कोरबा बाकीमोगरा (विमल सिंह )Shyam’s group’s religious journey श्याम की टोली ने ज्यादा से ज्यादा श्याम प्रेमियों को श्याम बाबा के दरबार तक ले जाया जा सके इसका प्रयास किया जा रहा हैं। इसी कार्यक्रम में 101 श्रद्धालुओं का जग था श्याम बाबा के दर्शन कर 7 जुलाई को वापस कोरबा पहुंचा, श्रद्धांलुओं मे भारी उत्साह देखा गया.
श्याम की टोली द्वारा आयोजित की जाने वाली विशाल धार्मिक यात्रा मुख्य रूप से रेल मार्ग से कराई जाती हैं,इसी तारतम्य में टोली द्वारा चतुर्थ विशाल धार्मिक यात्रा 1 जुलाई 25 से 8 जुलाई 2025 तक कि आयोजित की गई थी,प्रेमियों के आने जाने रहने खाने की पूरी व्यवस्था समिति द्वारा की गई थी. इस यात्रा को कामयाब बनाने के लिए श्याम की टोली के रितेश अग्रवाल ,अमन गोयल ने लगभग 02 माह के अथक प्रयास से यह विशाल यात्रा सम्भव हुआ।
Shyam’s group’s religious journey

यात्रा में मध्यप्रदेश,ओडिशा,झारखंड सहित छग के कोरबा,रायपुर,बिलासपुर,जांजगीर-चम्पा,रायगढ़,शक्ति,दुर्ग,सूरजपुर सहित अन्य जगहों से कुल 101 प्रेमियों ने भाग लिया साथ ही आपको बता दे की 101 श्याम प्रेमियों में से 45 श्याम प्रेमी ऐसे थे जिनकी बाबा के दरबार में पहली बार हाजरी लगी।
यात्रा प्रारंभ 1 जुलाई की दोपहर 2 बजे बाजे गाजे के साथ उसलापूर स्टेशन से हमसफ़र ट्रेन से हुई, प्रेमियों द्वारा ट्रेन में बाबा का भव्य दरबार सजा कर रात्रि में बाबा को रिझाने के लिये कीर्तन का आनंद लिया गया!
Shyam’s group’s religious journey

श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत 8 दिवसीय यात्रा का शुभारंभ भक्तों ने वृंदावन की रसमयी गलियों से किया। पहले तीन दिन भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाभूमियों — वृंदावन, बरसाना, गोकुल, एवं मथुरा में दर्शन कर भक्ति रस में सराबोर अनुभव किया।
इसके उपरांत यात्रा मेहंदीपुर बालाजी के पावन दर्शन हेतु अग्रसर हुई, जहाँ बालाजी महाराज के चरणों में विशेष हनुमान चालीसा पाठ एवं आरती का आयोजन हुआ।
अंत में सभी श्रद्धालु खाटू श्याम धाम पहुँचे, जहाँ बाबा श्याम के दरबार में भजन, संकीर्तन और रात्रिकालीन जागरण का दिव्य आयोजन हुआ। भक्तों ने बाबा श्याम के दरबार में अपने मन की मुरादें रखीं और नयनाभिराम दर्शन का सौभाग्य पाया।
Shyam’s group’s religious journey

रिंग्स पहुँच 101 श्याम प्रेमियों ने बाबा का निशान उठा रिंग्स से खाटू 18 किलोमीटर की पदयात्रा कर श्याम बाबा को निशान अर्पण किया,,पदयात्रा के दौरान बरसात ना रूकने के कारण रास्ते में कठिनाइयाँ भी आई,लेकिन बाबा के प्रति प्रेमियों का विश्वास और प्रेम से सभी श्याम प्रेमी आगे बढ़ते चलें गये और बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई ।
समिति द्वारा पदयात्रा के लिये गाजे बाजे की भी प्रबंधन की गई थी जिसमें की सभी श्याम प्रेमी झूमते गाते 18 किलोमीटर की दूरी महज 05घंटे में ही पूरा कर लिया।
प्रत्येक श्याम प्रेमियों ने बाबा के दर्शन किए और अपने एवं अपने परिवार के लिए मनोकामनाए माँगी, ग्यारस में सभी श्याम प्रेमी ने बाबा को कीर्तन करके रिझाया!
भक्तिमय यात्रा यहीं नहीं रुकी — इसके बाद सभी श्रद्धालु पुष्कर में ब्रह्मा जी के दुर्लभ मंदिर और अजमेर पहुँचे, जहाँ एकता और प्रेम का संदेश और भी प्रबल हुआ।
अंततः यह पावन यात्रा बिलासपुर पहुँचकर स्नेह, भक्ति और सौहार्द के साथ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई।
यह यात्रा न केवल तीर्थ दर्शन का माध्यम रही, बल्कि आत्मिक शांति, समर्पण और भक्तिभाव का अमूल्य अनुभव भी बनी।
07 जुलाई को प्रेमियों की वापसी हुई। इस यात्रा में समिति के लिये सौभाग्य की बात ये रही की 45 प्रेमियों को पहली बार बाबा के दर्शन का सौभाग्य मिला। सभी श्याम प्रेमियों को यात्रा अत्यंत आनंदमय लगा, अनेक श्याम प्रेमियों ने अगले यात्रा के लिए अभी से ही अपना नाम समिति की दे दिया एवं समिति की भरपूर तारीफ़ की गई।