कोरबा/ब्लैकआउट न्यूज़ – Who will be the CM of CG? छत्तीसगढ़ में भाजपा को बहुमत मिलाने के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर मंथन जारी है लेकिन आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री की ताज पोषी होनी है यह तय माना जा रहा है तो आइये समझते है काया हो सकता है भाजपा का नया समीकरण.
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डॉ रमन सिंह Who will be the CM of CG?
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पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ भाजपा के बड़े चेहरे और तीन बार के मुख्यमंत्री रहे है उनके कुशल नेतृत्व में छत्तीसगढ़ भाजपा का ग्राफ लगातार बढ़ा है और तीन बार सत्ता में काबिज रहने में कामयाब रहे है लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जातिय समीकरण में डॉ रमन सिंह को मुख्यमंत्री बनाना खतरे की घंटी हो सकती है.इसलिए ऐसा माना जा रहा है की डॉ रमन सिंह इस दौड़ से बहार हो सकते है.
अमित शाह की पहली पसंद पूर्व IAS O P चौधरी
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पूर्व IAS अफसर O P चौधरी को पिछले चुनाव में IAS जैसे महत्वपूर्ण ओहदे से इस्तीफा दिलवाकर कांग्रेस के कद्दावर नेता स्व. नंदकुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल के खिलाफ खरसिया विधानसभा से चुनाव लड़वाया गया था लेकिन नंदकुमार पटेल की सहादत के आगे ओपी चौधरी धराशाही हो गए थे और उमेश पटेल चुनव जीतकर मंत्री बनाये गए थे यही वजह रही की ओपी चौधरी आसन्न चुनाव में खरसिया छोड़कर रायगढ़ से चुनाव लड़ा और रिकार्ड मतों से जित हासिल की है.
भाजपा ओपी चौधरी पर इस लिए भी भरोसा कर सकती है की IAS का तमगा और तेज तर्रार होने के नाते छत्तीसगढ़ के विकास को नयी डगर मिल सकती है वही जाति समीकरण में ओपी चौधरी पटेल समाज (पिछड़ावर्ग ) का नेतृत्व करते है और छत्तीसगढ़ में पटेल समाज की बहुलता भी है,लेकिन अगर जूनियर और सीनियर का भेद होता है तो आलाकमान अपना निर्णय बदलने को मजबूर हो जायेगा.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव Who will be the CM of CG?
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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव साहू समाज का नेतृत्व करते है और प्रदेश में साहू समाज ( पिछड़ा वर्ग ) की बहुलता भी है बल्कि यह बताना जरुरी भी है की विधानसभ चुनाव 2023 में 12 साहुओं ने कामयाबी हासिल की है जिसमे दोनों दलों के निर्वाचित साहू शामिल है.अरुण साव ने विधानसभ चुनाव 2023 के अभियान की अगुवाई भी की है इस हिसाब से अरुण साव का दवा मजबूत दिखाई देता है.भाजपा आलाकमान अगर वरिष्ठों को तरजीह देती है तो अरुण साव पहले पदान पर खड़े दिखेंगे.
सांसद रेणुका सिंह Who will be the CM of CG?
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सरगुजा संभाग में भरतपुर सोनहत सीट से चुनाव जीती है जिलापंचायत सदस्य के रूप में अपनी राजनितिक पारी की शुरुआत करने वाली और विधायक रह चुकी है वर्तमान में केंद्र सरकार में राजयमंत्री रहते चुनाव लड़ी और अपनी जित दर्ज करने में कामयाब रहीं डॉ रेणुका सिंह आदिवासी(गोंड ) समाज से आती है और आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग गाहे बगाहे गूंजती रही है.
आगामी लोकसभा में आदिवासी वोट को रिझाने के लिए भाजपा आदिवासी कार्ड खेल सकती है निश्चित ही आदिवासी महिला मुख्यमंत्री बनाये जाने से आदिवासियों का बड़ा धड़ा भाजपा की और आकर्षित हो सकता है.और आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका फायदा मिलेगा.
डॉ रेणुका सिंह का सियासी सफर
रेणुका सिंह के सियासी सफर की शुरुआत रामानुज नगर की बीजेपी मंडल अध्यक्ष के रुप में हुई थी. फिर जिला पंचायत सदस्य और इसके बाद वो 2003 में प्रेमनगर विधानसभा से पहली बार विधायक बनी. 2008 में भी जीतकर रमन सरकार के महिला बाल विकास समाज कल्याण विभाग की मंत्री बनी. इसके बाद 2019 में सरगुजा लोकसभा सीट से सांसद बनकर मोदी सरकार में अनुसूचित जनजाति विकास राज्य मंत्री के पदभार में हैं.और अब पुनः भरतपुर सोनहत सीट से विधानसभा की सदस्य निर्वाचित होकर मुख्यमंत्री की प्रबल दावेदार है.
बहरहाल ये तो कयासों का बाजार है सोशल मिडिया में कई नामो की चर्चा गर्म है,यहाँ तक की सोशल मिडिया में तो पूरा मंत्री मंडल ही बना डाला है जबकि भाजपा आलाकमान अभी तक मंथन के दौर से गुजर रहा छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री कौन होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा.