कबीरधाम : गृहमंत्री विजय शर्मा ने राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के लोकप्रिय प्रत्याशी संतोष पाण्डेय के पक्ष में कबीरधाम के ग्राम घुघरीखुर्द में जनसंपर्क किया. यह सीट छत्तीसगढ़ की एक प्रमुख वीआईपी सीटों में से एक है, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह यहां से विधायक हैं. इस कारण यह लोकसभा सीट और भी खास हो जाती है. वर्तमान में सांसद संतोष पांडे को बीजेपी ने दोबारा मौका देते हुए लोकसभा प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है. अब पूर्व मुख्यमंत्री के राजनांदगांव से लोकसभा चुनाव लड़ने से यह मुकाबला दिलचस्प हो गया है और सभी की निगाहें इस सीट पर टिकी हुई हैं.
राजनांदगांव का इतिहास गौरवशाली रहा है तभी तो इसे छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी कहा जाता है. यहां पर प्रसिद्ध राजवंशों जैसे सोमवंशी, कालचुरी बाद में मराठाओं द्वारा शासन किया गया था. शुरुआती दिनों में इसको नंदग्राम कहा जाता था, तभी तो इसका नाम नंदग्राम से राजनांदगांव हो गया. सही मायने में यह जगह 1830 में अस्तित्व में आयी थी. उस समय बैरागी वैष्णव महंत ने राजनंदगांव में अपनी राजधानी स्थानांतरित कर दी थी.
आजादी के बाद 1948 में, रियासत राज्य और राजधानी शहर राजनांदगांव को मध्य भारत जो बाद में मध्य प्रदेश हो गया उसके दुर्ग जिले में विलय कर दिया गया था. 1973 में राजनांदगांव को दुर्ग जिले से अलग करके नया राजनांदगांव जिला बनाया गया था. वहीं 1998 में इसके कुछ हिस्सें को अलग कर कबीरधाम जिला बना दिया गया.