Injection to Remove your Poison
भारत में हर साल सांप के काटे जाने से कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है कि लोग अभी भी सांप काटने के बात एंटी वेनम इंजेक्शन लगवाने की बजाय झाड़ फूक में विश्वास करते हैं. खासतौर से वो लोग जो भारत के ग्रामीण इलाकों में रहते हैं. लेकिन अब इन लोगों की सोच में भी बदलाव आ रहा है और लोग सांप के काटने के बाद हॉस्पिटल जा कर एंटी वेनम इंजेक्शन लगवा रहे हैं.
अब ऐसे में एक सवाल ये उठता है कि आखिर सांप के जहर को खत्म करने के लिए जो इंजेक्शन लगाया जाता है, क्या उसमें भी किसी सांप का जहर होता है या फिर कुछ और होता है. चलिए आज इसी सवाल का जवाब जानते हैं.
कैसे बनता है एंटी वेनम इंजेक्शन Injection to Remove your Poison
एंटी वेनम इंजेक्शन को बनाने में सांप का जहर तो लेते ही हैं, लेकिन इसके साथ-साथ घोड़े का खून भी लेते हैं. दरअसल, जब वैज्ञानिकों को कोई एंटी वेनम इंजेक्शन बनान होता है तो सबसे पहले वो एक जहरीले सांप का जहर लेते हैं और उसे पाउडर के रूप में चेंज करते हैं. इसके बाद इस पाउडर की मदद से एक इंजेक्शन तैयार किया जाता है. फिर यही इंजेक्शन लैब में मौजूद एक घोड़े को लगाया जाता है. इस प्रक्रिया के कुछ समय बाद उस घोड़े से थोड़ा सा खून निकाला जाता है और फिर उसी की मदद सीरम बनाया जाता है. बाद में इसी सीरम की मदद से इंसानों के लिए एंटी वेनम इंजेक्शन तैयार किया जाता है.
चूहों की बजाय घोड़ों पर क्यों होता है प्रयोग Injection to Remove your Poison
दरअसल, घोड़े शारीरिक रूप से काफी मजबूत होते हैं. इनके अंदर मौजूद एंटीबॉडी अन्य जानवरों की तुलना में काफी बेहतर होती है. यही वजह है कि जब किसी घोड़े को सांप काट लेता है या फिर उसके अंदर किसी तरह का जहर डाला जाता है तो घोड़े के शरीर में मौजूद एंटीबॉडी एक्टिव हो जाते हैं और उस जहर से फाइट करने लगते हैं. यही वजह है कि वैज्ञानिक घोड़ों को इसके लिए चुनते हैं.
भारत में सांप के काटने से होने वाली मौतें Injection to Remove your Poison
आपको बता दें, दुनियभर में सांपों की 3500 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं. हालांकि, इनमें से मात्र 600 प्रजातियां ही ऐसी हैं जो जहरीली होती हैं. वहीं इन 600 में से 200 ऐसी प्रजातियां हैं जो इंसानों पर हमले के लिए जानी जाती हैं. लेकिन यही 200 प्रजातियां हर साल भारत में लगभग 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत का कारण बनती हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल सांपों के काटने से 46,900 लोगों की मौत हो जाती है.