मुख्तार अंसारी और उसके बेटे उमर अंसारी की बातचीत का आखिरी ऑडियो सामने आया है। इसमें मुख्तार कह रहा है कि बहुत कमजोर हो गया हूं। बेटा हम उठ-बैठ नहीं पा रहे हैं। बॉडी चली जाती है, लेकिन रूह यहीं रह जाती है।
ऑडियो 28 मार्च का बताया जा रहा है। गुरुवार रात मुख्तार की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। उसे उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत में रात 8:25 बजे जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। 9 डॉक्टरों ने इलाज किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
मुख्तार अंसारी के बेटे उमर ने डीएम को एक लेटर भी लिखा है। इसमें उसने लिखा है- 28 मार्च को दिन में करीब साढ़े 3 बजे मेरी बात मेरे पिता से हुई थी। तब वो मुझसे कह रहे थे, मुझे पूर्व योजना के तहत जहर दे दिया गया है। 10 दिन से मैं वॉशरूम नहीं गया हूं। उमर बेटा अब मैं बचूंगा नहीं।
उमर: पापा, आप ठीक हैं न?
मुख्तार: हां बाबू, हम ठीक हैं।
उमर: अल्लाह ने बचा लिया है, रमजान के इस पाक महीने में।
मुख्तार: मुझे बेहोशी आ रही है। बहुत कमजोरी लग रही है।
उमर: मैंने देखा न्यूज में आप कमजोर लग रहे हैं। हम कोर्ट में हैं। आपसे मुलाकात की परमिशन लेने के लिए। दरोगा अंकल हमारा काम करवा रहे हैं। अगर परमिशन मिली तो मिलने आएंगे।
मुख्तार: बेटा हम बैठ नहीं पा रहे हैं। हम उठ भी नहीं पा रहे हैं।
उमर: ये सब जहर का असर दिख रहा है। आप हिम्मत करके फोन कर लिया कीजिए। पापा आपकी आवाज सुनकर अच्छा लगता है।
मुख्तार: हां बाबू, बॉडी चली जाती है… लेकिन रूह यहीं रह जाती है।
उमर: आप हिम्मत रखिए… अभी तो आपको हज भी करना है… कोई और रहता तो अब तक मर गया होता।
मुख्तार: हम तो खड़े नहीं हो पा रहे हैं। मैं व्हील चेयर के सहारे हूं।
उमर: देखिएगा जल्द आप सेहतमंद होंगे। आप वॉशरूम जा रहे हैं या नहीं?
मुख्तार: दस दिन से मुझे मोशन नहीं हो पा रहा है।
उमर: आप परेशान न हो। मैं आपके लिए जमजम लेकर आऊंगा। खजूर लेकर आऊंगा… फल लेकर आऊंगा।