोषण सहायता की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, क्लब द्वारा हर महीने लगभग 65 पैकेट पोषक तत्वों के वितरित किए जाएंगे, जो लगभग 6 महीने तक चलेंगे। यह सहायता टीबी रोगियों को उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगी।

कोरबा जिला में लगभग 800 मरीज टीबी के Exemplary initiative of Rotary Club

Exemplary initiative of Rotary Club 
Exemplary initiative of Rotary Club

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरबा जिला में लगभग 800 टीवी के मरीज हैं जिसमें अर्बन एरिया में लगभग 350 टीबी के मरीज हैं अभी रोटरी क्लब ने 65 टीबी के मरीजों की सहायता करने का निर्णय लिया है इसके अलावा और भी सामाजिक संस्था के साथ जोड़कर लगभग सभी मरीजों की सहायता की जाएगी ऐसा आश्वासन प्रशासन को दिए है

कार्यक्रम की शुरुआत Exemplary initiative of Rotary Club

यह कार्यक्रम 15 अगस्त से शुरू होगा और इसका उद्देश्य टीबी रोगियों को पोषण सहायता प्रदान करके उनके स्वास्थ्य में सुधार करना है। रोटरी क्लब कोरबा और जिला स्वास्थ्य विभाग के बीच इस पहल से टीबी रोग को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और रोगियों को बेहतर जीवन जीने में सहायता मिलेगी।रोटरी क्लब कोरबा की इस प्रोजेक्ट में विशेष सहयोगी के रूप में डॉक्टर शोभराज चंदानी रहेंगे।

बैठक में जिला क्षय नियंत्रण केंद्र से अशोक पांडे,टेकलाल साहू, राहुल कुर्रे एवं रोटरी क्लब के अध्यक्ष नितिन चतुर्वेदी प्रोजेक्ट चेयरमैन डॉक्टर संजय अग्रवाल, पारस जैन ,सतनाम मल्होत्रा, उपस्थित थे

fighting between two bulls दो बैलों की आधे घंटे तक चली फाइटिंग सड़क जाम की स्थिति बनी देखें VIDEO

fighting between two bulls
fighting between two bulls

कोरबा (ब्लैकआउट न्यूज़)fighting between two bulls  निहारिका क्षेत्र में एसबीआई बैंक के सामने आज उसे समय सड़क जाम की स्थिति निर्मित हो गई जब दो बैल आपस में लड़ते हुए सड़क पर आ गए और तकरीबन आधे घंटे दोनों बैलों की फाइटिंग चलती रही और सड़क में गाड़ियों की कतार लग गई इस दौरान दो बाइक को क्षतिग्रस्त भी किया.

fighting between two bulls

fighting between two bulls 

NTPC accident: three dead एनटीपीसी में बड़ा हादसा 3 मजदूरों की मौत, दर्जन भर मजदूर घायल देखें VIDEO

NTPC accident: three dead
NTPC accident: three dead

बिलासपुर।NTPC accident: three dead छत्तीसगढ़ के सीपत स्थित एनटीपीसी प्लांट से एक बड़ी और दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां मेंटेनेंस कार्य के दौरान 60 टन वजनी ऐश टैंक भरभराकर गिर गया, जिससे भारी अफरा-तफरी मच गई। हादसे में अब तक 3 मजदूरों की मौत की सूचना है, वहीं दर्जनभर मजदूर घायल बताए जा रहे हैं।

रेस्क्यू जारी, 7 मजदूरों को निकाला गया बाहर NTPC accident: three dead

हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर शुरू किया गया। अब तक 7 मजदूरों को बाहर निकाला जा चुका है, जिनमें से 5 की हालत गंभीर है। मृतकों में श्याम साहू (निवासी पोड़ी) की पहचान हुई है।

मेंटेनेंस के दौरान हुआ हादसा NTPC accident: three dead

NTPC accident: three dead
NTPC accident: three dead

जानकारी के मुताबिक, प्लांट में एनुअल मेंटेनेंस का काम चल रहा था। इसी दौरान 60 टन वजनी ऐश टैंक गिर गया, जिसकी चपेट में कई मजदूर आ गए। हादसे के तुरंत बाद प्लांट प्रबंधन और पुलिस मौके पर पहुंची और राहत-बचाव शुरू किया गया।

NTPC प्रबंधन ने हादसे की पुष्टि की, मौत पर चुप्पी

NTPC accident: three dead
NTPC accident: three dead

NTPC प्रबंधन ने हादसे की पुष्टि तो की है, लेकिन अब तक मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

कुछ ही दिन पहले मुंगेली के सरगांव में निर्माणाधीन स्टील प्लांट की चिमनी गिरने से भीषण हादसा हुआ था, जिसमें कई मजदूर दबे थे। और अब NTPC सीपत में हुआ यह हादसा सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।

तकनीकी खामी या लापरवाही?

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह हादसा तकनीकी खामी का नतीजा था या फिर सुरक्षा में की गई बड़ी चूक। स्थानीय प्रशासन और NTPC प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है।

 

Korba jailbreak case कोरबा जेल से फरार 4 आरोपियों में तीसरा भी चढ़ा पुलिस के हत्थे, चौथे की तलाश जारी

Korba jailbreak case 
Korba jailbreak case 

कोरबा (ब्लैकआउट न्यूज़ ) Korba jailbreak case जिला जेल से 2 अगस्त को फरार हुए चार आरोपियों में से तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी हो गई है। इससे पहले मंगलवार को दो आरोपी राजा कंवर और सरना सिंकू को रायगढ़ जिले से गिरफ्तार किया गया था.

तीसरे फरार बंदी दशरथ सिदार पिता प्रताप सिदार उम्र 19 वर्ष, साकिन पोडीबहार नीचे मोहल्ला को आज कोतवाली क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया है।

Korba jailbreak case 

Korba jailbreak case 
Korba jailbreak case

बताया जा रहा है कि वह गिरफ्त में आने से बचने के लिए कोरबा से बाहर निकलने की तैयारी में था, लेकिन मुखबिर की सूचना के आधार पर और तकनीकी तौर पर की जा रही पतासाजी से मिले सुराग के जरिए उसे शहर छोड़कर भागने से पहले ही दबोच लिया गया.

Korba jailbreak case 

Korba jailbreak case 
Korba jailbreak case

वहीं चौथे आरोपी चंद्रशेखर राठिया पिता सुरज प्रसाद राठिया उम्र 20 वर्ष, साकिन कमतरा, थाना घरघोड़ा, जिला रायगढ़ की तलाश जारी है। पुलिस का दावा है कि वह भी देर-सवेर पकड़ लिया जाएगा। विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है। पुलिस की टीम आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही है और जल्द ही सभी आरोपियों को एक बार फिर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जायेगा.

Jail Scandal Update जेल से फरार 4आरोपियों मे दों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Jail Scandal Update
Jail Scandal Update

कोरबा – Jail Scandal Update जिला जेल से फरार चार बंदियों में से दो के पकड़े जाने की सूचना विश्वस्त सूत्रों से मिली हैं इन्हें कहां और किस हालत में पकड़ा गया इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। उम्मीद की जा रही हैं कि पुलिस बाकी दो फरार आरोपियों की जल्द ही पकड़ लेंगी, पुलिस अमला शुरू दिन से ही मुस्तैदी के साथ फरार आरोपियों को पकड़ने में जुट गया था,

Jail Scandal Update

Jail Scandal Update
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तीसरे दिन प्राप्त जानकारी के अनुसार दो आरोपी पकड़ में आए हैं। वहीं दूसरी तरफ जेल से चार कैदियों के फरार होने के मामले में प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। सहायक जेल अधीक्षक को बिलासपुर अटैच कर दिया। इससे पहले तीन जेल प्रहरियों को भी लापरवाही के आरोप में निलंबित किया जा चुका है।

फरार बंदियों की जानकारी और इनाम की घोषणाJail Scandal Update

Jail Scandal Update
Jail Scandal Update

पुलिस अधीक्षक ने फरार बंदियों की जानकारी देने वाले को 10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है और आम जनता से अपील की है कि यदि किसी को भी इन बंदियों के बारे में कोई जानकारी मिलती है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

New Hf Deluxe Pro Launch हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड की एक नई मोटरसाइकिल New Hf Deluxe Pro की आधिकारिक लॉन्चिंग के बी ऑटोमोबाइल्स कुसमुंडा मे

New Hf Deluxe Pro Launch
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कोरबा (कुसमुंडा)  New Hf Deluxe Pro Launch के बी ऑटोमोबाइल्स शोरूम कबीर चौक गेवरा बस्ती कुसमुंडा में आज दिनांक 04•08•25 को दोपहर 01 बजे किया गया।जिसमें मुख्य अतिथि के रूप मे कटघोरा विधायक  प्रेमचंद पटेल शामिल हुए.

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विशिष्ट अतिथि अतिथि के रूप मे हाजी नूर मोहम्मद आरबी,(पूर्व सदस्य उर्दू आयोग छ ग शासन),श्रीमती सुनीता पाटले,(प्रदेश मंत्री अ. जा. मोर्चा),मुकुल कर्ष,(प्रदेश विशेष आमंत्रित सदस्य पि. व. मोर्चा) लखन राठौर,(पूर्व महामंत्री एवं पूर्व पार्षद) संजय कुमार पांडेय,(प्रोपाइटर- पाण्डेय रोड लाइंस कुसमुंडा) सुखदीप सिंह,(भाजपा प्रदेश समिति सदस्य अल्पसंख्यक मोर्चा) कमलेश प्रधान,(युवा भाजपा नेता) विकेश झा,(भाजपा महामंत्री बाँकीमोंगरा मण्डल)

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मन्नू राठौर,(युवा भाजपा नेता) तेजप्रताप सिंह,(वार्ड पार्षद 25) राजकुमार कँवर,(पार्षद 24) राजेश पटेल,(युवा भाजपा नेता)अध्यक्षता,संतोष कुमार राठौर (विधायक प्रतिनिधि)एवं आस पास के काफी मात्रा में गणमान्य नागरिक, ग्राहकगण, मैकेनिक एवं पत्रकार बंधु उपस्थित रहे, लॉन्चिंग के तुरंत बाद ग्राहकों को अतिथियों के द्वारा New Hf Deluxe Pro की चाबी देकर डिलीवरी प्रदान करते हुए उन्हे बधाई दिया गया, एवं हमारे सेल्स स्टाफ के द्वारा उपस्थित सभी को न्यू मॉडल्स की खासियत बताई गई एवं फ्री टेस्ट ड्राइव भी करवाया गया और सभी को स्वल्पाहार कराया गया.

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इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन के बी आटोमोबाईल्स के प्रोपराइटर हाजी इरफान नूर आरबी एवं सेल्स की टीम ने सारे अतिथियों क़ो गुलदस्ते एवं मोमेंटो देकर स्वागत किया गया.

CG Jail Break Case सहायक जेल अधीक्षक सहित 3 जेल प्रहरी सस्पेंड,सरकार का बड़ा एक्शन

CG Jail Break Case 
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कोरबा 5 अगस्त 2025।CG Jail Break Case  कोरबा में जिला जेल ब्रेक कांड में बड़ा एक्शन हुआ है। जिला जेल कोरबा के सहायक जेल अधीक्षक सहित 3 जेल प्रहरियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आपको बता दे पिछले दिनों 4 कैदी दिनदहाड़े जेल की 25 फीट उंची दीवार फांदकर फरार हो गये थे। इस घटना की जानकारी के बाद हड़कंप मच गया था। घटना के बाद जेल डीजी हिमांशु गुप्ता ने भी जिला कोरबा का निरीक्षण किया था। जिसके बाद अब यह एक्शन लिया है।

CG Jail Break Case

CG Jail Break Case 
CG Jail Break Case

कोरबा 5 अगस्त 2025। कोरबा में जिला जेल ब्रेक कांड में बड़ा एक्शन हुआ है। जिला जेल कोरबा के सहायक जेल अधीक्षक सहित 3 जेल प्रहरियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आपको बता दे पिछले दिनों 4 कैदी दिनदहाड़े जेल की 25 फीट उंची दीवार फांदकर फरार हो गये थे। इस घटना की जानकारी के बाद हड़कंप मच गया था। घटना के बाद जेल डीजी हिमांशु गुप्ता ने भी जिला कोरबा का निरीक्षण किया था। जिसके बाद अब यह एक्शन लिया है।

CG Jail Break Case 

CG Jail Break Case 
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गौरतलब है कि 2 अगस्त शनिवार को जिला जेल कोरबा से 4 कैदी दीवार फांद कर फरार हो गये थे। फरार होने वाले निरूद्व बंदियों को पुलिस ने पाक्सो और दुष्कर्म के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया था। इनमें तीन आरोपी कोरबा और एक आरोपी रायगढ़ जिले का निवासी था। जेल ब्रेक की इस घटना की जानकारी के बाद जेल प्रबंधन और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था। पुलिस अधिकारियों द्वारा फरार कैदियों की फोटो जारी कर उनकी धरपकड़ के लिए जिले में नाकेबंदी की गयी।

CG Jail Break Case

वहीं दूसरी तरफ एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने फरार कैदियों पर 10 हजार रूपये इनाम की घोषणा की गयी। लेकिन पुलिस की लगातार छापामार कार्रवाई और पतासाजी के 72 घंटे बाद भी कोई खास सफलता नही मिल सकी है। कोरबा में जिला जेल ब्रेक की जानकारी के बाद शनिवार रात ही जेल डीजी हिमांशु गुप्ता कोरबा पहुंचे थे। उन्होने जिला जेल का निरीक्षण कर इस घटना की जानकारी ली।

इस पूरे घटनाक्रम में सुरक्षा को लेकर हुए गंभीर चूक पर अब एक्शन लिया गया है। बताया जा रहा है कि जेल ब्रेक की घटना में लापरवाही बरतने वाले 3 जेल प्रहरियों सहित सहायक जेल अधीक्षक विजयानंद सिंह को निलंबित कर दिया गया है।

 

large plantation पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल,गरीब नवाज़ रिलीफ़ फाउंडेशन द्वारा वृहद वृक्षारोपण

large plantation
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कोरबा ( ब्लैकआउट न्यूज़) large plantation दावते इस्लामी के अंतर्गत कार्यरत GNRF (गरीब नवाज़ रिलीफ़ फाउंडेशन) द्वारा दिनांक 3 अगस्त 2025 को कोरबा ज़िले (छत्तीसगढ़) के विभिन्न स्थानों पर एक वृक्षारोपण अभियान का सफल आयोजन किया गया।

large plantation

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इस अभियान के अंतर्गत स्थानीय मुस्लिम समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और सामाजिक समरसता व पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दिया। यह पहल सभी समुदायों को साथ लाकर एक हरित और स्वच्छ भारत की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम रही।

large plantation

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वृक्षारोपण के लिए कोरबा वन विभाग द्वारा पौधों की नि:शुल्क व्यवस्था की गई, जिसके लिए GNRF ने उनका आभार प्रकट किया। लगाए गए पौधों में अशोक, जामुन, गुलमोहर, आम, अमरूद इत्यादि शामिल रहे, जो आने वाले वर्षों में पर्यावरण को शुद्ध करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

इस अवसर पर आयोजकों ने कहा:large plantation

“पेड़-पौधे केवल ऑक्सीजन नहीं देते, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवनदायिनी विरासत हैं। GNRF का उद्देश्य केवल राहत कार्य तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाकर हर व्यक्ति को जिम्मेदार नागरिक बनाना भी है।”

 इस मुहिम का उद्देश्य:large plantation

पर्यावरण संतुलन बनाए रखना
सामाजिक एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना
भावी पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य देना

एकजुटता का संदेश:

यह अभियान यह दर्शाता है कि समाज का हर वर्ग यदि साथ आए, तो किसी भी सकारात्मक परिवर्तन को साकार किया जा सकता है। “हरित भारत – सुरक्षित भारत” की दिशा में यह पहल आने वाले समय में और भी व्यापक रूप लेगी।

complaint of fake appointment कलेक्टर साहब जनपद पंचायत के लखपति बाबू राठौर की करतूतों की जाँच कब होगी, फर्जी नियुक्ति/पदोन्नति की अधिवक्ता ने की शिकायत

complaint of fake appointment 
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कोरबा। complaint of fake appointment जिले के जनपद पंचायत कोरबा के लखपति बाबू ओ.पी. राठौर के विरुद्ध की गई जांच के लिए जांच दल एवं शिकायतकर्ता को आवश्यक सुरक्षा उपलब्ध करवाने का आग्रह कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से किया गया है।

complaint of fake appointment

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शिकायतकर्ता अधिवक्ता डॉ.संतोष मिश्रा ने बताया कि उन्होंने जनपद पंचायत कोरबा में पदस्थ उक्त लखपति बाबू के खिलाफ दिनांक 07/05/2025 को कलेक्टर कार्यालय में शिकायत किया था जिसको जांच हेतु जनपद पंचायत कोरबा को लिखित है। परन्तु बहुत ही दु:ख के साथ यह लिखना पड़ रहा है कि आज पर्यन्त उक्त बाबू के फर्जी नियुक्ति/पदोन्नति की जांच उसके भय से जांच दल नहीं कर पा रहा है। चूंकि उक्त बाबू के द्वारा जनपद में पदस्थ होकर शासन को लाखों का चूना लगाया गया है, वर्तमान में उसकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत को गई है कि वह जैसे कि तीन सितारा होटल, पेट्रोल पंप, बंगला एवं चार पहिया गाड़ी में निवेश किया है।

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वर्तमान स्थिति में उक्त बाबू ने बड़े पैमाने पर भष्ट्राचार कर अपनी अवैध सम्पत्ति बनाई है इस वजह किसी भी अधिकारी को खरीद लेना एवं नेताओं से दबाव बनवाना उनके बायें हाथ का खेल है। संतोष मिश्रा ने कलेक्टर को अवगत कराया है कि ओ.पी. राठौर बाबू के द्वारा अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर जिला पंचायत कोरबा में मनरेगा विभाग में अपने पुत्र को तकनीकी सहायक के पद पर नौकरी दिलाने के लिए प्रभाव का दुरूपयोग किया है जो वर्तमान में जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा में पदस्थ है।

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चूंकि तीन माह पश्चात भी जांच दल अभी तक उसके खिलाफ कोई जांच नही कर पा रही है, इससे यह प्रतीत होता है कि उसका भय जनपद पंचायत में बना हुआ है। जिससे मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है।
वर्तमान में भाजपा की सरकार के कथनी व करनी में अंतर स्पष्ट है कि एक तरफ तो सरकार भष्ट्राचारियों पर कार्यवाही का दम भर रही है और जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा कर रही है।

 

दूसरी तरफ एक सामान्य बाबू जो कि भष्ट्राचार को अंजाम देकर लाखों को मालिक बन बैठा है, शिकायत करने के उपरांत अभी तक कार्यवाही नहीं हो पा रही है जो शिकायतकर्ता के लिए तकलीफदेह होने के साथ डर भी लगने लग गया है क्योंकि उक्त बाबू झूठा षड़यंत्र कर फंसा सकता है।

कलेक्टर व एसपी से आग्रह किया गया है कि उक्त बाबू की जांच हेतु जनपद पंचायत कोरबा द्वारा गठित टीम एवं शिकायतकर्ता को उचित सुरक्षा उपलब्ध करवाने का कष्ट करें, आपके आभारी रहेंगे।

 

Fake encounter फर्जी एनकाउंटर के मामले मे 5 पुलिस अफसरों को उम्र कैद की सजा, साढ़े 3- 3 लाख जुर्माना भी 

Fake encounter
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पंजाब Fake encounter मोहाली स्थित सीबीआई की विशेष अदालत आज पंजाब पुलिस के पूर्व एसएसपी, डीएसपी समेत पांच दोषियों की सजा पर फैसला सुनाएगी। 1993 के फर्जी एनकाउंटर मामले में पांच पूर्व पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया गया है।

पंजाब के तरनतारन में वर्ष 1993 के फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी पंजाब पुलिस के पूर्व एसएसपी और डीएसपी सहित पांच पुलिस अधिकारियों की सजा पर सोमवार को फैसला सुनाया है। मोहाली की सीबीआई अदालत ने पूर्व एसएसपी भूपिंदरजीत सिंह, इंस्पेक्टर सूबा सिंह, डीएसपी दविंदर सिंह, एएसआई गुलबर्ग सिंह और एएसआई रघबीर सिंह (सभी सेवानिवृत्त) को आपराधिक साजिश, हत्या, रिकॉर्ड नष्ट करने और फर्जीवाड़ा करने के आरोप में शुक्रवार को दोषी करार था। उक्त दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

Fake encounter

Fake encounter
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मोहाली स्थित सीबीआई की विशेष अदालत आज पंजाब पुलिस के पूर्व एसएसपी, डीएसपी समेत पांच दोषियों की सजा पर फैसला सुनाएगी। 1993 के फर्जी एनकाउंटर मामले में पांच पूर्व पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया गया है।

 

विस्तार Fake encounter

पंजाब के तरनतारन में वर्ष 1993 के फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी पंजाब पुलिस के पूर्व एसएसपी और डीएसपी सहित पांच पुलिस अधिकारियों की सजा पर सोमवार को फैसला सुनाया है। मोहाली की सीबीआई अदालत ने पूर्व एसएसपी भूपिंदरजीत सिंह, इंस्पेक्टर सूबा सिंह, डीएसपी दविंदर सिंह, एएसआई गुलबर्ग सिंह और एएसआई रघबीर सिंह (सभी सेवानिवृत्त) को आपराधिक साजिश, हत्या, रिकॉर्ड नष्ट करने और फर्जीवाड़ा करने के आरोप में शुक्रवार को दोषी करार था। उक्त दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

Fake encounter

Fake encounter
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पीड़ित परिवारों के वकील सरबजीत सिंह वेरका ने बताया कि जांच पूरी करने के बाद सीबीआई ने 2002 में भूपिंदरजीत सिंह डीएसपी गोइंदवाल, इंस्पेक्टर के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था। गुरदेव सिंह एसएचओ सरहाली, एसआई ज्ञान चंद, एएसआई देविंदर सिंह, एएसआई गुलबर्ग सिंह, इंस्पेक्टर सूबा सिंह एसएचओ थाना वेरोवाल, एएसआई जगीर सिंह, एएसआई रघुबीर सिंह, एचसी मोहिंदर सिंह, एचसी अरूर सिंह को नामजद किया गया। लेकिन 2010-21 की अवधि के दौरान इस मामले की सुनवाई रुकी रही और इस अवधि के दौरान पांच आरोपियों की मृत्यु हो गई।

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वेरका ने यह भी बताया कि सीबीआई ने इस मामले में 67 गवाहों का हवाला दिया था लेकिन दुर्भाग्य से देरी से सुनवाई के दौरान 36 गवाहों की भी मृत्यु हो गई और इस मामले में केवल 28 ने गवाही दी। अंत में आज शुक्रवार को पांच आरोपियों भूपिंदरजीत, दविंदर, सूबा, गुलबर्ग और रघबीर सिंह को यूएस 120 बी, 120-बी आर/डब्ल्यू 302 आईपीसी, 120 बी आर/डब्ल्यू 201 आईपीसी और 120 बी आर/डब्ल्यू 218 आईपीसी के लिए अपराध करने का दोषी ठहराया गया और दोषी को हिरासत में ले लिया गया और जेल भेज दिया गया और अब सोमवार को सजा सुनाई जाएगी अदालत में उपस्थित परिवार के सदस्यों ने कहा कि घटना के 32 साल बाद न्याय मिला है।

शुक्रवार को सीबीआई पंजाब मोहाली के विशेष न्यायाधीश बलजिंदर सिंह सरा की अदालत ने 32 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया, जिसमें एक ही गांव यानी रानी विल्लाह के तीन एसपीओ सहित सात युवकों को तरनतारन पुलिस द्वारा दो मुठभेड़ों में उठा लिया गया। उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया गया, प्रताड़ित किया गया और फिर उन्हें मारा हुआ दिखाया गया।

लावारिस के तौर पर कर दिया अंतिम संस्कार Fake encounter

इस मामले की जांच सीबीआई ने पंजाब पुलिस द्वारा बड़े पैमाने पर लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 12 दिसंबर 1996 को पारित आदेशों पर की थी। 1997 में सीबीआई ने प्रारंभिक जांच दर्ज की और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की और फिर 1999 में, नरिंदर कौर यानी एसपीओ शिंदर सिंह की पत्नी, गांव रानीविल्लाह के बयान पर नियमित मामला दर्ज किया, जिसे मुठभेड़ में मारा गया दिखाया गया था। उसके शव को अज्ञात और लावारिस के रूप में अंतिम संस्कार कर दिया गया था।

 

सीबीआई के लोक अभियोजक ने बताया कि सीबीआई द्वारा जांच के दौरान यह साबित हुआ कि 27 जून 1993 की सुबह, इंस्पेक्टर गुरदेव सिंह एसएचओ थाना सरहाली के नेतृत्व में एक पुलिस दल ने एसपीओ शिंदर सिंह, देसा सिंह, सुखदेव सिंह, बलकार सिंह उर्फ बॉबी और दलजीत सिंह सभी निवासी गांव रानी वल्लाह थाना सरहाली अमृतसर को सरकारी ठेकेदार जोगिंदर सिंह के निवास से उनके परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में जबरन उठा लिया, जहां वे गनमैन के रूप में ड्यूटी कर रहे थे। उसके बाद उन्हें थाना सरहाली ले जाया गया, जहां उन्हें अवैध रूप से रखा गया और गांव संगतपुरा के एक डकैती मामले में उनकी संलिप्तता स्वीकार करने के लिए बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया।

 

फिर उनके घरों की तलाशी लेने के लिए उन्हें गांव रानी वल्लाह ले जाया गया। जांच में यह भी पता चला कि जोगिंदर सिंह ठेकेदार और क्षेत्र के अन्य सम्मानित दूसरी ओर 2 जुलाई 1993 को सरहाली पुलिस ने एक झूठी एफआईआर दर्ज की थी जिसमें कहानी गढ़ी गई थी कि शिंदर सिंह, देसा सिंह और सुखदेव सिंह उनको जारी किए गए हथियार व गोला-बारूद के साथ ड्यूटी से फरार हो गए हैं। जांच से यह भी पता चला कि उपरोक्त एसपीओ के अपहरण के 6/7 दिनों के बाद बलकार सिंह उर्फ काला को भी गांव रानी वल्लाह में उसके घर से उठाया गया था।

रिकॉर्ड में की गई थी हेराफेरी

सीबीआई द्वारा की गई जांच में आगे खुलासा हुआ कि 12 जुलाई 1993 को भूपिंदरजीत सिंह, तत्कालीन डीएसपी गोइंदवाल साहिब और इंस्पेक्टर गुरदेव सिंह एसएचओ थाना सरहाली के नेतृत्व में पुलिस पार्टी ने दिखाया था कि गांव करमूवाला के मंगल सिंह को डकैती के एक मामले में वसूली के लिए गांव घरका ले जाते समय पुलिस पार्टी पर आतंकवादियों ने हमला किया और क्रॉस फायरिंग के दौरान मंगल सिंह और तीन हमलावर मारे गए मृतकों के पास से एक 303 राइफल, एक स्टेनगन और एक एसएलआर के साथ इस्तेमाल और जिंदा कारतूस बरामद दिखाए गए थे।

 

कथित मुठभेड़ के संबंध में मामला थाना सरहाली में दर्ज किया गया और मुठभेड़ को वास्तविक दिखाने के लिए रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई थी। हालांकि पुलिस फाइल के अनुसार हमलावरों के शवों को एएसआई गुलबर्ग सिंह और एएसआई देविंदर सिंह द्वारा पहचाना गया था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इनका अंतिम संस्कार अज्ञात और लावारिस के रूप में किया गया था। इस मुठभेड़ में बरामद दिखाए गए हथियार और गोला-बारूद को जांच के लिए सीएफएसएल भेजा गया था,

जिसने राय दी कि कथित मुठभेड़ के स्थान से पुलिस द्वारा एकत्र किए गए खाली खोखे, मृतकों से बरामद दिखाए गए हथियारों से जुड़े नहीं हो सकते और पीएमआर के अनुसार मृत्यु-पूर्व चोटें भी साबित करती हैं कि मृतकों को मृत्यु से पहले प्रताड़ित किया गया था।

मुठभेड़ की कहानी गढ़कर दर्ज किया झूठा केस

सीबीआई जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सुखदेव सिंह जिसका 27 जून 1993 को सरहाली पुलिस द्वारा विशेष पुलिस अधिकारियों के साथ अपहरण किया गया था, को बाद में वेरोवाल पुलिस थाने की पुलिस को सौंप दिया गया था। सीबीआई की जांच में यह भी पाया गया कि वेरोवाल पुलिस ने जून 1993 के दौरान सरबजीत सिंह को उसके गांव हंसावाला अमृतसर से और हरविंदर सिंह निवासी जलाबाद को कैथल, हरियाणा से अगवा किया था

और बाद में 28 जुलाई 1993 को भूपिंदरजीत सिंह डीएसपी गोइंदवाल और इंस्पेक्टर सूबा सिंह, तत्कालीन एसएचओ थाना वेरोवाल तरनतारन के नेतृत्व में वेरोवाल पुलिस के एक पुलिस दल के साथ एक अन्य मुठभेड़ में तीनों को मारा हुआ दिखाया गया था।

 

पुलिस ने 28 जुलाई 93 को फर्जी मुठभेड़ को सही ठहराने के लिए एक बोल्ट एक्शन राइफल, एक 12 बोर एसबी बंदूक और एक 303 राइफल के साथ इस्तेमाल और जिंदा कारतूस की बरामदगी दिखाते हुए मेमो तैयार किया और मुठभेड़ की कहानी गढ़कर उपरोक्त व्यक्तियों की हत्याओं को छिपाने के लिए 28 जुलाई 1993 को थाना वेरोवाल तरनतारन में एक झूठा मामला दर्ज करवाया और झूठे दस्तावेज तैयार किए।