Delhi Budget 2024: दिल्ली की महिलाएं भी हुईं सरकार की ‘लाडली’, हर महीने 1000 रुपये देने का केजरीवाल सरकार के बजट में ऐलान

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दिल्ली की वित्ती मंत्री आतिशी सोमवार को विधानसभा में अपना 10वां बजट पेश कर रही हैं. वित्त मंत्री आतिशी ने दिल्ली के लिए 76000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली की आबादी देश की कुल आबादी का सिर्फ 1.55 फीसदी है. लेकिन फिर देश की जीडीपी में दिल्ली का योगदान दोगुने से अधिक है. बजट में दिल्ली की महिलाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान’ योजना भी पेश की गई.

वित्त वर्ष 2024-2025 का बजट पेश करते हुए आतिशी ने कहा कि 2013 में जब हम राजनीति में आए थे, तो उस समय लोगों का लोकतंत्र से भरोसा उठ गया था. उस समय नेता आते थे, जाते थे. सरकारें आती-जाती रहती थी. लेकिन लोगों की जिंदगी में सुधार नहीं होता था. गृहिणी के पैसे महीने की 25 तारीख तक खत्म हो जाते थे. उन्हें गुजारे के लिए अपने जेवर गिरवी रखने पड़ते थे. इस वजह से आम आदमी का वोट से भरोसा उठ गया था. लेकिन अरविंद केजरीवाल उम्मीद की किरण बनकर आए और ईमानदारी और सच्चाई पर भरोसा देकर भारी बहुमत की सरकार बनाई.

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उन्होंने कहा कि दिल्ली की आबादी देश की कुल आबादी का सिर्फ 1.55 फीसदी है. लेकिन फिर देश की जीडीपी में दिल्ली का योगदान दोगुने से अधिक है. 2023-2024 में देश की औसत जीडीपी में दिल्ली का योगदान 3.89 फीसदी होने जा रहा है.

दिल्ली बजट की मुख्य बातें:-

– केजरीवाल सरकार के बजट में ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान’ योजना पेश की गई. इस योजना के तहत हर महीने 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को एक हजार रुपये मिलेंगे.

– महिलाओं के कल्याण और उनके सशक्तीकरण  के लिए 2024-2025 के बजट में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत 2000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

शिक्षा का बजट दोगुना हुआ

दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि 2014-2015 में दिल्ली का शिक्षा बजट 6554 करोड़ रुपये था. लेकिन हमने शिक्षा का बजट बढ़ाया. हमने शिक्षा का बजट दोगुना किया. वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए दिल्ली का शिक्षा बजट 16,396 करोड़ रुपये है.

उन्होंने कहा कि बीते नौ सालों में लगभग 400 प्रिंसिपल्स को ट्रेनिंग के लिए कैम्ब्रिज भेजा गया है. 950 से ज्यादा टीचर्स को सिंगापुर ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है. 1700 प्रिंसिपल को आईआईएम अहमदाबाद में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है. केजरीवाल सरकार ने 2015 के बाद से दिल्ली के स्कूलो में 22711 नए क्लासरूम बनाए हैं.

सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया

आतिशी ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूल बदल गए हैं. हमारी सरकार ने नौ सालों में राजधानी में हर एक वर्ग का विकास किया है.गरीब परिवार को निशुल्क इलाज मिल रहा है. अब गरीब परिवार का बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ सकता है. दिल्ली में अस्पताल के हालात बदल गए हैं. आज गरीब परिवार के बच्चे आगे जा रहे हैं. अब गरीब का बच्चा गरीब नहीं रहेगा.

शिक्षा क्रांति लाने में मनीष सिसोदिया की महत्वपूर्ण भूमिका

आतिशी ने विधानसभा में बजट भाषण पढ़ते हुए मनीष सिसोदिया को भी याद किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में शिक्षा क्रांति लाने में किसी एक व्यक्ति की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही तो वह है, मेरे बड़े भाई मनीष सिसोदिया.

स्वास्थ्य के लिए 8685 करोड़ रुपये आवंटित

वित्त मंत्री आतिशी ने काह कि हमारी सरकार ने बजट में दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के लिए 8685 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

– बजट में से सरकारी अस्पतालों के लिए 6215 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
– मोहल्ला क्लीनिक के लिए 212 करोड़ रुपये आवंटित
– सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाइयों के लिए 658 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं
– सरकारी अस्पतालों के विस्तार और नए अस्पतालों के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपये आवंटित

– दिल्ली में सभी पोषण से जुड़ी हुई योजनाओं के लिए 664 करोड़ रुपये आवंटित

पेंशनधारियों की बजट धनराशि भी बढ़ी

– 2024-2025 के बजट में पेंशनधारियों के लिए 2714 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
– महिलाओं एवं बच्चों के विकास के साथ-साथ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के कल्याण के लिए 6216 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

– दिल्ली जल बोर्ड के लिए 2024-2025 में 7195 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

‘हम सब राम के जीवन से प्रेरित है’

आतिशी ने रामचरितमानस की पंक्ति पढ़ते हुए कहा कि दिल्ली पर प्रभु राम की कृपा है. हम सब राम के जीवन से प्रेरित हैं. दिल्ली में राम राज्य के लिए काम कर रहे हैं लेकिन रामराज्य के सफर के लिए लंबी दूरी तय करनी है. दिल्ली पर प्रभु राम की ऐसी कृपा रही कि शिक्षा और फ्लाईओवर बनाने के लिए पैसे की कमी नहीं रही.

भगवान राम से की केजरीवाल की तुलना

वित्त मंत्री आतिशी ने बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल की तुलना भगवान राम से की. उन्होंने कहा कि भगवान राम को 14 वर्षों के वनवास पर जाना पड़ा था. लेकिन भगवान राम ने वनवास चुना और अपने वादे को पूरा किया. भगवान राम की तरह ही केजरीवाल को भी अथक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन भगवान राम और केजरीवाल दोनों ही अपने वादों से पीछे नहीं हटे हैं.

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