कोरबा में एक आरक्षक ने अपने ही क्वार्टर में फांसी लगा ली। बच्चों की नजर पड़ने पर चीख-पुकार मच गई। किसी तरह परिजन उसे जिला मेडिकल कॉलेज से लेकर पहुंचे, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। आरक्षक सीएसईबी चौकी में पदस्थ था। घटना की सूचना के बाद जिला अस्पताल चौकी पुलिस ने मर्ग कायम कर आगे की जांच का शुरू कर दी है।
आरक्षक 105 नवीन खलखो सीएसईबी चौकी में आरक्षक के पद पर था, जो पुलिस लाइन में क्वार्टर पर पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। मंगलवार की दोपहर नवीन खलखो ने अपने ही क्वार्टर के बेडरूम में फांसी लगाकर जान देने की कोशिश कर रहा था। फांसी के फंदे पर लटकता देख बच्चों की नजर पड़ी, जहां चीख-पुकार मचाने लगे। किसी तरह आसपास मौजूद लोगों ने उसे फांसी के फंदे से नीचे उतारा और तत्काल वहां में लेकर जिला मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बताया जा रहा है कि नवीन खलखो की पत्नी एक बेटी और एक बेटा है। नवीन के पिता अंमतुष खलखो भी पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर पदस्थ थे। कुछ साल पहले कोतवाली थाना में पदस्थ थे। गस्त के दौरान कनकी रोड पर उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद अनुकंपा नियुक्ति पर नवीन खलखो पदस्थ था। नवीन पहले शिक्षक था। पिता की मौत के बाद अपने पिता की जगह पर आरक्षक बना था। आरक्षक पिछले कुछ दिनों से पारिवारिक विवाद के चलते परेशान रहा करता था। नवीन खलखो कुंनकुरी जशपुर के रहने वाला था।
जिला अस्पताल चौकी प्रभारी दाऊद कुजुर ने बताया कि जिला मेडिकल कॉलेज से मिले मेमो के आधार पर बयान दर्ज किया गया है, जहां फांसी लगाकर जान देने की बात सामने आई है। फिलहाल पुलिस आगे की जांच कर रही है।