रायपुर। Outrage among CG digital journalists: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में आयोजित सुशासन दिवस समापन समारोह को लेकर एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है सामने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित संवाद कार्यक्रम में केवल कुछ चुनिंदा चाटुकार पत्रकारों को आमंत्रित कार कार्यक्रम की औपचारिकता पूरी कार ली गयी जिससे राज्य के डिजिटल और क्षेत्रीय पत्रकारों में गहरी नाराजगी देखी गई।
डिजिटल मीडिया की उपेक्षा से पत्रकारों में असंतोष Outrage among CG digital journalists

राज्यभर में सक्रिय डिजिटल मीडिया कर्मियों, वेब पोर्टल पत्रकारों और सोशल मीडिया संवाददाताओं का कहना है कि उन्होंने सुशासन पर्व की पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ कवरेज की, इसके बावजूद उन्हें संवाद कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया।
उनका आरोप है कि सरकार और जनसंपर्क विभाग (DPR) केवल उन्हीं पत्रकारों को आमंत्रित कर रहा है जो सरकार की चाटुकारिता में विश्वास रखते है ऐसे ऐसे निष्पक्ष पत्रकार जो समय-समय पर सरकार को उनकी नीतियों के संबंध में खामियां गिराने में अपना योगदान देते हैं ऐसे पत्रकारों को कार्यक्रम से दूर रखा गया.
स्थानीय पत्रकार बनाम बाहरी प्लेटफॉर्म्स Outrage among CG digital journalists

स्थानीय स्तर पर सक्रिय पत्रकारों का मानना है कि राज्य के भीतर कार्य कर रहे पत्रकारों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि बाहर से संचालित यूट्यूब चैनल और वेबसाइट्स को विज्ञापन और मान्यता में प्राथमिकता दी जा रही है।
जनसंपर्क अधिकारी सीपीआर रवि मित्तल पर पत्रकारों की नाराजगी खासतौर पर देखने को मिल रही है। उन पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने और सिर्फ कुछ खास मीडिया संस्थानों को तवज्जो देने के आरोप लगे हैं।
भुगतना होगा खामियाज़ा Outrage among CG digital journalists
इस घटनाक्रम के बाद पत्रकारों में खासी नाराजगी देखी जा रही है ऐसा माना जा रहा है कि डिजिटल मीडिया यानी कि पोर्टल व्हाट्सएप फेसबुक ट्विटर जैसे हैंडल्स पर अब सरकार की खामियां गिराने में लोग चुप नहीं करेंगे इसकी सीधी सीधी जिम्मेदारी डीपीआर के प्रमुख की होगी क्योंकि डीपीआर की माटी जिम्मेदारी बनती है कि वह प्रदेश के पत्रकारों और सरकार के बीच सामान्य से बैठकर सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं जन कल्याणकारी नीतियों का पर्याप्त प्रचार प्रसार किया जा सके किया जा सके लेकिन कल की कार्यक्रम ने यहां स्पष्ट कर दिया है कि डीपीआर प्रमुख सरकार पत्रकारों के बीच खाई बनाना बनाने का काम कर रही है
विज्ञापनों में भी है झोलझाल
बता दें की डीपीआर द्वारा वेब पोर्टलों को विज्ञापन जारी करती है किंतु प्रदेश में चुनिंदा पोर्टलों को विज्ञापन जारी किया गया है बहुत से पोर्टल तो ऐसे भी है जो DPR के मापदंडों को पूरा नहीं करते इसके बावजूद उन पोर्टलों को विज्ञापन जारी किया जा रहा है ऐसा माना जा रहा है की अफसर मुख्यमंत्री विष्णु देव सांय के विभाग को बदनाम करने की साजिश रच रहे है
पहल अच्छी लेकिन नियत में खोट
जन संवाद की अच्छी पहल, लेकिन संवाद में असमानता
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन पर्व के दौरान विभिन्न जिलों का दौरा कर जनता से सीधा संवाद किया और कई घोषणाएं भी कीं। पहली बार प्रदेश को एक आदिवासी मुख्यमंत्री मिला है, जिससे समाज के भीतर आत्मीयता और विश्वास की भावना मजबूत हुई है।
उनकी सादगी और संवादधर्मिता जनता को आकर्षित करती है। सरकार की यह पहल प्रशंसनीय है, लेकिन नियत में खोट स्पष्ट दिख रहा है मीडिया संवाद के स्तर पर पारदर्शिता और समावेशिता की कमी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
यह समय सरकार के लिए आत्ममंथन का है। यदि छत्तीसगढ़ सरकार सच में सभी वर्गों तक अपनी नीतियों की जानकारी पहुँचाना चाहती है, तो उसे डिजिटल और क्षेत्रीय मीडिया को बराबरी का सम्मान और मंच देना होगा।
मीडिया की विविधता ही लोकतंत्र की ताकत है, और उसी के आधार पर सरकार को सभी माध्यमों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए।