दुर्ग /ब्लैकआउट न्यूज़- जीआरपी में गांजा तस्करी गैंग रका भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने 11 किलो गांजा के साथ 4 को गिरफ्तार किया है, जिसमें जीआरपी का एक सिपाही शैलेष कुमार भी शामिल है। उसने बताया कि गिरोह का सरगना केला बाड़ी निवासी सिपाही वसीम अहमद है। वसीम ने ही उसे गांजा दिया था।
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शैलेष कुमार ने बताया कि वसीम ट्रेन से गांजा मंगाकर रेलवे एरिया से बाहर निकालकर तस्करों के हवाले करता था। इससे पहले इसने 5 से 6 बड़ी खेप गिरफ्तार आरोपियों के हवाले की है। गांजा बेचकर बिक्री की रकम को वसीम को देते हैं और फिर वो आगे तस्करों तक पहुंचाता है। गांजा पकड़े जाने की खबर लगते ही वसीम ने अपना मोबाइल बंद कर लिया और ड्यूटी छोड़कर फरार हो गया है। दुर्ग पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
मोहन नगर थाना प्रभारी बिपिन रंगारी ने बताया कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र अंतर्गत बड़े पैमाने पर गांजा की तस्करी की जा रही है। इस अवैध काम में दुर्ग जीआरपी के कुछ सिपाही भी शामिल है। उनके द्वारा रेलवे से गांजा की सप्लाई करवाई जाती है। टीआई ने इसकी जानकारी दुर्ग सीएसपी वैभव बैंकर को दी।
सीएसपी ने इसके लिए एक विशेष टीम गठित की। जांच चल रही थी कि 21 मई को उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ लोग सूर्या होटल के पीछे पीपल के पेड़ के पास बैठे हैं। उनके पास बड़ी मात्रा में गांजा है और वो ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं। बिना समय गंवाए मोहन नगर थाने की टीम ने उस जगह को घेर लिया। पुलिस को देखकर आरोपी भागने लगे, लेकिन पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी लेने पर उनके पास रखे बैग में गांजा मिला।
पकड़े गए आरोपियों में एक आरोपी राजनांदगांव जीआरपी का सिपाही है। उसने अपना नाम शैलेष कुमार ध्रुव (34 साल) निवासी रेलवे कॉलोनी दुर्ग बताया। इसके साथ ही तीन अन्य आरोपी गांधी चौक तीतुरडीह दुर्ग निवासी अजय कुमार दुबे (26 साल), शिव मंदिर के पास तीतुरडीह दुर्ग निवासी अरुण कुमार यादव (29 साल) और बम्हनी शुकुल दैहान राजनांदगांव निवासी अजय कुमार वर्मा (30 साल) को भी गिरफ्तार किया है।
दुर्ग पुलिस ने आरोपियों के पास से 11 किलोग्राम गांजा जब्त किया है। जब्त गांजे की कीमत 1 लाख 10 हजार रुपए बताई जा रही है। इसके साथ ही 4500 रुपए नगद भी जब्त किया गया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।