Raigarh News: प्रतिमा विसर्जन करने गया बालक केलो नदी में डूबा, बालक का शव जिंदल डेम बोदा टिकरा नदी मिला

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रायगढ़ : गणेश प्रतिमा विसर्जन करने के दौरान केलो नदी से दुखद घटना घटित हो गया जिसमें 10 वर्षीय बालक मोहल्ले में स्थापित भगवान गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जन करने पानी मे उतरा बालक तेज बहाव में बह गया, जिससे उसकी मौत नदी में डूबने का मामला सामने आया है।

जूटमिल थाना क्षेत्र अंतर्गत बालक अनुसार ठाकुर पिता मुकेश ठाकुर उम्र लगभग दस साल लेबर कालोनी में रहता है। बालक अपने मोहल्ले में स्थापित गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने केलो नदी के तट पर मोहल्ले वासियों के साथ गया था। इसी दौरान दस वर्षीय बालक भी पानी में उतरा था। किंतु विसर्जन के उपरांत वो बालक नदी से वापस तट पर नही पहुंचा। जिससे उसके साथियों सहित मोहल्ले वासियों में भगदड़ मच गया।

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मोहल्ले वासी अपने स्तर में उक्त घटना के बाद काफी खोजबीन किया परंतु बालक का कुछ पता नहीं चल पाया। ऐसे में तत्काल इस बात की सूचना बच्चे के परिजनों और पुलिस को दी गई। इधर सूचना पाकर बच्चे के परिजन को बदहवास हो गए । घर परिवार से लेकर पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। रात में ही परिजनों पुलिस कर्मियों द्वारा मोहल्ले व स्थानीय लोगो की मदद से काफी खोजबीन की पर नतीजा निष्फल रहा।

इस बीच मंगलवार सुबह होमगार्ड के जवान और गोताखोरों की टीम फिर से बालक की तलाश करते रही । इस बीच बालक का शव जिंदल डेम बोदा टिकरा नदी में उफनती हुए मिला। देखा जाए तो विगत कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश होने के चलते केलो व महानदी का जलस्तर काफी बढ़ चुका है। सभवतः बालक नदी के तेज बहाव में खुद को नहीं संभाल पाया होगा और वह बह गया होगा। वही बालक की पहचान नदी में बहे बालक अनुसार ठाकुर के रूप में किया गया। बहरहाल पूरे घटनाक्रम की विवेचना पुलिस कर रही है।

प्रशासन ने लगाया है रोक बावजूद नियमों की अवहेलना

एनजीटी के निर्देश के बाद नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए केलो नदी में प्रतिमा विसर्जित करने पर जिला प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। आदेश के परिपालन में मद्देनजर नगर निगम ने भी इसकी सूचना गणेश चतुर्थी से पहले ही जारी कर दी थी। जबकि तीन चार दिनों से नदी और तालाबों में गणेश विसर्जन चल रहा है। लोक प्रशासनिक आदेशों को खुले तौर पर अवहेलना करते हुए प्रतिमा विसर्जित कर रहे हैं।

मौत से परिजन शोक में डूबे, आखिर किसकी गलती

शहर में इस मौत के बाद काफी चर्चाएं होने लगी है। लोग अपनी संवेदना प्रकट कर रहे है। इस बीच यह भी चर्चा है कि नगर निगम जिला प्रशासन आदर्श जारी कर एक तरह से खाना पूर्ति कर दी। वही निगरानी करने में लापरवाही बरतने लगी दूसरी ओर से सुरक्षा के मद्देनजर नदी और तालाबों में कोई भी पुख्ता इंतजामात नही किए गए हैं और ना ही विसर्जन स्थलों पर लाइट की भी कोई व्यवस्था है।

इन सभी के बीच जब आदेश प्रतिबंध का लगाया गया है तो समिति प्रबंधन इस तरह लापरवाही बरतते हुए आदेश की अवहेलना आखिर क्यों की। यह मौत इस तरह का ज्वलंत सवाल छोड़ गया है जिसमे लोग आखिर गलती किसकी है पूछने लगे।

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