तीन महीने पहले लिखी जा चुकी थी साय के कांग्रेस प्रवेश की पटकथा..

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रायपुर/ब्लैकआउट न्यूज़-  भाजपा के आदिवासी नेता नंदकुमार साय के कांग्रेस प्रवेश की पटकथा तीन महीने पहले ही लिखी जा चुकी थी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की साय से राजधानी में गोपनीय मुलाकात हुई। इस मुलाकात में बस्तर के एक आदिवासी सांसद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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सीएम बघेल से मुलाकात से पहले साय ने दिल्ली में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की थी।

सूत्र बताते हैं कि इस मुलाकात में साय ने प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी दी थी। साथ ही अपने साथ हो रहे षड़यंत्र के बारे में भी बताया था।

उस समय साय काे प्रदेश प्रभारी ओम माथुर से मिलकर अपनी बात रखने की सलाह दी गई। साय जब छत्तीसगढ़ पहुंचे तो उनकी बात न को ओम माथुर सुनने को तैयार थे, न ही प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव। इसके बाद ही साय ने भाजपा को छोड़ने का फैसला किया।

राजीव भवन में साय के कांग्रेस प्रवेश के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा कि नंदकुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने की बातचीत पहले से चल रही थी।

लेकिन रविवार रात में साय ने कांग्रेस में शामिल होने का मन बनाया। साय ने एक पत्र प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा को भेजा। इसके बाद कुमारी सेलजा ने यह जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को दी।

केंद्रीय नेतृत्व ने भी साय के पार्टी प्रवेश की अनुमति दी, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सोमवार को सदस्यता दिलाई।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को इस्तीफा देने के बाद संगठन के नंदकुमार साय को मनाने पहुंचे। रायपुर में साय के देवेंद्र नगर आवास पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और संगठन महामंत्री पवन साय पहुंचे।

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