चीन के बच्चों में निमोनिया आउटब्रेक, भारत तक पहुंची बीमारी तो क्या होगा? जानें कैसी है राज्यों की तैयारी

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चीन में बच्‍चों और बुजुर्गों में तेजी से बढ़ते रहस्यमय माइकोप्लाज्मा निमोनिया के संक्रमण को देखते हुए भारत में भी तैयारियां पूरी हो गई है. अगर यह संक्रमण चीन से भारत तक फैल गया तो उससे बचाव और मुकाबले के लिए राज्यों ने खास तैयारियां की हैं. केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में अलर्ट जारी होने के बाद राज्यों ने अपने मेडिकल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में मौजूद खामियों को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है.

क्या कहा है केंद्र सरकार ने

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चीन में संक्रमण में बढ़ोतरी के बाद पिछले हफ्ते, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अस्पताल की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए कहा था. साथ ही यह भी कहा था कि भारत का स्वास्थ्य मंत्रालय चीन में बच्चों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि पर बारीकी से नजर रख रहा है. अत्यधिक सावधानी के तौर पर, मंत्रालय ने राज्यों से अपने अस्पताल में बिस्तर, इन्फ्लूएंजा के लिए दवाएं और टीके, चिकित्सा के लिए ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, पीपीई आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा था.

कर्नाटक में आपात स्थिति के लिए तैयार सरकार
केंद्र सरकार की ओर से अलर्ट के बाद कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि राज्य के अस्पतालों में संक्रमण से निपटने की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. उन्होंने कहा, बीमारी से घबराने की कोई जरूरत नहीं है. राज्य के अस्पताल किसी भी तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार हैं.

वह कहते हैं, “हमें भारत सरकार से भी गाइडलाइंस मिली है. मैंने अधिकारियों से इन सब पर गौर करने को कहा. हमने अब अपने सभी अस्पतालों को तैयार रहने के लिए कहा है. मॉक ड्रिल, ऑक्सीजन, बेड, पीपीई किट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. फिलहाल घबराने की कोई बात नहीं है, ऐसी कोई स्थिति नहीं है.”

तमिलनाडु में बच्चों की जांच में बरती जा रही हैं सावधानियां
तमिलनाडु में बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों की बहुत सावधानी से जांच हो रही है. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने न्‍यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘चीन में निमोनिया बुखार का पता चला है. इसका असर बच्चों पर अधिक पाया गया है. इस संबंध में जन स्वास्थ्य विभाग बच्चों में होने वाले बुखार की बहुत ही सावधानी से जांच कर रहा है. तमिलनाडु में फिलहाल ऐसे किसी संक्रमण के बारे में पता नहीं चला है.’

गुजरात में भी तैयारियां पूरी
संक्रमण को लेकर गुजरात में भी हर तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. राज्य ने गुजरात में कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान की गई ऑक्सीजन की उपलब्धता और बिस्तर की तैयारियों की फिर से जांच की है. सूबे स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार चीन में सांस की बीमारी के मामलों में वृद्धि के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के समय जो भी व्यवस्था की गई थी वे अभी भी परफेक्ट हैं.

क्या है WHO का कहना

इसके लक्षण कोविड संक्रमण से मिलते जुलते होने की वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इस मामले में रिपोर्ट भी ली है. इस नए संक्रमण पर चीन की ओर से जवाब मिलने के बाद WHO ने फिलहाल कहा है कि चीन में सांस संबंधी बीमारियों के ताजा मामले माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसे ज्ञात वायरस के संक्रमण से जुड़े हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी कहा है कि कोविड प्रतिबंधों को हटाने के बाद इसके प्रसार में बढ़ोतरी हुई है. यह एक सामान्य जीवाणु संक्रमण है, जो आमतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है और इस साल मई से बीजिंग और लियाओनिंग प्रांत में फैल रहा है.

चीन के अधिकारियों ने क्या कहा

बढ़ते संक्रमण को लेकर चीन के अधिकारियों ने हेल्थ एडवाइजरी जारी कर लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से परहेज करने को कहा है. मेलबर्न स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज के प्रमुख ब्रूस थॉम्पसन ने कहा कि प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ भी असामान्य नहीं था. थॉम्पसन ने कहा, ‘सैम्पल टेस्टिंग की गई है. ऐसा कुछ भी नहीं मिला है,​ जिससे यह संके​त मिले कि यह कोविड का एक नया वेरिएंट हो सकता है.”

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