CG NEWS कोरबा जनसम्पर्क की विज्ञप्ति मे सरकार ने माना की छत्तीसगढ़ मे बिजली कटौती हो रही है और महंगे बिजली बिल से लोग परेशान है

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कोरबा (ब्लैक आउट न्यूज़) CG NEWS छत्तीसगढ़ में अघोषित बिजली कटौती और महंगे बिजली बिल से लोगों की परेशानी को सरकार ने भी मान लिया है सरकार ने अपनी सरकारी विज्ञप्ति में इस बात की स्वीकारोक्ति की है की छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बिजली कटौती और महंगे बिजली बिल से लोग हलकान परेशान है विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसी लिए लोग प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ ले रहे हैं.

बताते चले की गर्मी हो या बरसात जरा सी हवा चली नहीं की बिजली गोल हो जाती है वही कंप्लेंट नंबर लगातार बिजी बिजी बताता है जिससे लोग अपनी समस्या लेकर बैठे रहते हैं विगत दिनों बिजली की समस्या को लेकर नागरिकों ने चक्का जाम कर दिया था प्रशासन के हस्तक्षेप से चक्का जाम तो खत्म हो गया लेकिन समस्या यथावत बनी हुई है.

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आज कोरबा जनसंपर्क विभाग से जारी है की विज्ञप्ति में प्रशासन मैं स्वीकार की बिजली की दर काफी महंगी है और आज घोषित कटौती से लोग परेशान है इसलिए श्रीमती ज्योति अनंत ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लिया है.

जाने कोरबा जनसम्पर्क की विज्ञप्ति मे क्या कहा गया है CG NEWS 

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जनसम्पर्क की विज्ञप्ति CG NEWS

एक दौर था जब गर्मी के मौसम का नाम सुनते ही आम लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आती थीं। कोरबा जिले के कटघोरा में रहने वाली श्रीमती ज्योति अनंत के लिए भी यह मौसम परेशानी और असुविधा लेकर आता था। भीषण गर्मी में बिजली की लगातार कटौती और ऊपर से महंगे बिजली बिल ने उनका चैन और सुकून छीन लिया था। दिन-रात पंखे और कूलर बंद रहते थे, और घर का बजट बिजली के बिल में ही उलझ कर रह जाता था।

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लेकिन आज, वही सूर्य जिसकी तपिश उन्हें सताती थी, अब उनके जीवन को रोशन कर रहा है। यह बदलाव संभव हुआ है प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत, जिसे केंद्र सरकार द्वारा आम नागरिकों के लिए शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में क्रियान्वित इस योजना ने हजारों परिवारों को राहत पहुंचाई है, जिनमें श्रीमती ज्योति अनंत भी एक हैं।

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उन्होंने अपने घर की छत पर इस योजना के तहत सोलर पैनल लगवाया और अब वही सूर्य, जो कभी कष्ट का कारण था, आज ऊर्जा और आत्मनिर्भरता का स्रोत बन गया है। श्रीमती अनंत बताती हैं कि पहले वे और उनका परिवार गिन-गिन कर बिजली का उपयोग करते थे ताकि बिल कम आए, लेकिन फिर भी हजारों का बिल आता था। कटौती का समय तय नहीं था, जिससे दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता था।

एक दिन जब पड़ोसी से उन्हें इस योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत इसकी विस्तृत जानकारी जुटाई और स्वयं योजना की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन किया। कुछ ही समय में उनके घर की छत पर सोलर पैनल इंस्टॉल कर दिया गया, साथ ही शासन द्वारा 78,000 की सब्सिडी भी प्राप्त हुई। पहले ही महीने में उन्हें इसका लाभ महसूस हुआ। अब बिजली जाती है या नहीं, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि सोलर एनर्जी से उनका घर चलता है।

श्रीमती अनंत कहती हैं, “पहले गर्मी का मौसम एक सज़ा लगता था, अब यही मौसम राहत और मुनाफा लेकर आता है। हम न केवल अपनी जरूरत की बिजली खुद बना रहे हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर आर्थिक रूप से भी लाभ पा रहे हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका कोई जोखिम नहीं है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचता, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम है। उनकी छत अब केवल बिजली उत्पादन का केंद्र नहीं रही, बल्कि हरित छत्तीसगढ़ की ओर उनका योगदान भी बन गई है।

श्रीमती अनंत अब अपने अनुभव के आधार पर अन्य लोगों को भी इस योजना से जुड़ने की सलाह देती हैं। वे कहती हैं, “हम जैसे मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं। इससे न केवल बिजली की समस्या का हल हुआ है, बल्कि घरेलू खर्च में भी संतुलन आया है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री साय को इस जनकल्याणकारी योजना के लिए हृदय से धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि ऐसी योजनाएं भविष्य में भी आम जन तक पहुँचती रहेंगी।

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