कोरबा जिले के दादरखुर्द में बाइक चला रहे व्यक्ति की सांसें तब थम गईं, जब उसने अपने पैर पर कोबरा को चलते देखा। नाग बाइक की पेट्रोल टंकी के नीचे बैठा हुआ था। बाद में स्नेक कैचर जितेंद्र सारथी ने सांप को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा।
जानकारी के मुताबिक, ढेलवाडीह का रहने वाला नरेंद्र पाते कोरबा जिला अस्पताल से वापस घर लौट रहा था। वो अपनी बाइक से दादरखुर्द पहुंचा ही था कि उसे लगा कि उसके पैर पर कुछ रेंग रहा है। बाइक चलाते हुए जब उसकी नजर अपने पैर पर गई, तो उस पर नाग को चलता देखकर उसकी सांस ऊपर-नीचे हो गई।
युवक के पैर पर चल रहा था नाग
कोबरा सांप नरेंद्र के पैर के सहारे शरीर के ऊपर चढ़ने की कोशिश कर रहा था। वो बिना देरी किए गाड़ी से कूद गया। उसे गिरता देखकर आसपास के लोग दौड़े हुए आए। व्यक्ति ने जब सांप के बारे में बताया, तो वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई।
पेट्रोल की टंकी के नीचे बैठा था कोबरा
इसके बाद लोगों ने घटना की जानकारी स्नेक कैचर जितेंद्र सारथी को दी। थोड़ी देर के बाद जितेंद्र सारथी मौके पर पहुंचे और मैकेनिक की मदद से गाड़ी की शीट और टंकी को खुलवाया। उन्होंने देखा कि कोबरा पेट्रोल की टंकी के नीचे बैठा है। उसे बड़ी ही सावधानी से जैक रॉड की सहायता से निकाला गया।
नाग को डिब्बे में बंद कर जंगल में छोड़ा गया
इसके बाद नाग को डिब्बे में बंद कर जंगल में छोड़ दिया गया। जितेंद्र सारथी ने बताया कि पैर पर चलने के बावजूद नाग ने व्यक्ति को नहीं काटा। उन्होंने कहा कि जब तक सांप को खतरा महसूस नहीं होता, तो इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाता। उन्होंने कहा कि बाइक या स्कूटी को चलाने से पहले एक बार उसे अच्छी तरह से चेक कर लें।
बता दें कि छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहां का वातावरण वन्यप्राणियों खासतौर पर सांप के लिए अनुकूल है। जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में कोबरा, किंग कोबरा और अन्य प्रजातियों के सांपों की मौजूदगी दर्ज की गई है। कुछ महीने पहले वन विभाग ने किंग कोबरा का सर्वे कराया था, जिसमें पाया गया कि ये यहां बहुत लंबे समय से निवास कर रहे हैं। उनके लिए कोरबा का जंगल बहुत ही अनुकूल वातावरण प्रदान करता है।