कोरबा। Tribute to brave journalist बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के जुझारू पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या पर कोरबा प्रेस क्लब। इन घटना की निंदा करते हुए शनिवार के शाम को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इस दौरान कोरबा जिले के पत्रकारों ने पत्रकार हितों से जुड़े मुद्दों को उठाया। यह भी कहा कि वर्तमान दौर पत्रकारिता के लिए चिंतनीय है। ऐसे समय में पत्रकारों को एकजुट रहकर संघर्ष करने की जरूरत है। आपसी मतभेदों को जोड़कर भूल कर पत्रकारों को एक मंच पर आना चाहिए।
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद पत्रकार जगत में रोष व्याप्त है। सभी इस मुद्दे को लेकर उद्वेलित हैं। जिसे लेकर कोरबा प्रेस क्लब के सदस्यों ने तिलक भवन से कैंडल मार्च निकाला और श्रद्धांजलि सभा को टीपी नगर चौक में समाप्त किया.
Tribute to brave journalist
प्रेस क्लब तिलक भवन में कोरबा जिले के सभी पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या पर आक्रोश व्यक्त किया। घटना की कड़े शब्दो में निंदा की। इसे भ्रष्टाचार में लिप्त ठेकेदार, अधिकारी और शासन के गठजोड़ का परिणाम बताया। यह भी कहा कि किसी पत्रकार को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया, क्योंकि उसने जनता की आवाज उठाई। व्यवस्था को आईना दिखाने का काम किया। यह सिर्फ मुकेश चंद्राकर की मौत नहीं है। यह पत्रकारिता की मौत होने जैसा है.
वरिष्ठ पत्रकार कमलेश यादव ने कहा कि सिर्फ श्रद्धांजलि देने भर से हम अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सकते। हमें ठोस पहल करनी होगी। हममें से कई लोग विपरीत परिस्थितियों में काम करते हैं। हमारा काम दो धारी तलवार पर चलने जैसा होता है। आज अगर मुकेश की बारी है, तो कल हममें से किसी एक को भी ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है.
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वरिष्ठ पत्रकार मनोज शर्मा ने कहा कि क्षोभ और आक्रोश दोनों ही अपने चरम पर है। ऐसी घटनाओं से मन विचलित होता है। किसी भी स्तर पर यह घटना स्वीकार्य नहीं है। चंद्राकर एक बेहद जुझारू और जांबाज पत्रकार थे। जिन्होंने सड़क निर्माण से जुड़े मुद्दे को उठाया। भ्रष्टाचार को उजागर किया, अब कई तथ्य सामने आ रहे हैं। बस्तर के आईजी ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिए जाने की बात कही है। इस मामले में हम ठोस कार्रवाई की मांग भी करते हैं और भविष्य में ऐसा ना हो इसके लिए एक कड़ा उदाहरण पेश किया जाना चाहिए.
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वरिष्ठ पत्रकार गेंदालाल शुक्ला ने कहा कि जब भी ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है। तब मन बड़ा विचलित होता है। लेकिन कोरबा प्रेस क्लब की प्रशंसा की जानी चाहिए कि इस तरह के घटना के बाद एक स्टैंड लिया और आयोजन किया। कोरबा प्रेस क्लब प्रदेश का सबसे जुझारू प्रेस क्लब रहा है। लेकिन श्रद्धांजलि से आगे बढ़कर हमें कुछ ठोस करने की जरूरत है। हमें मुकेश चंद्राकर की मौत का दुख है। गहरी श्रद्धांजलि प्रकट करते हैं, लेकिन इस मामले को आगे तक लेकर जाना चाहिए। पत्रकार सुरक्षा कानून की बात अक्सर होती है। विधानसभा में से पारित भी किया गया। लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया है। इसे तत्काल लागू किया जाना चाहिए। तभी यह मुकेश चंद्राकर को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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इस दौरान तिलक भवन में मौजूद सभी पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की। आयोजन में प्रेस क्लब संरक्षक मनोज शर्मा, कमलेश यादव, गेंदलाल शुक्ला, तपन चक्रवर्ती, सुरेश रोहरा, सनद दीवान, वरिष्ठ पत्रकार देवेन्द्र गुप्ता, मनोज ठाकुर, रफीक मेमन, नागेंद्र श्रीवास, दिनेश राज, राजकुमार शाह, रमेश राठौर, नीलम पड़वार, कृष्णा राठौर, राजेश मिश्रा, प्रकाश साहू, भुनेश्वर महतो, युधिष्ठिर राजवाड़े, संदीप केशरवानी, उमेश मकवाना, योगेंद्र लहरें, संतोष दीवान, रघुनंदन सोनी, दुर्गेश श्रीवास्तव, राजा मुखर्जी, प्रीतम जायसवाल, विजय सिंह, ईश्वर चंद्रा, विक्की निर्मलकर, रण विजय सिंह, दीपक गुप्ता, दीपक साहू, मनोज पाहुजा, देवेंद्र गुप्ता, बीता चक्रवर्ती, रेणु जायसवाल, मनीष जायसवाल, अनीश सिंह, शैलेश अग्रवाल, इरफान, गुनेश्वर प्रसाद,राजेश साहू, मुरीत राम, हीरा राठौर, मिथिलेश कुमार, संदीप शर्मा, गयानाथ मौर्य व अन्य मौजूद रहे।