छत्तीसगढ़ के कई जिलों में हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। कोरबा में भी कुछ दिनों से हाथियों का लगातार उत्पात जारी है। कटघोरा क्षेत्र में ही हाथी हाल ही में 3 लोगों की जान ले चुके हैं। इसे देखते हुए प्रदेश में पहली बार थर्मल ड्रोन से हाथियों की निगरानी शुरू की गई है। इसके लिए रायपुर से एक टीम को बुलाया गया है, जो कि रात में भी हाथियों को ट्रैक कर रही है।
कटघोरा डीएफओ कुमार निशांत ने बताया वनमंडल में लोगों को हाथियों के हमलों से बचाने के लिए काम किया जा रहा था। ऐसे में अब थर्मल ड्रोन से निगरानी की तकनीक को शामिल किया गया है। इसके चलते अब हमारे काम में और भी बेहतरी आ सकेगी। इस ट्रैकिंग से वन मंडल के हाथी मित्र दल को काम करने में मदद मिली है।
थर्मल ट्रैकिंग के बाद जन हानि नहीं
डीएफओ ने बताया कि थर्मल ट्रैकिंग के बाद हमले या किसी भी तरह जन हानि नहीं हुई है। आगे चलकर एक्सपर्ट कटघोरा वन मंडल के स्टाफ को भी ट्रेनिंग देंगे। इसके अलावा हाथी प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों को हाथियों के व्यवहार के बारे में बताया जाएगा और उनके प्रति जागरूक भी करेंगे। इसका मकसद मनुष्य और हाथियों के बीच हो रहे द्वंद्व को कम करना है।
एक हाथी जो अकेले रहना पसंद करता है
ड्रोन से निगरानी के लिए रीलॉन कंपनी से अभिनंदन तिवारी और अभिषेक सिंह की टीम ने काम किया है। थर्मल टेक्नोलॉजी रात में जीव-जंतुओं को उनके बॉडी के तापमान के हिसाब से इमेज बनाती है। इसके लिए लाइट की जरूरत नहीं होती। निगरानी के दौरान पता चला कि एक हाथी रात के 12 से 3 बजे तक लगातार सोता है। अकेले रहता है। तालाब का कीचड़ लगाता है और फिर सो जाता है।
ड्रोन शरीर के तापमान से लगाता है जानवरों का पता
ड्रोन जीवित प्राणियों को उनके शरीर के तापमान के माध्यम से पहचानता है और जानवर की तस्वीर कंप्यूटर स्क्रीन पर फ्लैश हो जाती है। इससे अधिकारियों को हाथियों और अन्य जानवरों के बीच अंतर करने में मदद मिलती है।
ड्रोन हाथी के झुंड, वयस्क सदस्यों और बच्चों की संख्या का पता लगाने में भी मदद करते हैं। शरीर के तापमान का पता लगाने से अधिकारियों को यह जानने में मदद मिलती है कि झुंड के अंदर कोई हाथी बीमार है या नहीं। ड्रोन का इस्तेमाल संभावित डेंजर जोन से झुंड को भगाने के लिए किया जाता है।
क्या होता ह थर्मल ड्रोन
थर्मोग्राफिक कैमरा (जिसे एक इन्फ्रारेड कैमरा या थर्मल इमेजिंग कैमरा या इंफ्रारेड थर्मोग्राफी भी कहा जाता है) ऐसा उपकरण है, जो इन्फ्रारेड रेडिएशन का उपयोग कर एक हीट जोन इमेज बनाता है। यह आम कैमरे के समान है, जो दृश्य प्रकाश का उपयोग करके एक छवि बनाता है। दृश्य प्रकाश कैमरे के 400-700 नैनोमीटर रेंज के बजाय इन्फ्रारेड कैमरे 14,000 एनएम (14 माइक्रोन) तक वेवलैंग्थ में काम करते हैं। इसे थर्मोग्राफी भी कहा जाता है।