Check bounce case : चेक बाउंस मामले में ठेकेदार प्रमेन्द्र पाल सिंह को न्यायालाय ने 28 लाख पेनाल्टी एवं न्यायालय उठने तक कि सुनाई सजा

- Advertisement -

 

Check bounce case :कोरबा कमल प्लाईवुड सेंटर के संचालक को बोगस। चेक थमाने वाले ठेकेदार प्रमेन्द्र पाल सिंह, (चिन्टू) को कोर्ट ने लगायी 28,00,000/- ( अठाईस लाख)रुपये की पेनाल्टी एवं न्यायालय उठने तक की सजा सुनाई सुनाई है इस मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता यासीन मेमन एवं एस व्ही उपाध्याय ने की।

- Advertisement -

कोरबा/ब्लैकआउट न्यूज़ –Check bounce case :न्यायालय प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कोरबा पीठासीन न्यायाधीश सुश्री संघपुष्पा भतपहरी की कोर्ट में चेक डिसऑनर होने के मामले में सुनवाई करते हुये निर्णय दिया उक्तानुसार बालको नगर निवासी प्रमेन्द्र पाल सिंह (चिन्टू) प्रो. मेसर्स यू.पी वुड प्रोडक्ट पर 28,27,000/- (अठाईस लाख सताईस हजार रूपये) की पेनेल्टी के साथ न्यायालय उठने तक की सजा दी गई ।

Home Remedies : 8 बीमारी के 8 इलाज जानिए नानी दादी के घरेलु नुस्खे

Check bounce case :न्यायालयीन सूत्रों के मुताबिक प्रमेन्द्र पाल सिंह (चिन्टू) ने वर्ष 2006 में बालको में अपने ठेके के कार्य को पूर्ण करने के लिये कमल प्लाई वुड सेंटर से 14,13.655/- (चौदह लाख तरेह हजार छः सौ पचपन रूपये) का सामान क्रय किया था और उक्त रूपयो के भुगतान के लिये कमल प्लाईवुड सेंटर के संचालक गजानंद अग्रवाल को 14,13,655 / – (चौदह लाख तेरह हजार छः सौ पचपन रूपये) का चेक दिया गया था।

Check bounce case :प्रमेन्द्र पाल सिंह के खाते में अपर्याप्त राशि होने पर संबंधित चेक अनादरित हो गया, संचालक ने इस पर न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी (पीठासीन अधिकारी श्री हरिश चन्द्र मिश्र ) के न्यायालय में धारा 138 के अन्तर्गत परिवाद पत्र प्रस्तुत किया न्यायाधीश श्री हरिश चन्द्र मिश्र के द्वारा प्रमेन्द्र पाल सिंह को दिनांक 30 / 06 / 2022 को दोष सिद्ध कर 18,00,000/- (अठारह लाख रूपये) की पेनाल्टी तथा 06 माह का साधारण कारावास की सजा से दण्डित किया गया।

Check bounce case :इस मामले में प्रमेन्द्र पाल सिंह ने प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में अपील संख्या 50 / 2022 लगायी थी, दोनो पक्षो के तर्क सुनने के बाद न्यायाधीश सुश्री संघपुष्पा भतपहरी के द्वारा आरोपी प्रमेन्द्र पाल सिंह को 28,27,000/- (अठाईस लाख सताईस हजार रूपये) के जुर्माने और न्यायालय के उठने तक से दण्डित किया, दिनांक 30/09/2023 को यह आदेश दिया गया कि, इस मामले में पीडित पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता यासीन मेमन और एस. व्ही. उपाध्याय अधिवक्ता ने मामले की पैरवी की।

- Advertisement -
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -