आसमान में दुश्मन से निपटने की तैयारी- बॉर्डर पर जल्द लगेंगे एंटी-ड्रोन सिस्टम, ड्रोन पकड़ने पर 1 लाख का इनाम

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अमृतसर : देश में सीमा पार से लगातार आ रही घुसपैठ और तस्करी की खबरों के बीच पंजाब सरकार ने इससे निपटने के लिए एक घोषणा की है। नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए बॉर्डर पर जल्द ही एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किए जाएंगे। पंजाब के राज्यपाल ने ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के लिए सीमा पार से ड्रोन के इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त की है। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बुधवार को घोषणा की है कि घुसपैठ को रोकने के लिए पाकिस्तान की सीमा से सटे पूरे क्षेत्र को ड्रोन रोधी तकनीक से लैस किया जाएगा। उन्होंने कहा, “ड्रोन समस्या का समाधान होना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्रालय इस बारे में बहुत गंभीर है और मुझे बताया गया है कि पाकिस्तान की सीमा से सटे क्षेत्र में एक साल के अंदर ड्रोन रोधी तकनीक विकसित कर ली जाएगी।”

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक राज्यपाल ने कहा है नशीली दवाओं की समस्या के बढ़ते खतरे के मद्देनजर उन्होंने कई बार सीमावर्ती क्षेत्रों किया है। उन्होंने सुरक्षा कर्मियों और स्थानीय लोगों से इस बारे में स्थिति की जानकारी भी ली है। राज्यपाल ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों और स्थानीय निवासियों के बीच भागीदारी और सहयोग के महत्व पर जोर दिया है। अपने लगभग तीन साल के कार्यकाल के दौरान राज्यपाल का अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन, पठानकोट, फिरोजपुर और फाजिल्का के सीमावर्ती जिलों का यह छठा दौरा था।

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ड्रोन पकड़ने वालों को मिलेगा बड़ा इनाम
वहीं डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि सीमा पार से आने वाले ड्रोन को पकड़ने में पुलिस की मदद करने वाले को एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले जो ऐसा कर चुके चुके हैं उन्हें भी पुरस्कृत किया जाएगा।

नशा मुक्त घोषित होने वाले गांवों को भी मिलेगी मदद
इस दौरान राज्यपाल ने नशा मुक्त घोषित होने वाले तीन गांवों के लिए 3 लाख, 2 लाख और 1 लाख रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा भी की। उन्होंने कहा, “आज मैं अपने कोष से इन विशेष पुरस्कारों की घोषणा करता हूं। पंजाब गुरुओं की भूमि है। मुझे इसके भविष्य की चिंता है। हमें मिलकर अपनी अगली पीढ़ी को इस खतरे से बचाना चाहिए। हर नागरिक को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।”

दोषियों को नहीं मिलनी चाहिए छूट- राज्यपाल
राज्यपाल ने नशे की समस्या से निपटने में बीएसएफ, सेना, पुलिस, स्थानीय प्रशासन और पंचों और सरपंचों सहित वीडीसी सदस्यों के बीच बढ़ते समन्वय पर संतोष व्यक्त किया है। इसके अलावा उन्होंने अदालतों में नशे के मामलों से निपटने के लिए वकीलों का एक विशेष पैनल बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने निर्देश दिया है कि अदालतों में नशे के मामलों के लिए सबसे अच्छे वकीलों को तैनात किया जाए। दोषियों को किसी भी कीमत पर छूट नहीं मिलनी चाहिए।”

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