कोरबा,13 अक्टूबर (ब्लैकआउट न्यूज़) Garba Dandiya Celebrations पं. रविशंकर शुक्ल नगर में बीते 9 दिनों से चल रहे गरबा-डांडिया उत्सव का समापन एक शानदार समारोह के साथ हुआ, जिसने पूरे शहर को सांस्कृतिक जोश और ऊर्जा से सराबोर कर दिया। पं. रविशंकर शुक्ल नगर में आयोजित यह उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि एक ऐसा सांस्कृतिक उत्सव भी साबित हुआ, जिसने सभी आयु वर्ग के लोगों को एक साथ जोड़ दिया।
आयोजन के समापन में उत्साह, नृत्य और उल्लास की ऐसी छटा बिखरी कि शहर के लोगों की स्मृतियों में यह आयोजन लंबे समय तक ताज़ा रहेगा।
Garba Dandiya Celebrations

समापन समारोह की शोभा बढ़ाने के लिए मुख्य अतिथि पद्माकर शिंदे (जिला कार्यक्रम प्रबंधक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन), थाना प्रभारी कोतवाली एम. बी. पटेल और कोरबा प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेंद्र जायसवाल मौजूद रहे। इन प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति ने न केवल कार्यक्रम का महत्व बढ़ाया, बल्कि उन्होंने आयोजन के प्रति अपने गहरे सम्मान और समर्थन को भी दर्शाया।
Garba Dandiya Celebrations विजेताओं का अद्भुत सम्मान: परफॉर्मेंस ने दर्शकों को मोहित किया

समारोह के अंतिम दिन गरबा और डांडिया की धुनों पर जब प्रतिभागियों ने अपने रंग-बिरंगे परिधानों में मंच संभाला, तो पूरा माहौल उल्लास और जोश से भर उठा। सभी की नजरें प्रतियोगिता के अंतिम परिणाम पर टिकी थीं। आराध्या पी.सी. ने अपने अद्भुत नृत्य कौशल के दम पर प्रथम स्थान प्राप्त किया और उन्हें फ्रिज से सम्मानित किया गया। आर्यन ने अपने नृत्य के माध्यम से दर्शकों का दिल जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया और उन्हें रोटी मेकर भेंट किया गया। तृतीय स्थान की विजेता अशेलेषा सिंह राजपूत को साउंड सिस्टम प्रदान कर सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों ने न केवल उनकी कड़ी मेहनत को सराहा, बल्कि यह उनके समर्पण और नृत्य कला के प्रति उनके जुनून का प्रतीक भी बने।
Garba Dandiya Celebrations हर किसी को मिला सम्मान: सांत्वना पुरस्कार और बच्चों के लिए खास उपहार

इस आयोजन की विशेषता रही कि न केवल विजेताओं, बल्कि हर दिन के उत्कृष्ट प्रतिभागियों को भी मान्यता दी गई। पूरे नौ दिनों में 20 प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए, जिससे उनके उत्साह और कला को प्रोत्साहन मिला। इसके अलावा, 70 मासूम बच्चों को आकर्षक उपहार भेंट किए गए, जिन्होंने अपने भोलेपन और मासूमियत से सभी का दिल जीता।
गरबा-डांडिया केवल नृत्य नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का गहरा प्रतीक है, जिसने कोरबा के समाज को एक सूत्र में बांध दिया। इस आयोजन ने न केवल धार्मिक आस्था को जीवित रखा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को एक मंच पर लाकर सांस्कृतिक समृद्धि और सामूहिक सौहार्द का संदेश भी दिया।

मुख्य अतिथि पद्माकर शिंदे ने अपने उद्बोधन में कहा, “ऐसे आयोजनों से हमारी युवा पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ी रहती है और यह आयोजन केवल नृत्य का नहीं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का माध्यम है।” एम. बी. पटेल ने कहा, “कोरबा जैसे शहर में इतना बड़ा और भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होना गर्व की बात है। इस तरह के कार्यक्रम सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत करते हैं।” कोरबा प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेंद्र जायसवाल ने भी आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए इसे सामाजिक सौहार्द का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
Garba Dandiya Celebrations कोरबा की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक: हर साल नए कीर्तिमान
आयोजन समिति के अध्यक्ष गणेश्वर दुबे ने कहा, “हमारा लक्ष्य हर वर्ष इस आयोजन को और भी भव्य और विस्तृत बनाना है, ताकि यह न केवल मनोरंजन का माध्यम बने, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर का वाहक भी।” तीन वर्षों से चल रहा यह उत्सव अब कोरबा की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है, और आने वाले सालों में इसे और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
यह आयोजन कोरबा के लोगों को न केवल मनोरंजन का अद्भुत अवसर प्रदान करता है, बल्कि यह समाज में आपसी सहयोग, सौहार्द और एकता को मजबूत करने वाला भी साबित होता है। पूरे 9 दिनों के इस भव्य आयोजन ने कोरबा के सांस्कृतिक इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ा, जिसे यहां के लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।