Korba Crime News: जटगा पुलिस चौकी में ग्रामीणों का हमला, जमकर की तोड़फोड

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कोरबा : एक आदिवासी को शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद नाराज ग्रामीणों ने जटगा पुलिस चौकी का घेराव कर दिया। इस दौरान कुछ लोगों ने चौकी के अंदर घुस कर जमकर तोड़ फोड़ भी की। समझाइश देने का प्रयास कर रहे पुलिस कर्मियों के साथ ग्रामीण हाथापाई पर उतर आए और जमकर बवाल किए। घटना की सूचना मिलने पर एसडीओपी कटघोरा घटनास्थल पर पहुंचे।

थाना कटघोरा अंतर्गत जटगा पुलिस चौकी संचालित है। यहां के पुलिस कर्मियों ने मंगलवार की सुबह कंकण सारथी 40 वर्ष निवासी जटगा के घर- बाड़ी में छापामार कार्रवाई की। पुलिस का कहना है कि इस दौरान तीन लीटर कच्ची शराब व 80 रूपये बिक्री रकम की राशि बरामद की गई। आरोपित को गिरफ्तार कर चौकी लाया गया था। आगे की कार्रवाई पुलिस कर रही थी, इस बीच रात करीब 10 बजे काफी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो पुलिस चौकी जा धमके और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

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बताया जा रहा है कि गांव के ही भाजपा समर्पित नेता व सरपंच पति के अगुवाई में ग्रामीण पहुंचे थे। उनका कहना था कि आदिवासियों को कच्ची शराब बनाने की छूट शासन की ओर से दी गई है। बावजूद इसके अवैध वसूली करने जटगा पुलिस लगातार आदिवासियों के घर छापेमारी कर फर्जी मामले दर्ज कर रही है। घेराव के दौरान चौकी प्रभारी संतु मरकाम समेत सात पुलिस कर्मी मौजूद थे। पुलिस कर्मियों ने नाराज लोगों को समझाइश देकर वापस लौटाने का प्रयास किया तो ग्रामीण भड़़क गए और गाली गलौच करते हुए पुलिस कर्मियों को धक्का कर चौकी के अंदर प्रवेश कर गए और यहां रखे प्लास्टिक की कुर्सियों को टेबल पर पटक कर तोड़ दिया गया। चौकी के बाहर खड़े लोगों ने भी जमकर उत्पात मचाते हुए परिसर में रखे सामानों में तोड़ फोड़ की।

बताया जा रहा है कि थाना प्रभारी के साथ भी अभद्रता करते हुए हाथापाई का प्रयास किया गया। इसकी सूचना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। इसके साथ ही कटघोरा से एसडीओपी पुलिस पंकज ठाकुर, कटघोरा थाना प्रभारी तेजकुमार, पाली थाना प्रभारी समेत कुछ अधिकारियों को मौके के लिए रवाना किया गया। एसडीओपी ठाकुर ने ग्राम सरपंच की उपस्थिति में ग्रामीणों को समझाइश देते हुए कहा कि शराब बंदी के जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। किसी भी ग्रामीण पर अनावश्यक कार्रवाई नहीं की जाएगी और ना हीं घर में घुस कर गाली गलौच की जाएगी। आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीण शांत होकर वापस लौटे।

सीसीटीवी में तोड़फोड़ करते ग्रामीण कैद

घटना के वक्त चौकी में कम पुलिस कर्मी थे और ग्रामीणों की संख्या अधिक थी। ग्रामीणों का उग्र रूप देख पुलिस कर्मी पीछे हट गए और ग्रामीणों को अधिक हंगामा करने का मौका मिल गया। पुलिस इस मामले में शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करते हुए तोड़ फोड़ व बलवा का अपराध पंजीबद्ध किया है। सात लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है। फिर से कोई विवाद न हो, इसलिए पुलिस अभी अपराध दर्ज किए जाने की बात स्वीकार नहीं कर रही। चौकी में लगे सीसीटीवी कैमरे में तोड़फोड़ करते ग्रामीणों का फुटेज पुलिस ने निकाला है। इसके माध्यम से भी आरोपितों की पहचान की जा रही।

पुलिस के जवान महिलाओं से करते हैं अभद्रता, मांगते हैं रूपये

हंगामा करने वाले ग्रामीणों का कहना था कि चौकी में पदस्थ पुलिस कर्मी जांच पड़ताल के नाम पर ग्रामीणों के घर जबरदस्ती घुस जाते है और महिलाओं के साथ भी गाली गलौच कर अभद्रता की जाती है। कई बार महिलाओं को अचानक पुलिस कर्मियों के घुसने की वजह से शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ता है। इतना नहीं एक पाव शराब होने पर भी पकड़ कर ले आते हैं और राशि की मांग करते हैं। राशि लेने के बाद भी मामला बनाया जाता है। पांच लीटर तक शराब बनाने की छूट मिली है, पर यहां आधा लीटर शराब मिलने पर ही कार्रवाई हो रही है।

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