मंत्री गहलोत ED दफ्तर पहुंचे:शराब घोटाले में पूछताछ के लिए एजेंसी ने समन भेजा था, पॉलिसी बनाने वाली टीम में थे

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत को शनिवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। कैलाश सुबह 11.30 बजे ED के ऑफिस पहुंचे। नजफगढ़ से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक गहलोत केजरीवाल सरकार में परिवहन, गृह और कानून मंत्री हैं।

ED ने समन में गहलोत से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा है। एजेंसी का कहना है कि गहलोत उसी ग्रुप का हिस्सा थे, जिसने शराब नीति बनाई थी।

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ED ने गहलोत को समन क्यों भेजा
कैलाश गहलोत से शराब नीति बनाने को लेकर पूछताछ किए जाने की उम्मीद है क्योंकि वे 2021-22 के लिए नई शराब नीति की तैयारी और कार्यान्वयन के समय डिप्टी CM मनीष सिसोदिया और पूर्व शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ मंत्रियों के समूह (GoM) का हिस्सा थे।

एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में गहलोत का नाम लिखा था। ED का आरोप है कि शराब नीति साउथ लॉबी को लीक की गई थी, जिसमें BRS नेता के कविता भी शामिल थीं। साउथ लॉबी पर AAP और उसके नेताओं को 100 करोड़ की रिश्वत देने का आरोप है।

चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि गहलोत ने एक ही सिम नंबर इस्तेमाल किया लेकिन उनकी आईएमईआई (अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान) तीन बार बदला गया।

गहलोत के सरकारी बंगले में रहता था आरोपी विजय नायर
एजेंसी ने इसी केस में पहले से गिरफ्तार AAP संचार प्रभारी विजय नायर को लेकर भी बताया था कि नायर, गहलोत को आवंटित सरकारी बंगले में रहता था। ED ने किसी लोक सेवक के सरकारी आवास का इस्तेमाल किसी और को करने की अनुमति देने पर इसे आपराधिक विश्वासघात करार देते हुए केस की जांच CBI से करवाने कहा था।

CM केजरीवाल समेत 3 लोग इस केस में गिरफ्तार
शराब नीति केस में आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को ED ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। ये दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। इसी केस में 21 मार्च को CM अरविंद केजरीवाल को अरेस्ट कर लिया गया था। फिलहाल वे 1 अप्रैल तक रिमांड पर हैं।

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