बिलासपुर। Case filed against Apollo Hospital पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की मृत्यु के मामले में डॉक्टर नरेंद्र विक्रम यादव एवं अपोलो प्रबंधन के खिलाफ सरकंडा थाने में जुर्म दर्ज कर लिया गया है। इस मामले स्व राजेंद्र शुक्ला के पुत्र डॉ प्रदीप शुक्ला ने सरकंडा थाने में लिखित शिकायत किया था।
Case filed against Apollo Hospital
मुंगेली नाका बिलासपुर निवासी डॉ प्रदीप शुक्ला ने सरकंडा थाने में शिकायत किया है कि उनके के पिता स्व राजेंद्र प्रसाद शुक्ला जो छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक थे। उनको सांस लेने में तकलीफ होने पर उपचार के लिए 2 अगस्त 2006 को अपोलो अस्पताल बिलासपुर में भर्ती कराया था। अपोलो अस्पताल बिलासपुर में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का एंजियोग्राफी किया। ऑपरेशन के 2 घंटे के अंदर तबियत में सुधार होने के बजाय बिगड़ने लगी। जिन्हें आनन फानन में ICU में भर्ती किया गया।
Case filed against Apollo Hospital

डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव एवं अपोलो प्रबंधन के द्वारा 18 दिनों तक पंडित स्व राजेंद्र शूक्ला को आई सी यू में भर्ती कर उपचार किया गया लेकिन उनकी मौत हो गई। उनके मौत के मामले में तत्कालीन समय में लीपा पोती की गई, अपोलो प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ विधानसभा से उनके उपचार में खर्च हुए 20 लाख रुपए भी ले लिए। समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव वर्तमान में डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम के नाम पर मिशन हॉस्पिटल दमोह में हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ था, जहां मरीजों के एंजियोप्लास्टि करने के कारण कई मरीजों की मौत हुई है।
मामले में जिला दमोह में अपराध पंजीबद हुआ है। डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव का कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री फर्जी पाई गई है। डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को गिरफ्तार भी किया गया है।
Case filed against Apollo Hospital

इस शिकायत की जांच करने के बाद डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम का डिग्री फर्जी पाया गया है। इंडियन मेडिकल काउंसिल /छ ग मेडिकल काउंसिल में पंजीयन का दस्तावेज अभी तक नहीं मिला है। अपोलो प्रबंधन ने बिना डिग्री की जांच पड़ताल किए डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में बिलासपुर में पदस्थापना दी। पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के साथ-साथ अन्य कई हृदय रोग संबंधी मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया। यह मामला चिकित्सकीय लापरवाही का नहीं है बल्कि अपराधिक मानव वध का मामला है।
अतः मामले में डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव एवं अपोलो अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध अप. क्र .– 563/ 2025, धारा – 420, 465, 466, 468, 471, 304, 34 आईपीसी के अंतर्गत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है।