namisha priya hanging case सजायाफ्ता नमिषा प्रिया के लिए फरिश्ता मुफ़्ती-ए-आज़म हज़रत शेख़ अबू बक्र मल्सियारी ने सज़ा मुअत्तल कर के इंसानियत की आला मिसाल क़ायम की देखें VIDEO

- Advertisement -

namisha priya hanging case अज़ क़लम: अबू उमारा सैयद मुहम्मद साबिर अली रज़वी मिसबाही मुफ़्ती-ए-शहर व सेक्रेटरी, सुन्नी अइम्मा काउंसिल इंदौर (एम.पी.)

मुफ़्ती-ए-आज़म हज़रत शेख़ अबू बक्र मल्सियारी दाम ज़िल्लुहुल आली हिन्दुस्तान के सफ़-ए-अव्वल के उलमा व मशाइख़ में शुमार किए जाते हैं। आप एक जलीलुल-क़द्र आलिम-ए-दीन, माया-ए-नाज़ मुफ़्ती और बेमिसाल दाई व मुबल्लिग़ हैं। अस-तसकाफ़तुस-सुन्नियत, केरला को आपने आलमी सतह पर मुतआर्रिफ़ कराया है और पूरे मुल्क में दीनी व असरी तालीम का जाल बिछाकर एक अज़ीम-उश-शान कारनामा अंजाम दिया है। आप मुतअद्दिद दीनी व तालीमी इदारों के बानी व सरपरस्त हैं। एशिया व यूरोप और बिल खूसुस अरब दुनिया में आपकी एक मुनफ़रिद पहचान है। आपकी दीनी, मिल्ली और इल्मी ख़िदमात क़ाबिले-क़दर और लायक़े-रश्क़ हैं। आपने हर मोड़ पर क़ौमी व मिल्लत की क़ियादत का फ़रीज़ा अंजाम दिया है।

- Advertisement -

namisha priya hanging case

namisha priya hanging case 
namisha priya hanging case

इस वक़्त एक बार फिर आप एक अज़ीम क़ाएद और मसीहा-ए-इंसानियत के रूप में सामने आए हैं, और वो इस तरह कि यमन में क़ैद 37 साला नमिशा प्रिया जो केरला हिन्दुस्तान की रहने वाली है, जिसे 16 जुलाई 2025 को सज़ा-ए-मौत होने वाली थी — आपने यमन से गहरे ताल्लुक़ात व रावाबित, कामयाब नुमाइंदगी और अपनी ग़ैर-मामूली कोशिशों के ज़रिए नमिशा प्रिया की सज़ा-ए-मौत को माफ़ी में तब्दील कराके एक अज़ीम-उश-शान इंसानी ख़िदमत अंजाम दी है। आपकी इस भाईचारे और इंसानियत नवाज़ी के हर तरफ़ चर्चे हैं। लोग आपकी ख़ूब-ख़ूब तारीफ़ कर रहे हैं।

namisha priya hanging case 

namisha priya hanging case 
namisha priya hanging case

शशि थरूर जो केरला के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के रुक्ने-पार्लियामेंट हैं, उन्होंने आपकी कोशिशों को सराहते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है कि:
*> “उस्ताज़ शेख़ अबू बक्र ने हमें दिखाया है कि आज के दौर में इंसानियत सबसे अहम है, जब कि मज़हब और बिरादरी के नाम पर इंसानों को तक़सीम करने और नफ़रत फैलाने की कोशिशें की जा रही हैं।*”

namisha priya hanging case 

namisha priya hanging case 
namisha priya hanging case

जनाब मूफती ए आज़म शेख़ अबू बक्र अहमद मल्सियारी की ये बे-लौस ख़िदमत सिर्फ़ एक इंसानी जान का तहफ़्फ़ुज़ नहीं, बल्कि मौजूदह दौर के इस नफ़रती माहौल में इत्तिहाद व भाईचारा, मोहब्बत व रवादारी और इंसानियत नवाज़ी की रौशन मिसाल भी है। ऐसे क़ाएदीन का वजूद मुल्क व मिल्लत के लिए रहमत है।

आज जब कि हमारे मुल्क हिन्दुस्तान के हालात निहायत अफ़सोसनाक हैं। हर तरफ़ नफ़रत व अदावत, ता’अस्सुब व तंगनज़री, ज़ुल्म व बर्बरियत और भेदभाव का बाज़ार गर्म है। नफ़रतें परवान चढ़ रही हैं। मुल्क का अकसरियत तबक़ा अक़ल्लियतों के ख़िलाफ़ पूरी तरह सरगर्म-ए-अमल है और उन्हें अज़ीयत पहुँचाने के सारे हथकंडे और तरीक़े इस्तेमाल में ला रहा है।

ऐसे होशरुबा माहौल में निहायत ज़रूरी है कि बिला इख़्तिलाफ़ मज़हब व मिल्लत, मुल्क में मौजूद सारे मज़ाहिब के मानने वाले आपस में मिल-जुल कर रहें, इंसानियत और भाईचारे का फ़रोग़ दें, अम्न व आश्ती और मोहब्बत का चराग़ रौशन करें, और वतन-ए-अज़ीज़ भारत को फिर से जन्नत-निशान और गंगा-जमुनी तहज़ीब की आमाजगाह बनाएं।

namisha priya hanging case

अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त मूफती ए आज़म शेख़ अबू बक्र साहब क़िब्ला का साया अहले सुन्नत पर दराज़ फ़रमाए। यक़ीनन आप अहले सुन्नत का अज़ीम सरमाया हैं। दावत व तबलीग़ और तालीम व तआल्लुम के हवाले से आपकी ख़िदमात क़ाबिले-रश्क़ और लायक़-ए-तक़लीद हैं। ज़िंदगी के हर शोबे में उन्होंने अपने वुजूद का एहसास दिलाया है। अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त उनके फूयूज़ व बरकात को मज़ीद आम व ताम फ़रमाए।

मनजानिब: सुन्नी अइम्मा काउंसिल, इंदौर

- Advertisement -
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -