CGPSC Case छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही CGPSC घोटाले को लेकर जांच हो सकती है। पहली ही कैबिनेट बैठक में CBI जांच का प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री के चयन और शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट की बैठक होगी। ऐसे में CGPSC मामले को बैठक में रखने की कवायद शुरू कर दी गई है।
क्या था पूरा मामला CGPSC Case
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CGPSC 2021-22 की सेलेक्शन लिस्ट विवादों में घिरी रही परीक्षा में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन चेरमैन, कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों के रिश्तेदारों के सेलेक्शन का आरोप है। जिसमें फर्जीवाड़ा और भाई-भतीजावाद को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी लगी जिसमें 13 नियुक्तियों पर रोक भी लगा दी गई।
![ननकीराम कंवर की याचिका में शामिल थे, ये नाम](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/05/whatsapp-image-2023-12-05-at-201807_1701787799.jpeg)
CGPSC Case
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ननकी राम कंवर ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका
पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने एडवोकेट संजय कुमार अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि CG-PSC में अधिकारी और नेताओं के बेटे-बेटियों सहित रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे पद दिए गए हैं।
- विधायक ननकी राम कंवर ने सीजीपीएससी भर्ती प्रक्रिया में याचिका दायर कर अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाया है।
- अफसरों के रिश्तेदारों को अच्छा पद बांटने और दूसरे प्रतियोगियों को छोटे पद देने के आरोप लगाए हैं।
- राजभवन के सचिव अमृत खलको के बेटे और बेटी के डिप्टी कलेक्टर, PSC चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के रिश्तेदारों के सिलेक्शन पर सवाल उठाए हैं।
- कहा है कि PSC में जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों ने सिर्फ रेवड़ियों की तरह नौकरियां नहीं बांटी बल्कि इसकी आड़ में करोड़ों का भ्रष्टाचार भी किया है।
हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर होने के बाद 13 नियुक्तियों पर रोक भी लगा दी है। हालांकि कुछ तथ्यों को लेकर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पर नाराजगी भी जताई थी। कोर्ट ने उस समय राज्य सरकार और PSC को निर्देशित किया था कि जो सूची याचिकाकर्ता ने पेश की है, उसके तथ्यों की सत्यता की जांच कर लें।
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इलेक्शन में बना बड़ा मुद्दा
PSC का मुद्दा पहली बार छत्तीसगढ़ के सियासी रण में काम करता दिखाई दिया है। कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी PSC का मामला भी उठा रही थी और चुनाव से पहले युवाओं से ये वादा भी किया गया था कि सरकार आने के बाद मामले की CBI जांच कराई जाएगी।
बीजेपी इस मुद्दे को कितनी तरजीह दी, इसे उसके आरोप पत्र से भी समझा जा सकता है। जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप पत्र जारी किया था तब उसमें भी प्रमुखता से PSC मामले का उल्लेख किया गया था। इससे पहले भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने भी राजधानी में हुई हुंकार रैली में PSC का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था।