Energy Conservation Day ऊर्जा संरक्षण दिवस पर पीजी कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन, बताया गया छोटी आदतों का है बड़ा लाभ

- Advertisement -

Energy Conservation Day कोरबा। विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस (Energy Conservation Day)पर शासकीय ईवीपीजी कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ऊर्जा संरक्षण के विषय पर प्राध्यापकों सहित छात्रों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। इस दौरान बताया गया कि किस तरह से ऊर्जा का संरक्षण मॉडर्नाइजेशन के दौर में और भी जरूरी हो जाता है। कैसे कोयला और अन्य ईंधन धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं और आने वाली पीढ़ियां इससे वंचित हो सकती हैं।

Energy Conservation Day

Energy Conservation Day
Energy Conservation Day

पीजी कॉलेज के रसायन विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कॉलेज की प्राचार्य डॉ साधना खरे ने ऊर्जा संरक्षण और इसके महत्व के विषय पर बताया। उन्होंने कहा कि सिर्फ बात करने से ही नहीं ऊर्जा संरक्षण के लिए सुझाए गए उपायों को हमें अपने दिनचर्या में शामिल करना होगा। इस दिशा में लोगों को जागरूक करना होगा। तभी ऊर्जा का संरक्षण संभव है। बॉटनी डिपार्टमेंट की एचओडी रेणुबाला शर्मा ने बताया कि कैसे हमारे पंचतत्व ऊर्जा का अभिन्न स्रोत रहे हैं और हमें लगातार ऊर्जा मिल रही है। अब जरूरत है इन्हें संरक्षित करने की।जितनी जरूरत हो, हमें उतनी ही ऊर्जा प्रकृति से लेनी चाहिए।

- Advertisement -
Energy Conservation Day
Energy Conservation Day

सहायक प्राध्यापक सुशील अग्रवाल ने ऊर्जा संरक्षण के लिए इकोलॉजी के सिस्टम को समझाया। उन्होंने हैंडप्रिंट और फुटप्रिंट के विषय में उपस्थित श्रोताओं को जानकारी दी। डॉ दिनेश श्रीवास ने दैनिक जीवन में ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न तरीकों से श्रोताओं को अवगत कराया। यह भी बताया कि किस तरह हम छोटी आदतों को बदलकर ऊर्जा का संरक्षण कर सकते हैं।

Energy Conservation Day
Energy Conservation Day

केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के सहायक प्राध्यापक और कार्यक्रम के संयोजक राजकुमार राठौर और विजेंद्र नामदेव ने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से ऊर्जा के स्रोत और इसके प्रकार पर प्रकाश डाला। प्रेजेंटेशन के जरिये बताया गया कि किस तरह से हम जब टीवी का स्विच ऑन छोड़ देते हैं। तब भी ऊर्जा की बर्बादी होती है। किस तरह से बिजली का उत्पादन होता है। कितनी जटिलता से बिजली हम तक पहुंचाई जाती है और हम इसे अपनी बुरी आदतों बर्बाद कर रहे हैं।

कई बार गैरजरूरी कार्य के लिए भी हम बिजली और अन्य उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं। छात्रों को यह भी बताया गया कि कैसे भारत का सरकार की संस्था बीईई द्वारा भौतिक उत्पादों को स्टार रेटिंग दी जाती है।

बच्चों को बताया गया की फाइव स्टार रेटिंग वाले उत्पाद ही खरीदना चाहिए। जिससे कि कम ऊर्जा खर्च हो और हमें अधिक परिणाम मिले। फाइव स्टार रेटिंग वाले टीवी, फ्रिज, इंडक्शन और इस तरह के कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कम ऊर्जा लेते हैं और हमें अधिक से अधिक परिणाम देते हैं। यह भी बताया गया कि कैसे कोयला और अन्य ईंधन धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं। आने वाले कुछ सालों में यह पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे। इसलिए हमें ऊर्जा का संरक्षण करना है। ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी ऊर्जा के यह स्रोत उपलब्ध हो सकें।

कार्यक्रम में ज्योति राठौर, कुंदन आनंद सहित शुभम ढोरिया, सुषमा धुर्वे, निर्मला राठौर मौजूद रहे। कॉलेज के छात्रों ने भी ऊर्जा संरक्षण पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

- Advertisement -
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -