Resignation of BJP members भाजपा की अंतरकलह का दिखने लगा रंग, टिकिट वितरण से नाराज भाजपा के दिग्गजों ने पार्टी को कहां बाय बाय

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सुकमा। Resignation of BJP members छत्तीसगढ़ में इस बार नगरीय निकाय चुनाव के साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी हो रहे हैं। इसके मद्देनजर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों में प्रत्याशियों के चयन का दौर जारी है। लेकिन भाजपा में टिकट वितरण को लेकर आक्रोश गहराता जा रहा है। सुकमा में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर भाजपा के 18 बड़े नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

इस्तीफा देने वाले दिग्गज Resignation of BJP members 

Resignation of BJP members 
Resignation of BJP members

इस्तीफा देने वाले नेताओं में पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष राजा मनोज देव, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष लक्ष्मी देवी, पार्षद चंद्रिका गुप्ता, शिल्पा मंडावी, दीपक नेताम, अनिल मंडावी समेत कई प्रमुख नाम शामिल हैं। इन नेताओं ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नाम पत्र लिखकर टिकट वितरण में पारदर्शिता की कमी और पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगाया है।

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पक्षपात और बाहरी प्रभाव का आरोप Resignation of BJP members 

इस्तीफा देने वाले नेताओं का कहना है कि नगरीय निकाय चुनाव में टिकट वितरण के दौरान पार्टी ने पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की है। उनका आरोप है कि पार्टी ने कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े लोगों को प्राथमिकता देकर टिकट दिया है। यह निर्णय कार्यकर्ताओं की भावना के खिलाफ है और इससे पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

पार्टी को होगा नुकसान Resignation of BJP members 

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राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चुनाव के समय इतने बड़े नेताओं का पार्टी से इस्तीफा देना भाजपा के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। सुकमा में पार्टी की स्थिति पहले से ही कमजोर मानी जा रही थी, और अब इन इस्तीफों के बाद हालात और खराब हो सकते हैं।

भाजपा का डेमेज कंट्रोल सिस्टम फेल

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए 11 फरवरी को मतदान होगा, और 15 फरवरी को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इसी बीच भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। हालांकि, सुकमा में पार्टी के भीतर मचे घमासान का असर चुनाव परिणामों पर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

इस पूरे प्रकरण से जहां भाजपा की मुश्किलें बढ़ी हैं, वहीं कांग्रेस और अन्य दलों को इसका सीधा फायदा मिल सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा नेतृत्व इस नाराजगी को शांत करने के लिए क्या कदम उठाता है।

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