सार
Shani Gochar: 30 साल बाद शनि के वक्री होने से सावन में केंद्र-त्रिकोण राजयोग बन रहा है, जिससे कुछ राशियों को अपार धन लाभ और तरक्की के योग बन रहे हैं। जिनकी कुंडली में शनि शुभ भाव में है, उन्हें विशेष लाभ मिल सकता है।
Trikon Raja Yoga after 30 years : वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का प्रतीक माना गया है। इन्हें कर्मों के अनुसार फल देने वाला ग्रह कहा जाता है। शनि की चाल अन्य ग्रहों की तुलना में बहुत धीमी होती है, यही कारण है कि यह एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहते हैं और दोबारा उसी राशि में आने में करीब तीस वर्ष का समय लगाते हैं। वर्तमान में शनि मीन राशि में गोचर कर रहे हैं और 13 जुलाई 2025 को इसी राशि में वक्री हो जाएंगे।
शनि के वक्री होने का प्रभाव हर जातक की कुंडली पर अलग-अलग रूप से पड़ता है, क्योंकि यह ग्रह जहां स्थित होता है, वहां के साथ-साथ पिछले भाव का भी फल देने लगता है।
इस बार शनि जब मीन राशि में वक्री होंगे, तो एक विशेष और दुर्लभ योग केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण करेंगे। इस योग का प्रभाव कुछ खास राशियों पर अत्यंत शुभ रहने वाला है। इस राजयोग से इन जातकों को अचानक धन लाभ, भाग्य वृद्धि, मान-सम्मान और करियर में जबरदस्त तरक्की मिलने की संभावना है। विशेष रूप से जिनकी कुंडली में शनि शुभ भाव में स्थित है, उन्हें इसका सबसे अधिक लाभ मिलेगा। यह समय उनके लिए लंबे समय से रुके कार्यों के पूर्ण होने और नए अवसर प्राप्त होने का संकेत दे रहा है।
कैसे बनता है केंद्र त्रिकोण राजयोग Trikon Raja Yoga after 30 years

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब कुंडली में केंद्र भाव (जैसे प्रथम, चतुर्थ, सप्तम और दशम) और त्रिकोण भाव (प्रथम, पंचम और नवम) के स्वामी आपस में संबंध बनाते हैं, तो उसे केंद्र त्रिकोण राजयोग कहा जाता है। यह योग अत्यंत शुभ माना गया है, और इसके प्रभाव से जातक को जीवन में धन, सफलता, प्रतिष्ठा और सम्मान की प्राप्ति होती है। ऐसे योग बनने पर व्यक्ति का भाग्य प्रबल होता है और उसे समाज में एक खास स्थान मिलता है।
वृश्चिक राशि Trikon Raja Yoga after 30 years

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह समय बेहद शुभ और फलदायक साबित हो सकता है। वर्तमान में शनि वक्री होकर आपकी राशि के पंचम भाव में स्थित है, साथ ही तीसरे और चौथे भाव के स्वामी होने के कारण यह केंद्र त्रिकोण राजयोग भी बना रहा है। पंचम भाव शिक्षा, संतान, प्रेम संबंध और रचनात्मकता का प्रतीक है। इसलिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को इसका विशेष लाभ मिलेगा।
आपके लगातार प्रयासों को सफलता का फल मिल सकता है। यदि विवाह का विचार है तो यह समय अनुकूल है क्योंकि शादी तय होने के योग बन रहे हैं। व्यापार या किसी योजना में लगे वृश्चिक राशि के लोग अध्ययन और कार्य में व्यस्त रहेंगे, लेकिन परिवार के लिए समय निकालना भी महत्वपूर्ण रहेगा।
इसके अलावा शनि की दृष्टि आपके एकादश भाव (सामाजिक संपर्क और लाभ का भाव) पर है, जिससे सामाजिक संपर्कों और साझेदारी से लाभ प्राप्त होगा। दीर्घकाल से रुका कोई सपना या संपत्ति जैसे भूमि या भवन संबंधी इच्छा अब पूरी हो सकती है। भवन निर्माण, वाहन खरीद या बड़े निवेश का अवसर भी मिल सकता है। ध्यान रखें कि वक्री शनि कर्मफल को देरी से या अधिक मेहनत से देता है, इसलिए सामान्य से अधिक परिश्रम करना आवश्यक है। मेहनत का उचित फल मिलेगा लेकिन उसे पाने के लिए आपको दृढ़ निश्चय और लगन से काम करना होगा।
धनु राशिTrikon Raja Yoga after 30 years

धनु राशि के जातकों के लिए शनि का वक्री होकर चौथे भाव में आना कई सकारात्मक संकेत लेकर आ रहा है। चौथा भाव सुख, संपत्ति, घर-परिवार और वाहन से जुड़ा होता है, और ऐसे में शनि के केंद्र त्रिकोण योग से आपको इन सभी क्षेत्रों में शुभ फल मिलने की संभावना है। लंबे समय से घर, फ्लैट या वाहन खरीदने की जो इच्छा अधूरी थी, वह इस समय पूरी हो सकती है। शनि की दृष्टि छठे भाव पर भी पड़ रही है,
जिससे यदि आप होम लोन, वाहन लोन या व्यापार के लिए कोई लोन लेने की सोच रहे हैं तो समय अनुकूल है। पारिवारिक कलह या असंतुलन की स्थिति अब धीरे-धीरे समाप्त हो सकती है, जिससे घर में शांति और समरसता का वातावरण बनेगा। माता के स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें।
इसके साथ ही विवाह की प्रतीक्षा कर रहे जातकों के लिए अच्छे प्रस्ताव आ सकते हैं। खासतौर पर साझेदारी वाले व्यवसाय में जो रुकावटें और अस्थिरता बनी हुई थी, उसमें सुधार होगा और अब लाभ की स्थिति बन सकती है। आपकी मेहनत और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे करियर, धन और अन्य क्षेत्रों में उन्नति मिलेगी। आर्थिक रूप से यह समय धन संचय के लिए भी अनुकूल है। पुराने किसी ऋण से भी छुटकारा मिलने की पूरी संभावना है। कुल मिलाकर यह समय आपको स्थिरता, प्रगति और मानसिक संतुलन देने वाला हो सकता है।
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