कोरबा/ब्लैकआउट न्यूज़ – Gitanjali’s balcony fell कल देर रात पुराना कोरबा स्थित गीतांजलि भवन का छज्जा भरभराकर कर गिर गया जहाँ छज्जा गिरा उसी के पास ही 2 लोग आपस मे बात कर रहे थे तभी जोर की आवाज से वे दोनों वहां से भागे अलबत्ता दोनो को कोई नुकसान नही पहुचा लेकिन गीतांजलि भवन का छज्जा गिरना खतरे से खाली नही है ।
Gitanjali’s balcony fell

बतातें चले कि वर्ष 1983 में कोरबा की पहली भव्य बिल्डिंग गीतांजलि भवन का निर्माण कराया गया था मसलन 41 साल पहले बने इस भवन की हालत अत्यंत जर्जर हो चली है आये दिन छज्जे गिरने की शिकायत आम हो गयी है ।
वर्ष 1976 में अविभाजित मध्यप्रदेश काल मे कोरबा विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया था तब कोरबा ग्राम पंचायत से मुक्त होकर प्राधिकरण के अधीन हुआ तब कोरबा में विकास की नई डगर तैयार हुई उसी का परिणाम था कि कोरबा में गीतांजलि भवन का निर्माण हुआ लेकिन निर्माण के बाद से रख रखाव के अभाव में बिल्डिंग जर्जर हो गयी है ।
दुकानदारों ने नीव कर दी कमजोर निगम अमला खामोश Gitanjali’s balcony fell

बतादें की कोरबा गीतांजलि भवन में दुकानदारों ने 2 या दो से अधिक दुकाने ले रखी है जिसके बीच की दीवारों को नियम विरुद्ध बिना अनुमति के तोड़कर दुकानों को एक कर दिया है जिससे बिल्डिंग की नींव कमजोर हो गयी है निगम अमला ये सब जानते हुए भी कुम्भकर्णी नींद सो रहा है कभी कोई बड़े हादसे का इन्तेजार हो रहा है 41 साल पुरानी इस बिल्डिंग का जर्जर होना और निगम अमले का उदासीन होना किसी बड़े हादसे की ओर इशारा कर रहा है।