कोरबा जिले के पाली स्थित सहकारी बैंक की शाखा में एसीबी की टीम ने आज सुबह करीब 11:30 बजे दबिश दी।
एसीबी को शिकायत मिली थी कि यहां किसानों को ज्यादा रकम की जरूरत पड़ने पर उक्त राशि देने के एवज में कमीशन लिया जाता है। दरअसल सहकारी बैंकों में शासन के निर्देश अनुसार किसानों को धान बिक्री के एवज में मिलने वाली राशि देने का निर्धारण कर दिया गया है। किसानों को ग्रामवार बुलाया जाता है और इसके लिए दिन भी निर्धारित कर दिया गया है। किसानों को 25 से 30-40 हजार से ज्यादा के रकम नहीं दी जा रही है और जिन किसानों को ज्यादा राशि की जरूरत पड़ती है उसके लिए विशेष रूप से व्यवस्था करने के साथ कमीशन भी तय किया गया है। सूत्र ने बताया कि किसानों से ₹10000 के बदले ₹1500 कमीशन लिया जाता है। इनमें से ही एक किसान जिसे उसके बेचे गए धान के बदले रुपए की आवश्यकता लाखों में थी और बैंक के द्वारा किसानों से मजबूरी का फायदा उठाते हुए कमीशन लेकर रुपए दिए जा रहे थे। पीड़ित किसान के साथ भी यह घटनाक्रम हुआ तो उसने एंटी करप्शन ब्यूरो से इसकी शिकायत कर दी। आज सुबह करीब 11:30 बजे किसान ने बैंक से रुपए निकाले तो उसे दी गई राशि के नोटों की गड्डी में से 500 के 2-2 नोट कम कर दिए गए। जब इसकी गिनती हुई तो माजरा पकड़ में आया। इस मामले से यह तो प्रमाणित हुआ है कि किसान अपना धान बचने के बाद अपने ही धान की राशि प्राप्त करने के लिए किस तरह से मौजूदा हालातों में परेशान हो रहा है।
KORBA. बैंक में ACB का छापा,प्रबंधक व कैशियर गिरफ्तार, किसान से धान का पैसा के बदले 5000 रुपये रिश्वत का मामला
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