रायगढ़/ब्लैकआउट न्यूज़- लोन लेने बैंक गए एक मजदूर दम्पत्ति की बेटी ने घर में फांसी लगा ली। फंदे पर छटपटा रही किशोरी को देख भाईयों ने उसे नीचे भी उतारा, फिर भी वह जिंदगी की जंग हार गई। यह दुखद प्रसंग लैलूंगा थाना क्षेत्र का है।
इस संबंध में सहायक उपनिरीक्षक चंदन सिंह नेताम ने बताया कि लैलूंगा से तकरीबन 7 किलोमीटर दूर ग्राम झगरपुर निवासी इंदर नाथ खडिय़ा रोजी मजदूरी करता है। शनिवार सुबह लगभग साढ़े 10 बजे इंदर नाथ लोन लेने के लिए अपनी पत्नी को लेकर बैंक गया था।
घर में उसकी आठवीं कक्षा में पढऩे वाली 14 वर्षीया बेटी मनीषा अपने छोटे भाई अरुण 8 साल तथा बड़े पिता के बेटे के साथ थी। आंगन में दोनों लड़के खेल रहे थे भूख लगने पर अरुण जब कुछ खाने के लिए रसोई की तरफ गया तो दरवाजे को भीतर से बन्द पाया।
ऐसे में अरुण ने अपने बड़े पिताजी के बेटे को बुलाकर जब जोर लगाते हुए दरवाजे को खोला तो अपनी बहन को म्यांर में बंधे मां की साड़ी के फंदे पर संदिग्ध परिस्थितियों में झूलते पाया चूंकि, फांसी पर लटकने वाली मनीषा छटपटा रही थी, इसलिए बदहवास दोनों लडक़ों ने किसी तरह उसे नीचे उतारा और आसपड़ोस के लोगों को इसकी जानकारी दी।
आनन-फानन में खडिय़ा दम्पत्ति के बैंक से आने पर मनीषा को नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी सांसों की लडिय़ां असमय टूटकर बिखर गई।
आठवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा ने किन कारणों से त्रस्तता अनुभव कर ऐसा आत्मघाती कदम उठाया, इसका खुलासा नहीं हो पाया मृतिका के पिता इंदर नाथ खडिय़ा की सूचना पर लैलूंगा पुलिस मर्ग कायम कर जांच पड़ताल में जुटी है।