मुख्तार को जेल में मारे जाने का डर क्यों था:कस्टडी में साथी मारे गए, जज से कहा- बड़े लोग मेरी हत्या की साजिश रच रहे

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‘मैं लगातार 25 साल तक मऊ सदर से विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुआ। मुझे राजनीतिक द्वेष के चलते रंजिशन आपराधिक मुकदमों में फंसाया जाता रहा है। मैं 2005 से जेल में हूं। अभी बांदा जेल में बंद हूं। यहां मुझे 19 मार्च की रात को खाने में जहर देकर जान से मारने की कोशिश की गई।’

मुख्तार अंसारी ने ऐसा 21 मार्च 2024 को मऊ की MP/MLA कोर्ट को एक प्रार्थना पत्र में लिखा। यह पहली बार नहीं था कि मुख्तार को जेल में मारे जाने का डर था। वह और उसका परिवार पहले भी कोर्ट में ऐसे आरोप लगाता रहा है।

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मुख्तार की कार्डियक अरेस्ट से 28 मार्च रात को मौत हो गई। उसे बेहोशी की हालत में रात 8:25 बजे दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। 9 डॉक्टरों ने इलाज किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका था।

मुख्तार के साथ बांदा जेल में क्या कोई लापरवाही हुई? जेलर और दो डिप्टी जेलर क्यों हटाए गए? ऐसा क्या था कि मुख्तार को जेल में डर सता रहा था?

मुख्तार ने मऊ कोर्ट से क्या कहा था
मुख्तार ने प्रार्थना पत्र में लिखा, “मुझे फौजदारी के एक मामले में 20 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होना था। मैंने वहां यह कहा कि मुझे 19 मार्च को रात में जहर देकर मारने की कोशिश बांदा जेल प्रशासन ने की। इससे पहले भी बांदा जेल में ही मुझे दो बार मारने की कोशिश हुई।

मेरी हत्या का षड्यंत्र माफिया डॉन बृजेश सिंह समेत सरकार के बड़े लोग और अधिकारियों (नामजद करते हुए) ने रचा है। सरकार ने इन लोगों को हत्या के बाद कानूनी कार्यवाही से बचाने का आश्वासन भी दिया है।

एक साजिश के तहत ही जेल के अंदर अभियुक्त प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या की जा चुकी है। इस सरकार में जेल के अंदर एक षड्यंत्र के तहत कई लोगों की हत्या हो चुकी है।”

जेल प्रशासन ने की कार्रवाई- तीन लोग हुए सस्पेंड
मुख्तार अंसारी पहले पंजाब की रूपनगर जेल में बंद था। 6 मई 2021 को उसे बांदा जेल शिफ्ट किया गया था। उसके आरोपों के बाद जेल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। एक जेलर और दो डिप्टी जेलर को सस्पेंड कर दिया गया।

इस कार्रवाई को लेकर कहा गया कि 14 मार्च को DIG जेल प्रयागराज राजेश कुमार श्रीवास्तव ने मंडल कारागार का निरीक्षण किया था। इसमें जेलर योगेश कुमार और डिप्टी जेलर राजेश कुमार, अरविंद कुमार के कार्यों में लापरवाही मिली। DIG ने निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। इसके बाद शासन स्तर से जेल के तीनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया।

वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि DIG के निरीक्षण में पाया गया कि अधिकारी जेल मैनुअल के हिसाब से काम नहीं कर रहे हैं। खाने के साथ-साथ साफ सफाई में अनियमितता बरती जा रही थी। उन्होंने इस कार्रवाई को मुख्तार के आरोपों से नहीं जोड़ा। बताया गया कि मुख्तार के लगाए गए आरोपों की जांच चल रही है।

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