Fraud in the temple of education फर्जी दस्तावेज के सहारे कर रहे थे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़, प्रधान पाठक सहित 4 शिक्षक निलंबित

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कोरबा। Fraud in the temple of education पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय से शिक्षक की गरिमापूर्ण नौकरी कर बच्चों को सच्चाई का पाठ पढ़ाने वाले एक प्रधान पाठक समेत चार शिक्षकों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी करने का गंभीर आरोप लगा है। शिकायत थी कि इन्होंने नौकरी पर ज्वाइनिंग के वक्त 12वीं की जो अंकसूची विभाग में प्रस्तुत की, उसके अंक सेवा पुस्तिका में दर्ज जानकारी से अलग है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने नोटिस जारी कर इस गड़बड़ी का जवाब मांगा। स्पष्टीकरण संतोषप्रद न मिला, जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने चारों को निलंबित कर दिया है।

Fraud in the temple of education

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खंड शिक्षा अधिकारी कोरबा की ओर से यह स्पष्टीकरण शासकीय प्राथमिक शाला करमंदी के प्रधान पाठक मिनेश कौशिक, विनोद निराला, राम लाल जांगड़े व दिलीप कुर्रे को जारी किया गया था। प्राथमिक जांच के बाद सामने आए तथ्यों के आधार पर इन सभी को डीईओ टीपी उपाध्याय ने सस्पेंड कर दिया है। इसमें प्रधान पाठक कौशिक की बात करें तो वर्ष 2007 में शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की चयनित सूची प्राप्त प्राविण्य सह प्रतीक्षा सूची के आधार पर जारी हुई। तब शिक्षाकर्मी वर्ग के पद पर नियुक्ति के समय आवेद‌क शिक्षाकर्मी वर्ग-3 मिनेश कौशिक द्वारा प्रस्तुत कक्षा 12वीं की अंकसूची तथा सेवा पुस्तिका में प्रस्तुत अंकसूची में अंतर है।

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इनके मिलान से पता चला कि कक्षा 12वीं की प्राप्तांक में भिन्नता है, जिस के कारण प्रधान पाठक को पिछले माह 20 मई को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। जिस आधार पर कार्यालय जनपद पंचायत कोरबा के द्वारा शिक्षाकर्मी वर्ग -3 के पद पर नियुक्ति की गई थी, उसी दस्तावेज की सत्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसकी अंकतालिका तैयार कर प्रवीण सूची जारी कर मिनेश कौशिक को शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई। नियुक्त शिक्षाकर्मी-3 की पात्र चयन सूची सह अंकतालिका प्रदान किया गया है। जिसमें श्री कौशिक द्वारा नियुक्ति के समय प्रस्तुत कक्षा 12वी अंकसूची तथा सेवापुस्तिका में प्रस्तुत अंकसूची के अंकों में भिन्नता है।

 

यह शिक्षकर्मी वर्ग-3 के लिए निर्धारित नियुक्ति शर्तों के सर्वथा विपरीत है। इस प्रकार का कृत्य कदाचरण की श्रेणी में आता है। ऐसे ही कारण शेष तीन शिक्षकों के प्रकरण भी सामने आए हैं।

दस्तावेजों में भिन्नता मिलने पर की गई कार्यवाही : DEO उपाध्याय

इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी अपना अपना जवाब 7 दिवस की अवधि में अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष उपस्थित होकर प्रस्तुत करने कहा गया था। जांच और बयान के बाद इस प्रकार के कृत्य से इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की गई। उनके द्वारा प्रस्तुत जवाब संतोषप्रद या समाधानकारक नहीं होने के स्थिति में जिला शिक्षा अधिकारी ने निलंबन की कार्रवाई की है।

इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी टीपी उपाध्याय ने कहा कि नियुक्ति के समय जो अंकसूची प्रस्तुत किया गया था, उसमें दर्ज प्राप्तांक, वर्तमान में विभाग में प्रस्तुत दस्तावेज से अलग अलग है। इसे देखते हुए 4 शिक्षक एलबी को सस्पेंड किया गया है।

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