Scam in PM’s residence 55 साल का बेटा अपनी 80 साल की बुजुर्ग मा को लेकर पंहुचा जनदर्शन में, PM आवास की शिकायत पर कलेक्टर ने लिया एक्शन

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कोरबा(ब्लैकआउट न्यूज़)Scam in PM’s residence कोरबा के गांव सोनपुरी के 55 साल के पुत्र ने अपनी 80 साल की महिला समारीन बाई के नाम पर पीएम आवास को स्वीकृति तो मिली है. लेकिन इसके पैसे इन तक नहीं पहुंचे. दो किस्त जारी होने के बाद पैसे किसी और ने निकाल लिए.80 साल की अस्वस्थ मां को उसका बेटा गोद में उठा कर सोमवार को कलेक्टर जन दर्शन में पहुंचा।

Scam in PM’s residence

Scam in PM's residence 
Scam in PM’s residence

समरिन बाई चलने में असमर्थ है और टूटी फूटी झोपड़ी में रह रही हैं। जिसे उसके पुत्र बंधन सिंह गोद में लेकर कलेक्टर से गुहार लगाने जनदर्शन में पहुंचे थे। इस दृश्य को देखने वालों का दिल पसीज गया क्योंकि पुत्र की उम्र भी 55 से ऊपर रही होगी जो मां को गोद में लेकर पहुंचा हुआ था।

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Scam in PM’s residence घोटाले बाजों ने 80साल की बुजुर्ग को भी नहीं बक्शा

Scam in PM's residence 
Scam in PM’s residence

निर्लज और बेशर्म धपले बाजों ने 80 साल की बुजुर्ग महिला, उसकी अस्वस्थता और आर्थिक रूप से बेहद कमजोर स्थिति को भी देखकर तरस नही आया।

अधिवक्ता नफीस खान ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ

बंधन सिंह और उनकी माता के लिए जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रेक्टिस करने वाले अधिवक्ता नफीस खान कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे. नफीस ने ही उनके लिए आवेदन बनाया और प्रशासन से गुहार लगाई. नफीस का कहना है कि पीएम आवास का अपना सिस्टम होता है. जब मकान की नींव खोद ली जाती है और निर्माण कार्य कुछ पूरा हो जाए. तभी दूसरी किस्त जारी की जाती है. बिना निर्माण किए बिना नींव खोदे दूसरी किस्त कैसे जारी हो गई यह जांच का विषय है.

वकील ने आरोप लगाया कि किसी दूसरे आवास की फोटो लगाकर फर्जीवाड़ा करते हुए पीएम आवास की राशि को जारी करवाया गया है. इनके खाते से ₹6000 भी निकाल दिए हैं. उन्होंने कहा कि अजगरबहार के बैंक में आवेदन दिया गया है.

 

Scam in PM’s residence पेंशन के पैसे भी नहीं मिल रहे हैं.

 

बंधन सिंह ने बताया कि मेरी माता चलने फिरने में सक्षम नहीं है. उनके आंख से भी कम दिखाई देता है. मैं ही इसे गोद में लेकर कहीं भी आना-जाना करता हूं. इसके नाम पर पीएम आवास की स्वीकृति मिली. हमें ग्राम पंचायत में आने वाली एक मैडम ने बताया कि पीएम आवास स्वीकृत हुआ है. खाते से पैसे भी निकले हैं, हमें तो पेंशन के पैसे भी नहीं मिल रहे हैं.

कलेक्टर ने मामले की जांच कराने और आवेदक को राहत पहुंचाने कहा

कलेक्टर ने आवेदन को संज्ञान में लेकर जनपद सीईओ कोरबा को आवेदन की जांच कराकर आवेदक को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए. साथ ही समाज कल्याण, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागीय योजनाओं से भी लाभान्वित करने के लिए कहा.

गौरतलब हैं कि पी एम आवास की योजना में हो रहे फर्जी वाडे की यदि गंभीरता से जांच कराई जायेगी तो ना जाने इस प्रकार के कितने ही मामले सामने आयेंगे। धिक्कार तो उन धोखेबाजों को है जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे गरीब परिवार को शासन की योजना से षड्यंत्र करके वंचित कर रहे है और अपनी जेब भर रहे है। इस तरह के फर्जीवाड़े में संबंधित अधिकारी और कर्मचारी की भूमिका उजागर होनी चाहिए जो गरीब परिवारों के साथ छल कपट करने वाले को संरक्षण दिए हुए हैं।

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