कोरबा में हाथियों का डर, कई क्षेत्रों में सूर्यास्त से पहले ही थम जा रहा प्रचार

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फाइल फोटो। - Dainik Bhaskarविधानसभा चुनाव का प्रचार तेज हो गया है, लेकिन पाली-तानाखार और रामपुर विधानसभा क्षेत्र के हाथी प्रभावित गांवों में ऐसा खौफ है कि शाम को अंधेरा होने के पहले ही प्रचार थम जाता है। मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है। हाथी कभी भी सड़क पार करते हुए आसपास ही घूमते रहते हैं। कोई भी राजनैतिक दल शाम होने के बाद चुनाव प्रचार में रिस्क नहीं लेना चाहता है। चोटिया से कोरबी पाली के बीच और कोरबी से पसान के बीच में हाथियों को मूवमेंट अधिक रहता है। इसके साथ ही नेशनल हाइवे में चोटिया से केंदई के बीच कभी भी हाथी सड़क पर आ जाते हैं। अभी 29 हाथियों का झुंड कोरबी के आसपास और पसान में 15 हाथियों का झुंड घूम रहा है। हाथियों का झुंड एक दिन में 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करता है। इसकी वजह से यह पता ही नहीं चलता कि कहां, कब हाथी पहुंच जाए। कुल्हरिया के निर्मल सिंह का कहना है कि भीतरी सड़कों में शाम होने के बाद आवाजाही बंद हो जाती है।

राजनैतिक दलों के कार्यकर्ता भी अंधेरा होने के पहले लौट जाते हैं। रात में अब कोई प्रचार करने नहीं पहुंचता। कोरबी के इंद्रपाल सिंह ने बताया कि पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस के पीछे में ही डूबान क्षेत्र है। केंदई और पसान रेंज की सीमा पनगवां से लगी हुई है। नदी और नाला पारकर हाथी कुरूपारा पहुंच जाते है। झिनपुरी से पाली और बूढ़ापारा तक हाथियों की आवाजाही है। धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि यहां के लोगों की दिनचर्या बदल गई है। रात के समय कोई भी जंगल वाले मार्ग से जाना नहीं चाहता। इसका मुख्य कारण रात के समय हाथियों का झुंड अलग-अलग होना है। 4 से 5 के झुंड में हाथी अलग-अलग दिशाओं में निकल जाते हैं फिर सुबह मिल जाते हैं। शाम को ही केंदई रेंज में हमले की दो घटनाएं हो चुकी है।

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मैनपाट क्षेत्र में भी घूम रहा दंतैल हाथी, गांवों में अलर्ट

मैनपाट की ओर से केंदई पहुंचा दंतैल हाथी केंदई रेंज में सरगुजा वनमंडल के मैनपाट से होते हुए दंतैल हाथी पहुंचा है। वह शुक्रवार को सलिहापहरी के पास घूम रहा था। वन विभाग ने ग्रामीणों को मुनादी कराकर सतर्क रहने कहा है। दंतैल हाथी गांव के आसपास घुस जाता है। इसकी वजह से ही ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों में रहने कहा गया है। घायल खेसारीलाल अब झुंड में शामिल केंदई रेंज में घूम रहा दंतैल हाथी खेसारीलाल झुंड में शामिल हो गया है। दो बार झुंड में शामिल होने का प्रयास करते समय दूसरे हाथी से भिड़ंत हो चुकी है। लेकिन तीसरी बार में वह सफल हो गया। अब झुंड में हाथियों की संख्या 30 हो गई है। घायल दंतैल हाथी का पैर भी ठीक हो गया है। इससे वन अमले ने राहत की सांस ली है।

हाथियों के मूवमेंट के आधार पर मुनादी : केंदई रेंजर अभिषेक दुबे का कहना है कि हाथियों के मूवमेंट के आधार पर ग्रामीणों को सतर्क करते हैं। सरगुजा से आए दंतैल हाथी की निगरानी के लिए टीम लगाई गई है।

रायगढ़ के धरमजयगढ़ में भी 27 हाथियों का झुंड

धरमजयगढ़ से पहुंचा 27 हाथियों का झुंड कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज में फिर से 27 हाथियों का झुंड पहुंचा है। अभी वह गितकुंवारी गांव के पास है। यहां हाथियों का झुंड पहले भी आ चुका है। इसकी वजह से ग्रामीण दहशत में है। हाथियों ने धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। यह हाथियों का झुंड कुदमुरा के साथ ही करतला रेंज में पहुंचता है।

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