कोरबा/ब्लैकआउट न्यूज़ : Patho lab will be in trouble बिलासपुर रायपुर, पुणे,मुंबई जैसी जगहों मे बैठकर कोरबा अद्योगिक नगरी मे डिजिटल सिग्नेचर से पैथो लेब चलाने वाले डाक्टरों पर प्रशासन की कार्यवाही का डंडा चलने के बाद अवैध पैथो लेब संचालकों मे हड़कंप मचा हुआ है. इसी तरताम्य मे बिलासपुर से बैठकर कोरबा ने माइक्रो पेथ लेब चलाने वाले डॉ मृतुन्जय MD पैथ ने इस्तीफा दे दीया है.
Patho lab will be in trouble

बताया जाता है कोरबा, कटघोरा सहित तीन पैथो लेब मे डॉ मृतुन्जय के डिजिटल हस्ताक्षर से पैथोलॉजिकल रिपोर्ट जारी की जाती थी विगत दिनों अखबारों और न्यूज़ पोर्टलों मे प्रमुखता से समाचार प्रकशित होने पर कोरबा CHMO नींद से जागे और नोटिस की ओपचारिकता पूरी की लेकिन चोर की दाढ़ी मे तिनका जैसी कहावत चरितार्थ Said गयी और अवैध पेथो लेब संचालको भय का वातावरण निर्मित हो गया और वें स्वयं बोरिया बिस्तर समेटना शुरू कर दिए. अब ये अलग बात है की चार आठ दिनों बाद ये फिर अपनी दुकानदारी शुरू कर लेंगे और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ शुरू हो जायेगा.
Patho lab will be in troubleमेडिकल लैब के लिए मानक

👉 पैथालॉजिकल लैब:
👉छोटा लैब
रूटीन (नियमित) क्लीनिकल प्रक्रियाएँ, जैसे एचबी, टीएलसी, डीएलसी, यूरिन शुगर (ब्लड एवं यूरिन) जाँच ।
Patho lab will be in trouble बड़ा लैब

👉 उपरोक्त प्रक्रिया और ब्लड यूरिया, कॉलेस्ट्राल, आरएफटी, एलएफटी, लिपिड प्रोफाईल, बायो केमेस्ट्री, माईक्रोबॉलाजी, हिस्टोपैथालॉजी, कामन हारमोन ऐसेः टी3, टी4, टीएसएच, प्रोलेक्टिन, यूरिन एवं ब्लड कल्चर, इलिसा टेस्ट आदि। लैब का न्यूनतम क्षेत्रफल होगा 120 वर्गफुट + 40 वर्गफुट
👉क्लीनिकल लैब में प्रति टेक्निशियन 600 मि.मी. चौड़ा और 900 मि.मी. ऊँचा तथा लगभग 2 मीटर लंबा बेंच होना चाहिए तथा लैब के भारसाधक पैथॉलाजिस्ट के लिए पर्याप्त कक्ष होना चाहिए। प्रत्येक लैब बेंच में स्वान नेक फिटिंग्स, रीजेन्ट शेल्विंग, गैस एवं पॉवर प्वाइंट और कॉउंटर केबिनेट के साथ लैब सिंक होना चाहिए। लैब बेंच का शीर्ष एसिड अल्कली प्रूफ होना चाहिए।
👉 सभी क्लीनिकल लैब को मरीज के जाँच परिणामों के विवरण के साथ मरीज का नाम, उनका पता और रिफरल डॉक्टर के नाम का यथोचित रूप से रिकार्ड रखना चाहिये।
👉 सभी पैथॉलाजी लैब अग्निशमक यंत्रों जैसे, नगरपालिक प्राधिकरणों द्वारा यथा निर्धारित आग बुझाने के यंत्र का संधारण करेंगे।
👉 सभी लैब में स्टॉफ के लिए निजी सुरक्षा उपकरण (पी. पी. ई.) होना चाहिए।
👉 सम्यक् एकांतता (गोपनीयता) सहित सैम्पल संग्रहण के लिए सुविधायुक्त स्वच्छ शौचालय होना चाहिए।
पर्यवेक्षी चिकित्सक
👉 छोटे मेडिकल लैब के संचालन हेतु न्यूनतम योग्यता एम.बी.बी.एस की डिग्री होगी।
👉बड़े लैब के संचालन हेतु न्यूनतम योग्यता पैथालॉजी में एम.डी./ डी.सी.पी. होगी।
👉 तकनीकी कर्मी पर्यवेक्षी चिकित्सक के पर्यवेक्षण के अधीन जाँच करने वाले तकनीकी व्यक्ति के पास निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए :-
👉 किसी विश्वविद्यालय, राज्य सरकार, केन्द्रीय तकनीकी बोर्ड द्वारा मेडिकल लैब टेक्नालॉजी में (कम से कम एक वर्ष की अवधि के पाठ्यक्रम के साथ) डिप्लोमा।
👉छत्तीसगढ़ शासन द्वारा समय-समय पर अनुमोदित कोई भी पाठ्यक्रम।
👉 संग्रहण केन्द्र संग्रहण केन्द्र का संचालन, किसी डीएमएलटी अथवा प्रशिक्षित नर्स द्वारा किया जा सकता है। संग्रहण केन्द्र में कम से कम 80 वर्गफुट क्षेत्रफल का एक कमरा होना चाहिए, जहाँ संग्रहण तथा सैम्पल के भंडारण की सुविधा हो तथा केन्द्र से मेडिकल लैब तक सैम्पल का उचित परिवहन प्रदान किया जाना चाहिए। परिवहन सावधानीपूर्वक कोल्ड चैन के उचित रखरखाव के साथ किया जाना चाहिए।