“700 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले और फिर… “: उज्जैन पुलिस ने ऐसे सुलझाया रेप केस

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मध्य प्रदेश के उज्जैन में हाल ही में 15 साल की बच्ची के साथ रेप की घटना सामने आई थी. आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं. बच्ची से दरिंदगी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली मध्य प्रदेश पुलिस का कहना है कि इस मामले को सुलझाने के लिए उनको बहुत ही असाधारण कोशिशें करनी पड़ीं. उन्होंने सैकड़ों लोगों के साथ पूछताछ की और 700 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों को खंगाला, तब जाकर उनको मुख्य आरोपी, ऑटो चालक भरत सोनी का पता चला. उसने कथित तौर पर 15 साल की बच्ची को उज्जैन रेलवे स्टेशन से उठाकर उसके साथ दरिंदगी की और उसे अर्धनग्न हालत में खून से लथपथ छोड़कर फरार हो गया.

‘एक अन्य ऑटो चालक के खिलाफ भी कार्रवाई’

एक पुलिस इंस्पेक्टर ने एनडीटीवी को बताया कि रेप केस को सॉल्व करने के लिए 30-35 लोग साइबर जांच में लगे थे. तीन-चार दिन तक उनमें से कोई भी सो नहीं सका था. पुलिस जब अपराध स्थल पर पहुंची तो आरोपी ने वहां से भागने की कोशिश की. हालांकि पुलिस ने पीछाकर उसे पकड़ लिया. मध्य प्रदेश पुलिस ने राकेश मालवीय नाम के एक अन्य ऑटो चालक के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है.आरोप है कि रेप पीड़िता बच्ची उसके ऑटो में चढ़ गई थी, लेकिन उसकी हालत को देखने के बाद भी राकेश ने पुलिस को मामले की सूचना नहीं दी. पुलिस के मुताबिक यौन अपराधों से बच्चों का सख्त संरक्षण अधिनियम के तहत यह भी एक अपराध है.

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रेप आरोपी बेटे के लिए मौत की सजा की मांग

बता दें कि बच्ची के साथ घिनौनी हरकत के बाद  रेप के आरोपी भरत सोनी के पिता राजू सोनी ने अपने बेटे के लिए मौत की सजा की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गलत है इसके लिए उनके बेटे को सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मौत के अलावा और क्या सजा हो सकती है. वह तो उसे मार ही देते. वहीं पुलिस से जब पूछा गया कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही, जिन्होंने घंटों सड़क पर घूमने के बाद भी रेप पीड़िता की मदद नहीं की. जब कि बच्ची लोगों से मदद की भीख मांगती रही. इस सवाल के जवाब में पुलिस ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

‘CCTV में जो भी मिला दोषी, होगा एक्शन’

उज्जैन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयंत सिंह राठौड़ ने कहा कि एक ऑटो चालक ने जानबूझकर पुलिस को मामले की सूचना नहीं दी, उसके खिलाफ एक्शन लिया गया है. उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है अगर और भी लोग इस तरह से दोषी पाए जाते हैं, जिन्होंने बच्ची की मदद नहीं की या फिर पुलिस को खबर नहीं दी तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पुलिसकर्मियों ने किया था बच्ची को ब्लड डोनेट

बता दें कि बच्ची के साथ दरिंदगी की घटना के बाद जहां एक तरफ पुलिस पर सवाल उठे तो वहीं दूसरी ओर खाकी का मानवीय चेहरा भी देखने को मिला है. दो पुलिसकर्मियों ने पीड़ित बच्ची को ब्लड डोनेट किया तो वहीं मामले को सुलझाने वाले पुलिस अधिकारी ने बच्ची को गोद लेने की पेशकश की है. बच्ची को रक्तदान करने वाले पुलिस कांस्टेबल जयपाल गोयल ने बताया कि वह वीवीआईपी ड्यूटी पर थे लेकिन बच्ची के बारे में पता चलने पर उन्होंने अस्पताल जाकर उसे ब्लड डोनेट किया.

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