NTPC officials ate ashes आंदोलित भूविस्थापितों ने कटघोरा विधायक की मौजूदगी में NTPC के अधिकारीयों पर फेंका राख

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कोरबा। NTPC officials ate ashes जिले में राखड़ की समस्या से जूझ रहे नाराज ग्रामीणों ने अप्रत्याशित घटनाक्रम में एनटीपीसी के अधिकारियों को फ्लाई ऐश का स्वाद चखा ही दिया। उनके मुंह पर राख फेंकी गई। ग्रामीण थैली में राखड़ भर कर लाए थे और जब उनका गुस्सा फट पड़ा तो उन्होंने अधिकारियों पर राख फेंकी। इस दौरान कटघोरा क्षेत्र के भाजपा विधायक प्रेमचंद पटेल भी प्रदर्शन स्थल पर मौजूद थे।

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कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्र एनटीपीसी से उत्सर्जित राख का निस्तार प्रबंधन के द्वारा ग्राम धनरास में राखड़ बांध बनाकर किया जा रहा है। संयंत्र की राख को इधर-उधर फेंकने का भी काम चंद ठेकेदारों के द्वारा किया जा रहा है। धनरास राखड़ बांध के आसपास बसे ग्रामीण राख उड़ने की समस्या से बेहद परेशान हैं।

हवा चलते ही उड़ती है राख  NTPC officials ate ashes

NTPC officials ate ashes 
NTPC officials ate ashes

 

हल्की सी हवा चलने पर राख का गुबार ऐसा उड़ता है कि सारा गांव उसमें समा जाता है और ग्रामीणों के खाने-पीने की वस्तुएं भी खराब हो जाती हैं। शादी-विवाह का अवसर हो या कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम, यदि हवा चली तो सारा खाना राख-राख हो जाता है और नुकसान अलग से। कई साल से इस तरह की समस्या बनी हुई है लेकिन हाल ही के कुछ महीनों में इसने गंभीर रूप लेना शुरू कर दिया है। वैसे तो राखड़ प्रभावित ग्रामीणों को प्रति राशन कार्ड के आधार पर मुखिया को 3000 रुपये का राशन भत्ता एनटीपीसी द्वारा दिया जाता है

लेकिन इसमें भी चंद लोग अपनी रोटी सेंक कर फर्जी नाम के सहारे राखड़ भत्ता में भी गड़बड़ घोटाला किए हुए हैं। इस तरह की समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीण एनटीपीसी प्रबंधन को अनेक बार पत्र व्यवहार करने के साथ-साथ चेतावनी देते हुए समस्या से निजात दिलाने का आग्रह करते आ रहे हैं। जब पानी सिर से ऊपर गुजरने लगा तो उन्होंने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया।

ये हुआ कैसे जानिए  NTPC officials ate ashes 

NTPC officials ate ashes 
NTPC officials ate ashes

2 जून से धनरास राखड़ बांध पर प्रदर्शन चल रहा था। राख की गंभीर समस्या, नौकरी सहित 7 सूत्रीय मांगो को लेकर प्रभावित धरना पर बैठे थे।कोई सुनवाई नही होने पर नाराज ग्रामीणों ने धनरास राखड़ बांध से होने वाले राख परिवहन के कार्य को पूरी तरह से बाधित कर दिया जिसके बाद गुरूवार 5 जून की शाम एनटीपीसी के अधिकारी मौके पर ग्रामीणों से चर्चा के लिए पहुंचे। कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल, राजस्व विभाग से तहसीलदार, पुलिस और सीआईएसएफ की टीम भी वहां थे।

 

एनटीपीसी के अधिकारी और ग्रामीणों के बीच शाम 4 बजे से चर्चा शुरू हुई, करीब ढाई घंटे तक चर्चा अंततः बेनतीजा रही। मांगों पर उचित निर्णय लिये बगैर ही एनटीपीसी के अधिकारी बीच बैठक से उठकर जाने लगे तब ग्रामीणों को गुस्सा फूट पड़ा औऱ वापस लौट रहे अधिकारियों पर गुलाल की तरह फ्लाई ऐश झोंक दिया। आनन-फानन में CISF के जवान अधिकारियों को घेर कर वहां से ले जाने लगे लेकिन ग्रामीणों ने एनटीपीसी के विरोध में नारेबाजी करते हुए राख फेंकना जारी रखा जिसमें पुलिस अधिकारी भी चपेट में आए।

दुबारा बैठक में 10 दिन की मोहलत NTPC officials ate ashes 

 

राखड़ कांड के बाद विधायक प्रेमचन्द पटेल, राजस्व अधिकारी और पुलिस की मौजूदगी में देर शाम फिर बैठक हुई। विधायक ने अपनी बात रखी जिस पर एनटीपीसीने ग्रामीणों की मांगों को पूरा करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है। इसके बाद आंदोलन स्थगित कर दिया गया।

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