कोरबा/ब्लैकआउट न्यूज़ – जिले के सभी ग्राम पंचायत व उनके आश्रित गांव सहित नगरीय निकाय व मजरा टोला यानी नई बस्तियों में बिजली की लचर व्यवस्था में बदलाव देखने को मिलेगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी व बरसात के दिनों में होने वाली बिजली की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
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गर्मी व बरसात के दिनों में गामीण क्षेत्रों में कई कई दिनों तक बिजली बंद की समस्या रहती थी ये समस्या लगभग दूर होगी, लेकिन इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को दो साल का इंतजार करना होगा, क्योंकि बिजली व्यवस्था के सुधार कार्य का काम फरवरी 2023 से शुरू होगा जो दो साल तक चलेगा। इस काम को कंपनी 2 साल में पूरा करेगी। बता दें कि जिले में लगभग 126 करोड़ की लागत से पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र सुधार योजना (रिवेम्प ड्रिस्ट्रीबूशन सेक्टर स्ट्रेन्थ स्कीम आरडीएसएस) के तहत जिले के सभी डिविजन के गांवों व शहरों में बिजली की व्यवस्था में सुधार की जाएगी। इस काम का शुरूआत फरवरी माह से होगा।
इसके लिए टेंडर जारी हो गया है। 126 करोड़ का काम दो फेस में पूरा होगा। पहले फसे में जर्जर कंडक्टर बदले जाएंगे वहीं दूसरे फेस में नए उपकेंद्र तैयार होंगे। इसके अलावा मजरा टोल यानी नई बस्तियों का सर्वें भी किया जाएगा। इस नई योजना से बिजली व्यवस्था के सुधार होने के बाद से जहां एक ओर ग्रामीणों को राहत मिलेगी वहीं सबसे ज्यादा बिजली विभाग के कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी। बारिश व गर्मी के दिनों में फाल्ट खोजने में इन्हें परेशानी नहीं होगी। आरडीएसएस योजना के संबंध में विद्युत विभाग के प्रोजेक्टर ईई अभिमन्यु कश्यप ने बताया कि इस योजना की शुरूआत हो गई है।
ठेकेदार को टेंडर मिल गया है। सिंचाई व घरेलू कनेक्शन होंगे अलग वर्तमान में ग्रामीण व शहरी क्षेत्राें में घेरलू व सिंचाई के लिए कृषि पंप के लिए एक ही फीडर से कनेक्शन दिया गया है। गर्मी के दिनों में फसलों की सिंचाई के लिए कृषि पंप का उपयोग 24 घंटे किसान करते है, इसका असर घरेलू कनेक्शन में पड़ता है। ग्रामीण लो-वोल्टेज की समस्या से आए दिन जुझते रहते हैं। इस योजना से घरेलू व सिंचाई के लिए पंप का कनेक्शन अलग-अलग किया जाएगा, ताकि सभी को राहत मिले। .
जानिए इतने फेस में होगा काम, पहले चरण में ये होगा
पहले फेस में सिटी डिवीजन में 12.64 करोड़ रुपए खर्च होगा कोरबा ओ एंड एम में 19.15, कटघोरा में 93.53 करोड़ की लागत से 33 केव्हीए,11 केव्हीए, एल टी एबी केबल,एल टी इंटर लिंकिंग जैसे कार्यो को प्राथमिकता के आधार पर कराया जाएगा। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंची 11 केवी पुराने तार को बदलकर नए कंडक्टर तारों का उपयोग जले या डेमेज एबी केबल को हटा कर नया केबल लगाया जाएगा। इसके अलावा दूर कनेक्शनों की दूरी का कम किया जाएगा। इसके अलावा कई फीडर निकाले जाएंगे। साथ ही काम क्षमता वाले छोटे-छोटे ट्रांसफार्मर को बदल कर उसकी क्षमता को बढ़ा कर लगाया जाएगा ताकि लो वोल्टेज की समस्या दूर हो सके। वहीं नई बस्तियों में जहां बिजली का कनेक्शन नहीं गया है, वहां बिजली की व्यवस्था पहुंचाई जाएगी। कनेक्शन व सिंचाई फीडर का कनेक्शन अलग किया जाएगा।
दूसरा फेस
दूसरे फेस में सबस्टेशनों में लगे पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि की जाएगी। सिटी डिविजन में 2 नए सबस्टेशन,तीन अतिरिक्त 5 एम व्ही ए का पावर ट्रांसफार्मर,लगाया जाएगा जिससे शहर में बिजली की सप्लाई सुचारू रूप से चले वहीं अन्य डिविजन में नए उपकेंद्र बनाए जाएगें। तीनों डिविजन में करीब 6 उपकेंद्र का निर्माण होगा,साथ ही नए 33 केव्हीए लाइन का विस्तार भी किया जाएगा।
इन्हें मिलेगा फायदा
इस योजना से सबसे ज्यादा किसानों को फायदा होगा। वर्तमान में घरेलू व पंप का कनेक्शन एक साथ है। इसके कारण आए दिन लो-वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। इसके चलते खेतों में की सिंचाई नहीं हो पाती है और फसल गर्मी में झुलस जाते हैं। पंप कनेक्शन अलग होने से लो-वोल्टे की समस्या दूर होगी और फसलों को सही समय में पानी भी मिलेगा, जिससे फसल झुलसने से बच जाएगा।
विद्युत फाल्ट आने से कई दिनों तक गांवों में ब्लैक आउट रहती है इसकी वजह से ग्रामीणों को परेशानी होती है। मार्च महीने से ये समस्याएं शुरू होती है इसके कारण पढ़ाई लिखाई भी बच्चे नहीं कर पाते हैं। पंप कनेक्शन से घरेलू कनेक्शन को अलग किया जाएगा और एक ही फीडर में अनेक गांवों को कनेक्शन दिया गया है उसकी दूरी भी कम करेंगे। इससे ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। लो वोल्टेज व कई दिनों तक बिजली बंद की समस्या दूर होगी।
जानिए इतने जगह बनेगे 33/11 के नए उपकेंद्र
सिटी डिविजन में 2,कोरबा ओ एंड एम में 2, कटघोरा में 2 उप केंद्र का निर्माण किया जाएगा। बता दे कि इससे पहले और 7 उपकेंद्रों के निर्माण की प्रक्रिया जारी है जिसमे मुड़पार, दादर,मिशन रोड़, साड़ा कालोनी दर्री, फरसवानी,करूमहुआ एवं बकसाही शामिल है।
पुराने प्रोजेक्ट में किये गए कार्यो का कोई आंकलन नही-
जिले की विद्युत व्यवस्था सुधारने के लिए अनेक प्रोजेक्ट आये पर लचर विद्युत व्यवस्था में किसी भी प्रकार का सुधार देखने को नही मिला। जिले में हजारों किलोमीटर के एबी केबल सहित ट्रांसफार्मर का कार्य किया जा चुका है।किंतु केबल बीच बस्ती में लटके नजर आ रहे है जिसको आज पर्यन्त तक चार्ज नही किया गया है और विद्युत चोरी खुलेआम चल रही है। खुले ट्रांसफार्मर के डब्बे आये दिन दुर्घटना को दावत देता दिख रहा है पर विभाग में किसी को सूध लेने की फुर्सत नही है,विभागीय अमला बस एक सूत्रीय कार्यक्रम में चल रहा है कि माल कहाँ से खीचना है।