दिल्ली। KG Big Breaking छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचल के गांव की महिला सरपंच को ‘अनुचित कारणों’ से हटाने के लिए राज्य सरकार से नाखुशी जताते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि सरपंच ‘‘बाबू (नौकरशाह) के सामने भीख का कटोरा लेकर जाए’’।
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न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने जशपुर जिले के एक गांव की महिला सरपंच सोनम लकड़ा को हुए मानसिक उत्पीड़न के लिए राज्य सरकार पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसका भुगतान चार सप्ताह में किया जाना है।
CG Big Breaking ‘सहयोग की बजाय अनुचित व्यवहार’
पीठ ने कहा, ‘‘यह एक निर्वाचित सरपंच को हटाने में अधिकारियों की ओर से की गई मनमानी का मामला है, एक युवा महिला जिसने छत्तीसगढ़ के एक सुदूर क्षेत्र में अपने गांव की सेवा करने के बारे में सोचा था।’’ पीठ ने कहा, ‘‘उसकी प्रतिबद्धताओं की प्रशंसा करने या उसके साथ सहयोग करने अथवा उसके गांव के विकास के लिए उसके प्रयासों में मदद करने के बजाय, उसके साथ बिल्कुल अनुचित व्यवहार किया गया।’’
CG Big Breaking ‘कार्यवाही के लिए बनाया बेकार का बहाना’

शीर्ष अदालत ने निर्माण सामग्री की आपूर्ति और निर्माण कार्य पूरा होने में देरी के कारण उसे सरपंच के पद से हटाने के लिए कार्यवाही शुरू करने को ‘बेकार का बहाना’ करार दिया।शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘निर्माण कार्यों में इंजीनियर, ठेकेदार और सामग्री की समय पर आपूर्ति के अलावा मौसम की अनिश्चितताएं शामिल होती हैं और इसलिए, निर्माण कार्यों में देरी के लिए सरपंच को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जब तक कि यह नहीं पाया जाता कि काम के आवंटन या सौंपे गए किसी विशिष्ट कर्तव्य को करने में देरी हुई थी।’’
CG Big Breaking बहाने को झूठा करार दिया, SDM के आदेश को रद्द किया
उन्होंने कहा, ‘‘हम संतुष्ट हैं कि कार्यवाही शुरू करना एक बेबुनियाद बहाना था और अपीलकर्ता को झूठे बहाने से सरपंच के पद से हटा दिया गया।’’ उप-संभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा पारित निष्कासन आदेश को रद्द करते हुए, पीठ ने महिला को उसका कार्यकाल पूरा होने तक सरपंच के पद पर बहाल कर दिया।
CG Big Breaking ‘मुआवजे की राशि अधिकारियों से वसूलने को स्वतंत्र’
पीठ ने कहा, ‘‘चूंकि अपीलकर्ता को परेशान किया गया है और उसे टालने योग्य मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ा है, इसलिए हम उसे 1 लाख रुपये अदा किये जाने का आदेश देते हैं, जिसका भुगतान छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा चार सप्ताह के भीतर किया जाएगा।’’ पीठ ने कहा कि राज्य महिला को परेशान करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से राशि वसूलने के लिए स्वतंत्र है।