कोरबा ( ब्लैकआउट न्यूज़ )SIR in Chhattisgarh also बिहार में फर्जी वोटर की शिकायत के बाद लाखों की संख्या में वोटर्स के नाम मतदाता सूची से काट दिए गए। इस मामले में कई चौकाने वाली बातें सामने आई। अब बड़े स्तर पर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू किया गया है। कोरबा जिले में 15 सितंबर से इसकी शुरुआत की गई। वोटर लिस्ट को विश्वसनीय बनाने का उद्देश्य इसके पीछे हैं। बीएलओ के साथ टीम बनाकर इस काम को किया जा रहा है।
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निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कोरबा सहित प्रदेश में यह काम जारी है। जानकारी के अनुसार 1 जनवरी 2026 को अर्हता तिथि मानते हुए नई मतदाता सूची अपडेट की जाएगी। चुनाव आयोग ने वर्ष 2023 की मतदाता सूची को आधार बनाकर इसे वर्ष 2025 की सूची से मिलान करते हुए सत्यापन करने कहा है। आगामी चुनाव को त्रुटिरहित बनाने का ध्येय इसमें निहित किया गया है। मतदाता सूची को शत्-प्रतिशत शुद्ध, सटीक और पारदर्शी के साथ विश्वसनीय बनाया जाना है।
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कोरबा जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में एसआईआर कार्य को गति देने के लिए इसमें टीमें लगाई गई है। बीएलओ के साथ क्षेत्रवास टीमें बनाई गई है, जिन्हें इस काम की जिम्मेदारी दी गई है। आयोग के निर्देशों और इस कार्यक्रम को लेकर तैयार की गई गाइड लाइन का पूरा ध्यान इन टीमों को अपने बूथ क्षेत्र में काम करने के दौरान रखना होगा। जानकारी में कहा गया कि बूथ लेबल ऑफिसर अपने दल के साथ स्थल पर उपस्थिति देकर मूल मतदाता सूची और निर्धारित प्रपत्र में जानकारी दर्ज करेंगे। उन्हें कहा गया है कि हर दिन इस विषय पर संपादित किए जाने वाले कार्य की प्रगति रिपोर्ट शाम 4 बजे तक वाट्सएप समूह में प्रेषित की जाए।
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इसके जरिए आयोग के उच्चाधिकारी यह जान सकेंगे कि विधानसभा क्षेत्रवास बूथ स्तर पर पुनरीक्षण का कार्य कितनी तत्परता और शीघ्रता से हो रहा है। इसके साथ ही यह जानकारी तुलनात्मक रूप से मिल सकेगी कि किन क्षेत्रों में काम की रफ्तार औसत है, कहां बेहतर है और कहां बेहद निम्न स्तर पर। आयोग को यह समझने का मौका भी मिलेगा कि कामकाज के मामले में अगर ऐसी रिपोर्ट है तो इसके व्यवहारिक कारण क्या हो सकते हैं। वे संबंधित क्षेत्रों के अधिकारियों से जरूरी पूछताछ भी करेंगे।