Achievement of NKH सर्पदंश पर शीघ्र उपचार ही जीवन बचाने की कुंजी पीड़ित मासूम की उखड़ती साँसों को NKH में मिली नई जिंदगी

- Advertisement -

कोरबा।Achievement of NKH सर्पदंश के मामलों में पीड़ित को समय पर शीघ्र उपचार का लाभ दिया जाना ही उसका जीवन बचाने की कुंजी है। समय पर उपचार मिल जाने से 4 साल के मासूम आरव की जान बचाई जा सकी। उसकी उखड़ती साँसों को थामना डॉक्टरों के लिए चुनौती से कम नहीं था लेकिन चिकित्सकों ने यह कर दिखाया।

 

- Advertisement -

जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर वन्य ग्राम रामपुर स्थित प्रेमनगर निवासी किसान फेकू राम पटेल का 4 वर्षीय पुत्र आरव सर्पदंश का शिकार हुआ था। बालक प्यास लगने पर घर के रसोई से पानी ले कर बाहर आते समय दरवाजे के चौखट पर बैठे विषैले सर्प का शिकार हुआ। सर्प ने बालक के बाएं पैर के उंगली को डस लिया।

Achievement of NKH

Achievement of NKH 
Achievement of NKH

परिजन उसे करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। वहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। बच्चे की स्थिति बिगड़ती देख परिजनों ने सुपर स्पेशलिटी न्यू कोरबा हॉस्पिटल में भर्ती कराया। एनकेएच की चिकित्सा टीम ने अंततः बच्चे की जान बचा ली। आरव के पिता व परिजन ने डॉ. नागेन्द्र बागरी, हॉस्पिटल प्रबंधन, ड्यूटी डॉक्टर व स्टाफ के प्रति आभार जताया है।

मसाज और सीपीआर पद्धति काम आई Achievement of NKH 

Achievement of NKH 
Achievement of NKH

परिजन बच्चे की हालत बिगड़ते देख काफी परेशान थे। न्यू कोरबा हॉस्पिटल में परीक्षण में पाया कि बच्चा ठीक से सांस नहीं ले पा रहा है और बेहोशी की हालत में है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नागेंद्र बागरी ने मासूम को पहले सी-पेप में रखा, परन्तु सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होता देख वेंटिलेटर पर लाया। दो बार बच्चे के दिल की धड़कन भी रुकी। पहली बार मसाज करके सांस वापस लाया गया। दूसरी बार डॉ. बागरी ने सीपीआर पद्धति से कृत्रिम श्वांस देकर उपचार शुरू किया। आरव कुछ दिन तक वेंटिलेटर पर रहा, हालत सुधरने पर वार्ड में शिफ्ट किया गया। आरव अब बिल्कुल स्वस्थ है, उसे छुट्टी दे दी गई है।

काफी क्रिटिकल था यह मामला Achievement of NKH 

डॉ. बागरी ने बताया कि यह काफी क्रिटिकल केस था। सर्पदंश के मामले में जहां सांप ने काटा है, उस जगह को कपड़े से हल्का सा बांध लेना चाहिए। जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डेढ़ से दो घंटे में जहर पूरी बॉडी में फैल सकता है। इसलिए इस अवधि के अंदर ही डॉक्टर के पास जाना जरूरी है।

डॉ.बागरी ने बताया कि सर्प काटे हुए जगह पर टाइट कपड़े न बांधे। जहर को चूसकर निकालने की कोशिश न करें। काटे हुए जगह पर जहर निकालने के लिए कोई कट न लगाएं। एल्कोहल, चाय या कॉफी बिल्कुल भी न पीएं। इससे जहर तेजी से फैल सकता है। किसी तरह का ठंडा गर्म सिंकाई न करें न ही कोई क्रीम लगाएं। दर्द के लिए एस्पीरिन न लें। इससे ब्लीडिंग बढ़ सकती है।

क्या करें

टाइट कपड़े या गहने तुरंत उतार लें। जहां पर काटा हो उस हिस्से को हार्ट के लेवल से नीचे रखें। घायल को जितना हो सके स्थिर रखें, इससे जहर बॉडी में फैलने से रोक सकते हैं। घायल को शांत रखने की कोशिश करें जिससे उसे शॉक लगने से बचाया जा सके। काटने के 4 घंटे के अंदर ही एंटीवेनम का इंजेक्शन लगवा लें। जहां काटा हो, उसे हल्के कपड़े से कवर कर लें।

जीने की आस छोड़ बैठे पिता फेकू राम पटेल

बेटे के जीने की आस छोड़ बैठे पिता फेकू राम पटेल ने जब उसको सहकुशल देखा तो वह एनकेएच चिकित्सक डॉक्टर बागरी सहित उनकी टीम का आभार जताया और कहा मेरे पुत्र आरव का नया जीवन इस अस्पताल से मिला है। हमने देखा की किस तरह से डॉ. बागरी व आईसीयू की टीम ने मिल कर काम किया और हमारे बच्चे का बहुत ही अच्छे से ध्यान रखा। हम सभी से यहीं निवेदन करते है कि आप सभी जागरूक रहे और लापरवाही न करते हुए समय का महत्व समझे और सही समय रहते मरीज को अस्पताल ले कर आए।

- Advertisement -
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -