बेंगलुरु : कर्नाटक में सीएम सिद्दरमैया समेत कई कैबिनेट मंत्रियों को एक साथ धमकी भरा मेल आने से पूरे महकमे में हंगामा फैल गया है। दरअसल, सीसीबी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है।
ये धमकी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर सहित प्रमुख हस्तियों को भेजी गई थीं। shahidkhan10786@protonmail.com के ईमेल से सभी को यह धमकी मिली है।
‘फिल्म का ट्रेलर कैसा लगा’
मेल में लिखा, “फिल्म का ट्रेलर आपको कैसा लगा? अगर आप हमें 2.5 मिलियन डॉलर नहीं देंगे, तो हम पूरे कर्नाटक में बसों, ट्रेनों, मंदिरों, होटलों और सार्वजनिक क्षेत्रों में बड़े विस्फोट करेंगे। हम आपको एक और ट्रेलर दिखाना चाहते हैं। हम अगला विस्फोट अंबारी उत्सव बस में करने जा रहे हैं। अंबारी उत्सव बस विस्फोट के बाद, हम सोशल मीडिया पर अपनी मांग उठाएंगे और आपको भेजे गए मेल के स्क्रीनशॉट अपलोड करेंगे। हम अगले विस्फोट के बारे में जानकारी पोस्ट करेंगे।” इस बीच बेंगलुरु सिटी क्राइम ब्रांच पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
पीएम मोदी को धमकी देने वाला गिरफ्तार
इससे पहले, कर्नाटक पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में मोहम्मद रसूल कद्दारे नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जिसमें उसने पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी दी थी।
कर्नाटक के यादगिरि के सुरपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी की गई। आरोपी पर यादगिरि के सुरपुर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 505(1)(B), 25(1)(B) और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने कहा, “अपने मोबाइल फोन पर वीडियो बनाने वाले रसूल ने प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को अस्पष्ट शब्दों में गाली दी।”
भाजपा ने राज्य सरकार पर बोला हमला
घटना पर बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता और वरिष्ठ वकील नलिन कोहली ने कहा कि कर्नाटक में अचानक ऐसे तत्व सामने आने लगे हैं, जो आपत्तिजनक नारे कहना चाहते हैं, जो पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी देते हैं और जो रेस्तरां में बम रख रहे हैं।
उन्होंने कहा, “इससे पता चलता है कि कर्नाटक में ऐसे तत्व अचानक सामने आने लगे हैं जो आपत्तिजनक नारे कहना चाहते हैं, जो पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और जो एक रेस्तरां में बम रख रहे हैं। कर्नाटक पुलिस और अन्य एजेंसियां वास्तव में काम कर रही हैं, लेकिन इस सब के पीछे की मानसिकता क्या है?”