कोरबा( संतोष कुमार सारथी) Disclosure of Korba firing incident थाना पसान अंतर्गत कुरथा गांव में 6 जनवरी 2025 को हुए सनसनीखेज गोलीकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। घटना का मुख्य कारण व्यवसायिक असहयोग और राजनीतिक द्वेष बताया गया है। मामले की साजिश पिछले एक साल से रची जा रही थी।
Disclosure of Korba firing incident
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल, एक पिस्टल, दो मैगजीन और आठ जिंदा कारतूस बरामद किए हैं।
क्या था मामला Disclosure of Korba firing incident
6 जनवरी की शाम कुरथा निवासी कृष्णा पांडेय अपने घर के बाहर उप सरपंच राम कुमार के साथ बाइक पर जा रहे थे। अचानक गोली चलने की आवाज आई और कृष्णा पांडेय घायल होकर गिर पड़े। उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां पता चला कि उनकी पीठ में गोली लगी है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोरबी चौकी प्रभारी ने पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी, अति पुलिस अधीक्षक यू.बी.एस. चौहान और अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा पंकज ठाकुर को इसकी जानकारी दी। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर साइबर सेल और पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से जांच शुरू की।
जांच के दौरान गिरफ्तार मुख्य आरोपी गजेंद्र सोरठे ने खुलासा किया कि वह उप सरपंच राम कुमार और रोजगार सहायक कलेश को रास्ते से हटाना चाहता था। गजेंद्र को शक था कि ये लोग उसके परिवार पर जादू-टोना करते थे और पंचायत चुनाव में उसके लिए बाधा बन सकते थे।
Disclosure of Korba firing incident
गजेंद्र ने अपने साथियों के माध्यम से पिस्टल खरीदी और शिव प्रसाद उर्फ मोनू सारथी के जरिए राज कुमार और राम कुमार सारथी को घटना को अंजाम देने के लिए राजी किया। आरोपियों ने घटना के दिन कृष्णा पांडेय और राम कुमार पर घात लगाकर हमला किया। गोली उप सरपंच राम कुमार को मारने के इरादे से चलाई गई थी, लेकिन वह कृष्णा पांडेय को लग गई।
पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है
1. राम कुमार सारथी (19), निवासी रतनपुर झरनापारा।
2. राज कुमार सारथी (35), निवासी रतनपुर झरनापारा।
3. गजेंद्र सोरठे (27), निवासी कुरथा बुढ़ापारा।
4. शिव प्रसाद उर्फ मोनू सारथी (25), निवासी कुरथा बुढ़ापारा।
5. वीरेंद्र कुमार आर्मो (28), निवासी मोरगा।
6. बलिंदर राजवाड़े (39), निवासी मानीडेडरी।
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गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
इस चुनौतीपूर्ण मामले को सुलझाने में कोरबी चौकी प्रभारी अफसर खान, साइबर सेल के अजय सोनवानी, और पुलिस टीम के अन्य सदस्यों की भूमिका सराहनीय रही। टीम ने सीमित समय में पेशेवर तरीके से साजिश का खुलासा किया।
इस खुलासे से न केवल घटना का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि यह भी साबित हुआ है कि पुलिस के मजबूत प्रयासों से समाज में कानून व्यवस्था कायम है।