कोरबा/ब्लैकआउट न्यूज़ -Matter of DDM Road Korba कोरबा शहर में सफेदपोश लोगों की धन पीपाशा इस कदर बढ़ गयी है की तमाम नियम कानून को ताक मे रखकर करोडो कमा रहे है फिर इसके लिए चाहे दस्तावेजों के साथ छेड़ छाड़ ही क्यों ना करना पड़े बल्कि यूँ कह लीजिये की दस्तावेजो मे कूट रचना कर शासन को धत्ता बताने के लिए राजस्व अमला भी नोटों की खनक के आगे नतमस्तक है.
Matter of DDM Road Korba
ऐसा ही एक मामला कोरबा DDM रोड स्थित भूमि का है जिसमे कोरबा के धन्ना सेठ मसलन सफ़ेद पोश अशोक कुमार मित्तल पिता पिरोजी लाल मित्तल ठेकेदार ने खसरा नंबर 669/5 रकबा 20 डिसमिल एवं 670/1रकबा 11डिसमिल कुल 31 डिसमिल जमीन को दीपक कुमार धमेचा एवं अजय कुमार धामेचा को 22/11/2021 को परिवर्तित भूमि को अपरिवर्तित भूमि बताकर रजिस्ट्री करवा दिया गया. खसरा नम्बर 670 /1 में 8 डिसमिल में सड़क बना हुआ एवं तीन डिसमिल में मंदिर बना हुआ है उसे मूल खसरे में और जमीन नहीं है फिर उसे जमीन का पूर्व में कैसे हो गया डायवर्सन यह एक सोचनीय विषय है.
बतादे की खसरा नम्बए 670 /1 रकबा 11 डिसमिल का सीमांकन 21/12/2007 को तात्कालिक तहसीलदार के प्रतिवेदन रा.प्र.क्र. 7 आ -12/07-08 दिनांक 21/12/2007 में स्पष्ट है की उक्त खसरे की भूमि जो की 11 डिसमिल है में से 08 डिसमिल में पक्की सड़क का निर्माण हो चूका है वही 03 डिसमिल भूमि पर ईश्वर चंद एवं धनराज द्वारा अवैध कब्जा कर बाउंड्री बना लिया गया है इसके बावजूद 16/07/2020 को उक्त खसरा को परिवर्तित करा लिया गया जिसका प्र.क्र.220 /आ-2 /2019 -20 दिनांक 17/02/2020 में उक्त खसरे की भूमि का डायवर्सन कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से करा लिया गया.
Matter of DDM Road Korba
उक्त सड़क निर्मित भूमि का डायवर्शन कैसे हो गया यह जाँच का विषय है सड़क निर्मित भूमि जो की संभवतः अधिग्रहित भूमि है जिसका रिकार्ड राजस्व विभाग के पास मौजूद है इसके बावजूद डायवर्सन, सीमांकन, नक्शा, बटांकन आदि दस्तावेजी औपचारिकताये पूरी करने में पटवारी एवं RI ने पूरी रूचि दिखाई है इसका मतलब साफ़ है की दाल में कुछ काला है अब वह कुछ क्या है यह तो जाँच का विषय है.वहीँ उक्त खाते की भूमि की बिक्री चौहद्दी भी बनाई गयी राजस्व रिकार्ड के मुताबिक उक्त भूमि पर पक्का सड़क बना हुआ है इसके बावजूद चौहद्दी बनाना समझ से परे है.
जाँच का विषय
- भूमि खसरा नंबर 670/1 जो की डीएम रोड में स्थित है जो पूर्व में राजस्व अभिलेखों के अनुसार सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित हो चुकी है उसका 16.07 2020 को डायवर्सन कैसे हो जाता है इसके पश्चात इसकी पुनः रजिस्ट्री अन डायवर्टेड दिखाकर दूसरे की जमीन पर कब्जा कर 20.11.2021 अशोक मित्तल द्वारा करवा दी जाती है। इस पूरी भूमिका में पटवारी एवं आर आई की भूमिका की जांच की जानी चाहिए.
2) 670/1 रकबा 11 डिसमिल भूमि परिवर्तित भूमि का अपरिवर्तित अथवा कृषि भूमि का सर्टिफिकेट कैसे जारी हुआ क्या इस सर्टिफिकेट को जारी करने में डायवर्सन शाखा के कर्मचारी एवं अधिकारियों की मिली है अगर है तो इसकी जांच होनी चाहिए
3) दिनांक 22.11.2021 को उक्त भूमि की रजिस्ट्री के दौरान स्थल निरीक्षण उप पंजीयन द्वारा किया जाता है अब सवाल यह होता है कि उप पंजीयन द्वारा पक्की सड़क बनी हुई जमीन का स्थल निरिक्षण कैसे किया होगा इसमें रजिस्टार की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए.
4 ) उक्त भूमि खसरा नंबर 669/5 रकबा 20 डिसमिल जो सरकारी भूमि है एवं खसरा नंबर 670 /1 रक़बा 11 डिसमिल भूमि जो डीएम रोड में स्थित है जिसकी कीमत करोड़ों में है जिनके फर्जी पेपर कौड़ियों के दाम खरीद कर अशोक कुमार मित्तल ने दूसरे की जमीन को अपना बताकर उसे करोड़ों रुपए में बेचा हैं जिसकी जांच होनी चाहिए।
5) दस्तावेजों में कूटरचना कर करोड़ों की जमीन को कौड़ियों में खरीदने का दुस्साहस करने वाले अशोक मित्तल द्वारा राजस्व विभाग के किन अधिकारीयों से मिलकर यह बड़ा खेल खेला है इसकी जाँच होनी चाहिए अशोक मित्तल द्वारा किसकी जमीन में कब्जा कर फर्जी रजिस्ट्री करा दी गई यह भी एक जांच का विषय है।
उक्त समाचार को प्रकाशित करने के लिए राजस्व विभाग से RTI के तहत सम्पूर्ण दस्तावेज एकत्र किये गए है जो ब्लैकआउट के पास मौजूद है.