चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र में डिप्टी स्पीकर के पद और NEET मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक जारी है। इस बीच कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर इन मुद्दों को लेकर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम सहमति के मूल्य का उपदेश देते हैं, जबकि वे टकराव को बढ़ावा देते हैं। द हिंदू में एक संपादकीय में सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अभी तक लोकसभा चुनाव के नतीजों को स्वीकार नहीं कर पाए हैं, जिसमें एनडीए मुश्किल से सरकार बना पाई है। सोनिया गांधी ने कहा, “प्रधानमंत्री ऐसे काम कर रहे हैं, जैसे कुछ बदला ही न हो। वे आम सहमति के मूल्य का उपदेश देते हैं, लेकिन टकराव को महत्व देते हैं।”
नीट पेपर लीक पर नीट पेपर लीक मामले पर चुप रहने के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस घोटाले ने हमारे लाखों युवाओं के जीवन को अस्त व्यस्त का दिया है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जो अपनी ‘परीक्षा पे चर्चा’ करते हैं, वे लीक पर पूरी तरह से चुप हैं, जिसने देश भर में इतने सारे परिवारों को तबाह कर दिया है।”
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने मई 2023 में राज्य में संघर्ष शुरू होने के बाद से संघर्षग्रस्त मणिपुर का दौरा न करने के लिए प्रधानमंत्री पर भी हमला किया। कुकी और मैतेई समुदायों के बीच संघर्ष के कारण सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। सोनिया गांधी ने लिखा, “इस सबसे संवेदनशील राज्य में सामाजिक सद्भाव बिखर गया है। फिर भी, प्रधानमंत्री को न तो राज्य का दौरा करने और न ही यहां के नेताओं से मिलने का समय मिला है और न ही इच्छा।”