Shani Dosha शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए करें शनिवार के ये उपाय

- Advertisement -

Shani Dosha  यदि आप शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से प्रभावित हैं, तो कुछ खास उपाय आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए कौन से उपया किए जा सकते हैं।

Shani Dosha 

 

- Advertisement -

Astro Tips For Sadhe sati: वैदिक ज्योतिष में शनि देव को न्याय का प्रतीक और कर्मों का फल देने वाला ग्रह माना जाता है। यह ग्रह मानव जीवन में कर्म के सिद्धांत को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। नवग्रहों में शनि की गति सबसे धीमी होती है, यही कारण है कि यह एक राशि में लगभग साढ़े सात वर्ष तक स्थित रहता है। इसी दीर्घकालीन प्रभाव के कारण शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जैसी दशाएं जन्म लेती हैं,

जो जातकों के जीवन में कई प्रकार की चुनौतियां लेकर आती हैं। यदि आप भी शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से प्रभावित हैं, तो कुछ खास उपाय आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए कौन से उपया किए जा सकते हैं।

शनि दोष निवारण के प्रभावशाली उपाय Shani Dosha 

Shani Dosha 
Shani Dosha

काली चींटियों को अन्न दान- हर शनिवार को काले तिल, गेहूं का आटा और शक्कर मिलाकर उसका मिश्रण तैयार करें और इसे काली चींटियों को खिलाएं।
लोहा धारण करें- काले घोड़े की नाल या पुरानी नाव की कील से बनवाया गया लोहे का छल्ला शनिवार को सूर्यास्त के समय मध्यमा उंगली में धारण करें।

 

शनि दोष निवारण के प्रभावशाली उपाय – Shani Dosha 

Shani Dosha 
Shani Dosha

शनि के 10 नामों का जाप करें- “शनैश्चर”, “छायातनय”, “मंद”, जैसे शनि देव के 10 पवित्र नामों का 108 बार जप करें।
दान से पाएं कृपा- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को काले तिल, काला कपड़ा, कंबल, और उड़द की दाल का दान करें।
हनुमान भक्ति से राहत- हनुमान जी की पूजा करें, हर शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और बंदरों को गुड़ व भुना चना खिलाएं।

 

नीले फूलों और शनि मंत्र का प्रयोग करें- शनि देव की पूजा करते समय नीले रंग के पुष्प चढ़ाएं और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें।
तेल में चेहरा देखकर दान करें- शनिवार को सुबह स्नान के बाद एक कटोरी तेल में अपना चेहरा देखकर वह तेल किसी जरूरतमंद को दान करें।

पीपल पूजन करें- सूर्योदय के बाद पीपल वृक्ष को जल चढ़ाएं और उसकी सात बार परिक्रमा करें। सूर्यास्त के समय पीपल के पास दीपक जलाना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।

 

तेलयुक्त भोजन का दान- शनिवार को तले हुए भोजन जैसे पूड़ी, पकौड़ी आदि किसी जरूरतमंद को खिलाएं।

रक्त चंदन से सिद्ध लेखन करें- शनिवार की रात रक्त चंदन की स्याही से भोजपत्र पर “ॐ व्ही को” लिखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें। इससे शनि की कृपा के साथ-साथ विद्या और बुद्धि का भी विकास होता है।

- Advertisement -
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -