कोरबा,17फरवरी 2025 । Kumbh road accident ऐसी कोई आंख नहीं थी जिसमें आंसू न दिखे हों। महिलाओं की सिसकियां, रूदन और लोगों को सांत्वना देने वाले लोग भी इसी माहौल का हिस्सा बनते देखे गए। कलमीडुग्गू दर्री बस्ती में रहने वाले 6 लोगों के पार्थिव शव को लेकर जब एंबुलेंस यहां पहुंची तो माहौल गमजदा हो गया। पास के मुक्तिधाम में सभी मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया। ऐसा लगा कि जलती चिताओं के साथ मृतकों के कई सपने भी राख हो गए।
Kumbh road accident

दो दिन पहले मध्य रात्रि को मिर्जापुर-प्रयागराज हाइवे पर मैजा थाना क्षेत्र में हुए हादसे में कलमीडुग्गु बस्ती निवासी ईश्वरी प्रसाद जायसवाल, संतोष सोनी, भागीरथी जायसवाल, सोमनाथ, अजय बंजारे, सौरभ कुमार सोनी, गंगा दास वर्मा, शिव राजपूत, दीपक वर्मा, राजू साहू की मौत हो गई। मृतकों में से चार लोरमी और जांजगीर-चांपा जिले के थे जिनके शव वहां भेज दिए गए।
Kumbh road accident

कलमीडुग्गू बस्ती में आज सुबह जब एंबुलेंस से छह शव पहुंचे, तो पूरे गांव में मातम छा गया। रोते-बिलखते परिजन, चीखते बच्चे, गश खाकर गिरती महिलाएं हर तरफ बस करुण क्रंदन गूंज रहा था। यह वही छह लोग थे, जो खुशी-खुशी महाकुंभ के दर्शन को निकले थे, मगर लौटे तो सफेद कफन में लिपटे हुए। दो दिन पहले मिर्जापुर में हुए सडक़ हादसे ने कलमीडुग्गू बस्ती के छह परिवारों की दुनिया उजाड़ दी।
बोलेरो में सवार होकर महाकुंभ जाने निकले ये लोग कभी नहीं सोच सकते थे कि रास्ते में ही उनकी जिंदगी का सफर खत्म हो जाएगा। आधी रात को जब उनकी बोलेरो एक तेज़ रफ्तार बस से टकराई, तो मौत ने बिना चेतावनी दिए उन्हें अपनी गोद में समेट लिया। कलमीडुग्गू बस्ती के लोग यहां एक लाइन में निवासरत थे और कुछ आपस में रिश्तेदार थे।
बिलख पड़े परिजन Kumbh road accident
आज सुबह जब एंबुलेंस के दरवाजे खुले और सफेद कपड़ों में लिपटे शव बाहर निकाले गए, तो परिजनों का धैर्य टूट गया। शोक में परिजन बिलख पड़े। ढांढस बढ़ाने के लिए जो पहुंचा उसका हाल भी कमोबेश ऐसा ही था। शोक में डूबी बस्ती में कोई चूल्हा नहीं जला। पड़ोसी, रिश्तेदार, दूर-दूर से लोग बस एक-दूसरे को ढांढस बंधाने आ रहे थे।
मुक्तिधाम में पहली बार ऐसा नजारा Kumbh road accident
दर्री पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कलमीडुग्गू के इतिहास में यह अब तक का पहला मामला रहा जिसमें मुक्तिधाम में एक साथ 6 लोगों को अंतिम विदाई दी गई। आज सुबह बस्ती के मुक्तिधाम में छह चिताएं एक साथ जलीं। इस दौरान मृतकों के नजदीकी परिजन, रिश्तेदार ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों के मुंह से प्रतिक्रिया नहीं निकली लेकिन आंखों से निकलते आंसू इसे बयां कर रहे थे कि हादसे में हुई मौत का दुख कितना ज्यादा है।
क्षेत्र के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रमेशचंद्र पांडेय ने तरूण छत्तीसगढ़ से बातचीत करते हुए कहा कि यह हृदय विदारक हादसा रहा जिसकी टीस लंबे समय तक हर किसी को बनी रहेगी। इस हादसे ने सिर्फ छह जिंदगियां ही नहीं छीनीं, बल्कि पूरे गांव का दिल भी तोड़ दिया।