Demand for action against NKH attackers NKH के हमलावरों पर कार्यवाही के लिए जिला इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कलेक्टर-एसपी से की मांग

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कोरबा। Demand for action against NKH attackers न्यू कोरबा हॉस्पिटल में तोड़फोड़ और स्टॉफ से मारपीट करने वाले पुलिस पकड़ से दूर हैं। इनके विरुद्ध सिविल लाइन थाना रामपुर में मामूली धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है जबकि इन पर छत्तीसगढ़ चिकित्सा सेवक तथा चिकित्सा सेवा संस्थान अधिनियम 2010 के तहत भी जुर्म दर्ज होना चाहिए.

Demand for action against NKH attackers 

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NKH

बता दें कि न्यू कोरबा हॉस्पिटल में पिछले दिनों एक्सीडेंट में घायल मरीज को भर्ती कराया गया था, जहाँ उसके परिजन और कुछ लोगों ने बकाया बिल भुगतान नहीं करते हुए अस्पताल में तोडफ़ोड़ और मारपीट की घटना को अंजाम दिया था। इसका वीडियो भी सामने आया था। परिजन मरीज को बकाया राशि भुगतान किए बगैर ही अस्पताल से लेकर कहीं दूसरे अस्पताल चले गए। इस मामले की शिकायत अस्पताल प्रबंधन ने सिविल लाइन थाना में कई जिस पर सख्त कार्यवाही नहीं होते देख जिला इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एसपी और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

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इसके बाद भी तोड़फोड़ और स्टॉफ से मारपीट करने वाले पुलिस पकड़ से दूर हैं, जबकि छत्तीसगढ़ चिकित्सा सेवक तथा चिकित्सा सेवा संस्थान अधिनियम 2010 में आरोपियों पर जेल और जुर्माना का प्रावधान है। इसके बाद भी पुलिस मामले को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रही है।

राज्य शासन ने अस्पतालों में स्टॉफ की सुरक्षा और संपत्ति तोड़फोड़ को लेकर छत्तीसगढ़ चिकित्सा सेवक तथा चिकित्सा सेवा संस्थान (हिंसा तथा संपत्ति की क्षति या हानि की रोकथाम) अधिनियम, 2010 लागू किया है। जिला इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि चिकित्सा सेवक के विरुद्ध हिंसा अथवा चिकित्सा सेवा संस्थान की सम्पत्ति की क्षति या हानि का कोई कृत्य गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। कोई अपराधी जो प्रावधान के धारा 3 के उपबंधों के उल्लंघन में हिंसा का कोई कृत्य करता है, या करने का प्रयास करता है या दुष्प्रेरित करता है, तो उसे कारावास से दण्डित किया जाएगा

 

जो तीन वर्ष तक का हो सकेगा, तथा जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा जो पचास हजार रुपए तक का हो सकेगा। इस अधिनियम के अधीन कारित कोई अपराध, संज्ञेय, जमानतीय तथा प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय द्वारा विचारणीय होगा। इसके अलावा प्रावधान के धारा 4 में विनिर्दिष्ट दण्ड के अतिरिक्त, अपराधी सम्पत्ति को पहुंचाई गई क्षति या हानि की दुगनी रकम के बराबर प्रतिकर भुगतान के लिए उत्तरदायी होगा, जैसा कि धारा 5 में निर्दिष्ट न्यायालय द्वारा अवधारित किया जाए। यदि अपराधी द्वारा उप-धारा (1) के अधीन अधिरोपित प्रतिकर का भुगतान नहीं किया जाता है, तो यह राशि भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जाएगी।

 

एसोसिएशन के कहना है कि इसके बाद भी कोरबा पुलिस इस गंभीर मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पुलिस की इस कार्यशैली से चिकित्सकों और एसोसिएशन के सदस्यों में असंतोष व्याप्त है। उनका कहना है कि आरोपियों पर अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि चिकित्सकीय संस्थानों में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो और मेडिकल स्टॉफ सुरक्षित वातावरण में कार्य संपादित कर सके।

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