विकास की झलक देखने रायपुर पहुंचे नक्सल प्रभावित क्षेत्र के आदिवासी युवा, डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भ्रमण को लेकर कही बड़ी बात…

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रायपुर : नक्सली कमांडर हिडमा के गांव पूवर्ती के साथ घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के गांवों में रहने वाले आदिवासी युवकों को प्रदेश के विकास से परिचित कराने रायपुर भ्रमण कराया जा रहा है. मन में शोषण के भाव को दूर करने के उद्देश्य से कराए जा रहे इस भ्रमण की सार्थकता आदिवासी युवाओं के कलेक्टर, डॉक्टर, पुलिस बनने की इच्छा से सिद्ध होती नजर आ रही है.

नक्सल प्रभावित अंचल से पहुंचे आदिवासी युवाओं से मुलाकात करने प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान पहुंचे डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में कहा कि इन आदिवासी युवाओं के मन में जो भ्रम फैला कर रखा गया है कि कोई शोषण करेगा, यह सब बातें गलत है. यह खत्म होना चाहिए. नक्सलियों ने खुद जितने लोगों को मौत के घाट उतारा है, इसका कौन हिसाब देगा. आज हम बच्चो को लेकर एयरपोर्ट जाएंगे, रेलवे स्टेशन जाएंगे, माल जाएंगे. रात में पिक्चर हमको देखना है. बहुत सारा काम है.

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उन्होंने कहा कि कि जितने साथी यहां पर आए हैं, उनमें से बहुत से कभी रायपुर नहीं आए है. वह रायपुर देखकर जाएं. उनका प्रदेश है, राजधानी है. ऐसे ही उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा. हम लोग यह कोशिश कर रहे हैं. युवा यह देखने आए हैं कि सरकार ठीक काम कर रही है, या नहीं, अधिकारी ठीक काम कर रहे हैं, या नहीं.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग यह कहना चाहते हैं कि सरकार उनकी सेवक है, ये अधिकारी उनके सेवक है. इसके साथ उन्होंने आदिवासी अंचल में स्थापित किए जा रहे कैंप का जिक्र करते हुए कहा कि यह सिक्योरिटी का नहीं, विकास का कैंप है. विकास पहुंचना है, इसलिए कैंप है. कैंप के आसपास जितने स्थान हैं, उन सभी जगह हम हर क्षेत्र के नौजवानों को अपना प्रदेश दिखाएंगे.

ग्रामीण एवं पंचायत विभाग के सचिव निहारिका बारिक ने कहा कि बहुत अच्छा लग रहा है. सबके साथ बैठकर और मैं अभी इन लोगों से पूछ रही थी कि रायपुर में क्या करना चाह रहे हैं. मॉल में जाकर शॉपिंग करना चाह रहे हैं. फोटो खींचना चाह रहे हैं, ताकि गांव में जाकर दिखाएंगे सबको, और आने वाले समय में बिल्कुल बदलाव दिखेगा. उनके मन में जो एक संकोच था, गांव से बाहर आकर के लोगों से साथ मिलने का वह सब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. उनके मन में जो एक्सपीरियंस बढ़ेंगे, बाहर का दुनिया देखकर वह धीरे-धीरे ट्रांसलेट होता है. अपने जमीन पर अपने गांव में वही सब करने का यह सब का वही आशय है.

उन्होंने कहा कि कई बच्चे आगे पढ़ना चाह रहे हैं. कई पुलिस में भर्ती होना चाहते हैं. कोई आंगनबाड़ी में जाना चाहती हैं. ऐसे बहुत सारे बच्चे हैं, जो अपने-अपने ड्रीम को लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं. आगे लगातार या कार्यक्रम चलेगा. हम और लोगों को यहां बुलाएंगे. हम वहां भी पहले गए हैं, और भी आगे जाएंगे उनके साथ मिलकर उसे एरिया का पूरा डेवलपमेंट प्लान करेंगे.

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